Wednesday, 11 December, 2024

मुकंदरा हिल्स में तीसरा बाघ जल्द देगा दस्तक

एमटी-1 के बाद बाघिन एमटी-2 को रास आया मुकंदरा हिल्स का वातावरण, दूसरी बाघिन के आने का इंतजार खत्म

न्यूजवेव @ कोटा
मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में टाइगर एमटी-1 की हमराह बनी बाघिन एमटी-2 ने दो दिनों से दरा के जंगलों में स्वच्छंद विचरण शुरू कर दिया है। संभावना जताई जा रही है कि शुक्रवार को उसने एक चीतल को अपना भोजन बनाया।

विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, रणथम्भौर अभ्यारण्य से दूसरी बाघिन को मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में इस माह के अंतिम सप्ताह में इस किसी भी दिन शिफ्ट किया जा सकता है। वन्यजीव विभाग का प्रयास है कि यहां का जलवायु एवं क्रॉसबीड के लिए अनुकूल वातावरण होने से इस रिजर्व को विकसित करने में बहुत मदद मिलेगी।

मुकंदरा हिल्स अभयारण्य राज्य के चार जिलों कोटा, बूंदी, झालावाड़ व चिŸाौड़गढ़ में लगभग 760 वर्ग किलोमीटर में फैला है। वन्यजीव अधिकारियों के अनुसार, इसका क्षेत्रफल सरिस्का सेंचुरी से ज्यादा है। सरिस्का सेंचुरी में भी शुक्रवार को बाघिन टी-10 ने तीन शावकों को जन्म दिया है।

रणथम्भौर सेंचुरी में इस समय 62 से अधिक टाइगर होने से वहां के नर बाघ समीपवर्ती मुंकदरा रिजर्व में आकर अन्य मादा बाघ से क्रॉसबीड कर सकेंगे, जिससे निकट भविष्य में यहां एमटी-1 टाइगर की हाईब्रिड देखी जा सकती है।

वन्यजीवों का बसेरा बना मुकंदरा

वन्यजीव विशेषज्ञ तपेश्वर सिंह ने बताया कि चंबल किनारे दरा के जंगल में बाघ, पैंथर, भालू, सांभर, चीतल, जरख (हाइना), भेड़िया, लोमड़ी, नीलगाय, काले हिरण, वनविलाव, खरगोश, दुर्लभ स्याहगोह, निशाचर सिविट केट और रेटल जैसे दुर्लभ वन्यजीव अनायास ही देखने को मिल जाते हैं। वन्य अधिकारियों के अनुसार, मुकंदरा क्षेत्र में लगभग 1000 चीतल, 60 भालू, 60 से 70 पैंथर, 60 नील गायों सहित बाघ प्रजाति के 6 बघेरा (लेपर्ड) भी हैं। बडी संख्या में छोटे वन्यजीव भी इस क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। ऐसे में टाइगर के लिए यह पसंदीदा क्षेत्र बनेगा।

(Visited 557 times, 1 visits today)

Check Also

श्री फलौदी माता मंदिर पर अन्नकूट महोत्सव में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

– मेड़तवाल वैश्य समाज की सिद्धपीठ खैराबादधाम में गोपाष्टमी पर देशभर से पहुंचे श्रद्धालु न्यूजवेव …

error: Content is protected !!