Saturday, 15 March, 2025

आखिर देश मे कोयले की कमी क्यों?

कई राज्यों में बिजली संकट गहराया

न्यूजवेव @ नई दिल्‍ली

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने कुछ दिन पहले कोयले की कमी की पुष्टि करते हुए कहा था कि देश के बिजली उत्‍पादित केंद्रों में अधिकतम 7 दिन का ही कोयला बचा है। जबकि नियमानुसार इन संयंत्रों के पास 10 दिनों का कोयला स्‍टाक होना जरूरी है। प्राधिकरण ने यह भी जानकारी दी थी कि अधिकतर बिजलीघरों पर महज 3-4 दिनों का ही कोयला बचा हुआ है, जबकि कुछ ऐसे हैं जहां पर महज एक ही दिन का कोयला बचा हुआ है। ऐसे में यदि तुरंत कोयला आपूर्ति नहीं की गई तो बिजली संयंत्रों को बंद करना पड़ सकता है। ऐसे में बिजली की जबरदस्‍त किल्‍लत हो सकती है।
ऊर्जा विशेषज्ञ के अनुसार, कोयले की कमी के पीछे बड़े और अहम कारण हैं। इनमें जबरदस्‍त बारिश का होना, बारिश की वजह से कोयले की ढुलाई बाधित होना, कोयला खनन के लिए आधुनिक तकनीक का न होना और कोयले को लेकर होने वाले मैनेजमेंट में आई दिक्‍कत है। हालांकि वो ये भी मानते हैं कि देश में कोयले का पर्याप्‍त भंडार उपलब्‍ध है, लेकिन कुछ समस्‍याओं के चलते इसकी कमी सामने आ रही है।

70 फीसदी बिजली उत्पादन थर्मल से
देश में बिजली की मांग का करीब 70 फीसदी कोयला आधारित थर्मल से बनी बिजली से ही पूरा होता है। हालांकि भारत की खदानों से निकलने वाले कोयले की क्‍वालिटी बहुत अच्‍छी नहीं होने की वजह से विदेशों से भी कोयला आयात किया जाता है। इनमें मुख्‍यरूप से अमेरिका, इंडोनेशिया और आस्‍ट्रेलिया है। हाल के कुछ समय में इंडोनेशिया से आने वाले कोयले की कीमत ढाई गुना से भी अधिक हो गई है। पहले जहां ये 60 डालर प्रतिटन थी वहीं अब ये बढ़कर 200 डालर प्रति टन हो चुकी है। इसकी वजह से आयातित कोयले में कमी आई है। कोयला मंत्रालय ने भी इसका जिक्र किया है।
कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि बिजली की मांग में आई तेजी की वजह से भी संयंत्रों में कोयले की कमी हुई है। इसके अलावा महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान, तमिलनाडु, उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश में कोयला कंपनियों की तरफ से बकाया भुगतान की समस्‍या भी सामने आई है, जिसकी वजह से कोयले की कमी देखने को मिली है।

(Visited 356 times, 1 visits today)

Check Also

आत्मनिर्भर भारत के लिये बाहरी सुरक्षा और आंतरिक शांति बड़ी चुनौती – श्री रमेश पप्पा

आरएसएस कोटा महानगर द्वारा ‘राष्ट्र के समक्ष चुनौतियां और हमारी भूमिका’ पर प्रबुद्धजन संगोष्ठी न्यूजवेव@ …

error: Content is protected !!