नये कार्डियोलॉजी विभाग का शुभारंभ, वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. शुभम जोशी द्वारा नियमित परामर्श सेवायें प्रारंभ
न्यूजवेव @कोटा
शहर के मैत्री हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी हृदय रोग विभाग का गुरुवार से शुभारंभ हो गया। एक ही छत के नीचे कई गंभीर व असाध्य बीमारियों के लिए विश्वसनीय सुपर स्पेशलिटी सेवाएं प्रदान करने में मैत्री हॉॅस्पिटल का नाम भी जुड गया है।
हॉस्पिटल के निदेशक डॉ.जे.के.सिंघवी ने बताया कि मैत्री हॉस्पिटल विगत 16 वर्ष से सभी तरह के मरीजों को विश्वसनीय सेवायें प्रदान कर रहा है। रोगियों की आवश्यकता को देखते हुये हृदय रोग विभाग भी प्रारंभ किया गया है। इस विभाग में सीनियर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.शुभम जोशी अपनी सेवाएं देंगे। परामर्श समय प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक एवं संपूर्ण इमरजेंसी सेवाएं 24 घंटे उपलब्ध रहेगी।
हॉस्पिटल में निदेशक मंडल में वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अशोक शारदा, वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डॉ.मामराज अग्रवाल, डॉ अशोक जैन, डॉ अशोक शर्मा, प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ रत्ना जैन ने बताया कि नये कार्डियोलॉजी विभाग में हृदय रोगों से संबंधित सभी समस्याओं का उपचार एवं रोगियों को भर्ती करने की सेवाएं शुरू कर दी गई है। हृदय रोगियों के लिये एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, पेसमेकर जैसी सभी आधुनिक सुविधाएं उचित दरों पर उपलब्ध हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि शीघ्र ही आरजीएस, आयुष्मान भारत, आरोग्य योजना के तहत भी निःशुल्क उपचार की सेवायें हृदय रोगियों को भी मिल सकेगी। डॉ.अशोक जैन ने बताया कि डॉ. शुभम जोशी डीएम कार्डियोलॉजी हैं। वे प्रतिष्ठित संजय गांधी पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल कॉलेज से प्रशिक्षित हैं। उन्होंने हंगरी इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी से विशेष हृदय रोग की फैलोशिप प्राप्त की है। ऐसा करने वाले वह कोटा संभाग के प्रथम कार्डियोलॉजिस्ट हैं।
कम उम्र में बढ रहा है हृदय रोग
वरिष्ठ कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. शुभम जोशी ने बताया कि कम उम्र में हृदय रोग संबंधी बीमारियां सामने आ रही हैं। इसका प्रमुख कारण है-अनियमित जीवन शैली, असंतुलित खानपान एवं युवाओं में बढता मोटापा। आजकल बाजार में आसानी से मिलने वाला जंक फूड और फास्ट फूड युवा वर्ग में इस तरह की गंभीर बीमारियों को बढ़ाने में बहुत योगदान दे रहा है। व्यस्त दिनचर्या के कारण उत्पन्न तनाव भी इसका प्रमुख कारण है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.अशोक शारदा ने बताया कि बच्चों में जन्म से ही हृदय संबंधी बीमारियों का पता लगाना अब संभव है। डॉक्टर रत्ना जैन ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को गर्भ धारण करने के पहले से ही डॉक्टर से उचित परामर्श लेना चाहिए क्योंकि शरीर के अंगों में सबसे पहले ह्रदय ही बनता है। जन्म के बाद सम्पूर्ण विकास के लिये संतान का पूरी तरह स्वस्थ बने रहना बहुत महत्वपूर्ण है।