Thursday, 12 December, 2024

स्टार्टअप के लिए आईपीआर सबसे जरूरी – डॉ. दवे

इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स पर गुजरात में हुई राज्य स्तरीय सेमिनार
न्यूजवेव @ गांधीनगर
गुजरात के कड़ी सर्व विश्वविद्यालय में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) पर राज्य स्तरीय सेमिनार में मुख्य वक्ता आईपी मोमेंट, नईदिल्ली के संस्थापक निदेशक डॉ.परेश सी.दवे ने कहा कि आज हर युवा नई सोच एवं नये आइडिया रखता है, यदि उनको इनोवेटिव कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाए तो वे नए प्रॉडक्ट विकसित कर सकते हैं, जिससे समाज को लाभ होगा।

Prof. Ajay Gaur

वर्तमान परिदृश्य में एक सफल व्यवसाय के लिए केवल क्रिएटिविटी और इनोवेश करना ही चाबी नहीं है, बौद्धिक संपदा (IP) के माध्यम से हम अपने मस्तिष्क से असीमित सृजन करने में सक्षम हो सकते हैं। जैसे- आर्ट वर्क, डिजाइन या सिंबल, इमेज या अन्य कई चीजें हम कर सकते हैं।
इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी अधिकार आपका नई खोज, इनावेशन, मार्क का नाम, प्लान या आइडिया के पीछे सोच किसकी है, इसके लिए कानूनी सुरक्षा भी देता है। आईपीआर से आपको व्यवसाय का लाइसेंस मिल जाता है, जिससे व्यवसाय में बढोतरी करने पर उस पर प्रोप्राइटर का ही नियंत्रण रहता है।

सेमिनार में प्रमुख स्वामी साइंस कॉलेज, एचडी पटेल आर्ट्स कॉलेज एवं एचवीएचपी इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट स्टडी एंड रिसर्च के स्टूडेंट्स एवं लेक्चरर ने भाग लिया। ये संस्थान सर्व विद्यालय केलावनी मंडल एवं कडी सर्व विश्वविद्यालय से जुडे हैं।
सेमिनार में स्टूडेंट, शोधकर्ताओं एवं फैकल्टी में यह जागरूकता पैदा की गई कि इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी से इकोनॉमी, कल्चर व आंत्रप्रिन्योरशिप में किस तरह बदलाव आ रहे हैं। सेमीनार में शिक्षाविद् प्रो. मान सिंह, डॉ.परेश सी.दवे, विनय पांड्या, प्रिंसिपल प्रो. अजय गौर, प्रिंसिपल डॉ.मीनल त्रिवेदी आदि ने व्याख्यान दिए।
पेटेंट कराने वालों की संख्या बढ़ी


प्रमुख स्वामी सांइस कॉलेज एवं एचवीएचपी इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल प्रो.अजय गौर ने बताया कि देश में गत पांच वर्षों में इंडियन पेटेंट के लिए आवेदन फाइल वालों की संख्या कितनी तेजी से बढ़ रही है।
प्रिंसिपल डॉ. मीनल त्रिवेदी ने कड़ी सर्व विश्वविद्यालय एवं सर्व विद्यालय केलावनी मंडल की जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में प्रमुख स्वामी सांइस कॉलेज एवं एचवीएचपी इंस्टीट्यूट के स्टूडेंट्स एवं फैकल्टी को नवाचार प्रोजेक्ट्स के लिए सरकार से स्टार्टअप ग्रांट प्राप्त हुई है।
थ्री आईसी- आइडिया, इन्वेंशन, इनोवेशन व कॉमर्शिलाइजेशन

Dr.Paresh C.Dave

मुख्य वक्ता आईपी मोमेंट के संस्थापक निदेशक डॉ. परेश सी.दवे ने कहा कि आइडिया, इन्वेंशन, इनोवेश इन तीनों आई को कॉमर्शिलाइज करने की आवश्यकता है। उन्होंने उदाहरण देकर इन्वेंशन एवं इनोवशन के अंतर को समझाते हुए इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (IPR) के विभिन्न तरीकों की जानकारी दी।

डॉ. दवे ने स्पष्ट किया कि पेटेंट का क्राइटेरिया, एनयूएनएस नियम, नॉवेल्टी, उपयोगिता, अनदेखी, वैधानिक अनिवार्यता आदि के बारे में प्रत्येक व्यवसायी को जानकारी होना आवश्यक है। इससे एक अन्वेषक अपनी खोज को कैसे लंबे समय तक सुरक्षित रख सकता है।

पेटेंट एवं ट्रेडमार्क अटार्नी विनय पांड्या ने बताया कि पेटेंट क्या है, क्यों जरूरी है और भारत में इसे फाइल करने के तरीक क्या हैं। पेटेंटिंग सिस्टम की विस्तार से जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि स्टूडेंट के लिए एक पेटेंट एजेंट के रूप में कॅरिअर के कई विकल्प खुले हुए हैं। जिसकी जानकारी अधिकांश स्टूडेंट्स को नहीं होती है।
नया जानने की जिज्ञासा ही इन्वेंटर बनाएगी

Dr.Man Singh

सेंट्रल यूनिवर्सिटी, गांधीनगर में स्कूल ऑफ केमिकल साइंस के डीन प्रो. मान सिंह ने दैनिक जीवन से जुडे़ अनुसंधान के उदाहरण देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को रियल लाइफ से जुडे़ नवाचार सीखना चाहिए। जिज्ञासा और नया जानने की उत्सुकता के बिना आप कुशल अन्वेषक नहीं बन सकते। उन्होंने अनुभव साझा करते हुए कहा कि लैबोरेट्री से निकले एक अनुसंधान को कई देशों में पेटेंट कराया जा सकता है।

उन्होंने अपने द्वारा की गई सर्विस मीटर की खोज के बारे में बताया कि इसे बोरोसिल ने कॉमर्शियल किया और आईआईटी, एनआईटी, सीएसआईआर लैब, पीडीपीयू व केडिला फार्मा में भी स्थापित किया। अंत में डॉ अभिषेक चंद्रा ने आभार जताया।

इस उपयोगी सेमिनार में कॉर्डिनेटर डॉ भरत मकवाना, सीवी पटेल, डॉ रेखा पटेल, एवं आयोजन समिति के डॉ. एमसी पटेल, डॉ. परिमल छत्रभुजी डॉ. अंजलि मिश्रा, डॉ अभिषेक चंद्रा सहित संस्थानों के फैकल्टी एवं स्टूडेंट्स ने भाग लिया।

याद दिला दें कि सर्व विद्यालय केलावनी मंडल (SVKM) के कड़ी व गांधीनगर कैम्पस में इस समय 54000 से अधिक स्टूडेंट्स स्कूल एवं इंजीनियरिंग, फार्मेसी, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर, नर्सिंग, साइंस, आर्ट्स व कॉमर्स संकाय में उच्च शिक्षा ले रहे हैं।

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