न्यूजवेव @ कोटा
मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अब टाइगर एमटी-1 का बसेरा बढने लगेगा। आने वाले दिनों में यहां दो बाघिनों को शिफ्ट करने की योजना पर अब कानूनी अड़चन नहीं रहेगी।
राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में रिजर्व में बाघ शिफ्टिंग पर रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी है। टाइगर रिजर्व में बाघिन के पुनर्वास के लिए न्यायालय ने हरी झंडी दे दी।
याद दिला दें कि रणथम्बौर अभयारण्य की सीमा से जुडे़ मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 3 अप्रैल,2018 को रामगढ़ सेंचुरी के जंगल से बाघ एमटी-1 को टैंªक्यूलाइज करके विस्थापित किया गया था। इसके बाद सुरक्षा के लिए रिजर्व में संरक्षित क्षेत्र विकसित किया गया। इस बीच, बाघ विस्थापन में कमियां बताते हुए मध्यप्रदेश के अजय शंकर दुबे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर बाघिन को इस क्षेत्र में शिफ्टिंग करने पर रोक लगाने की मांग की। 27 नवंबर को याचिका पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था।
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 9 माह बाद भी एमटी-1 के साथ मादा बाघ को विस्थापित नहीं किए जाने से बाघ को अनुकूल वातावरण नहीं मिल सका। राज्य सरकार ने दिसंबर,2017 में इस अभयारण्य में एक बाघ व दो बाघिनों को रखने की योजना पर कार्य शुरू किया था। लेकिन बाघिनों के नहीं आने से जंगल में बाघ एमटी-1 इकलौता ही घूमता रहा।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद हाडौती क्षेत्र के वन्यजीव प्रेमियों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि एमटी-1 के बाद अब बाघिनों के आने से निकट भविष्य में यह क्षेत्र पर्यटन के मानचित्र पर तेजी से उभरेगा। वन्यजीव विभाग द्वारा रिजर्व में संरक्षित क्षेत्र को विकसित करने के लिए बडे़ स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं। दरा क्षेत्र में वन्यजीवों की संख्या में भी वृद्धि होने से बाघों के लिए यह अनुकूल क्षेत्र बन गया है।