इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट पर सेमिनार में पेटेंट व कॉपीराइट् पर दी उपयोगी जानकारी
न्यूजवेव @ कोटा
देश में इस समय 20 हजार से अधिक युवाओं के स्टार्टअप चल रहे हैं। डिजिटल इंडिया व स्किल इंडिया स्कीम के बाद प्रतिवर्ष इनकी संख्या 3 से 4 हजार बढ़ रही है। इंटेलेक्चुअल प्रोपर्टी राइट (आईपीआर) या बौद्धिक संपदा अधिकार अहम सुरक्षा कवच है लेकिन जानकारी के अभाव में नवाचार करने वाले इसका लाभ नहीं उठा पाते हैं। आज मार्केट में प्रतिद्वंद्विता और मान्यता के मामले में जरा सी चूक बाद में नुकसान का कारण बन जाती है।
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यह बात मंगलवार को एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में बौद्धिक संपदा अधिकार पर हुई सेमिनार में मुख्य वक्ता आईपी मोमेंट्स, नईदिल्ली के निदेशक डॉ. परेश सी.दवे ने कही। उन्होंने कहा कि आपका एक नया विचार, सृजन या अनुसंधान सफल व्यवसाय के रूप में देश-दुनिया में लोकप्रिय बन सकता है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जब नये विचार की ताकत से देश के कुछ लोगों ने क्रांतिकारी लहरें पैदा कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी साख कायम की है। कुछ विचार भले ही अद्वितीय हो, उनकी रक्षा के लिए जागरूकता जरूरी है। प्रतिस्पर्धा में मुख्य खतरा बाहर से या ज्ञात व्यक्ति या स्रोत से हो सकता है। एक बार जब कोई भी उद्यम किसी ’विचार’ को भुनाने लगता है, तो यह निश्चित रूप से एक चेतावनी है।
विचारों को कॉपी करने से रोकें
एक सवाल के जवाब में पेटेंट व कॉपीराइट के विशेषज्ञ डॉ. दवे ने कहा कि कोई भी विचार हर सच्चे अर्थों में किसी का अपना नहीं होता, एक बार जब यह दुनिया में सभी के देखने के लिए होता है। इंटरनेट व सोशल मीडिया के युग में आपके विचार सार्वजनिक हो जाते हैं। कुछ प्रतिस्पर्धी इकाइयाँ आपके अभिनव विचार को कॉपी करने की कोशिश करेंगी। वे निरंतर प्रयासों से आपसे पहले इसे पूरा करने में सफल हो जाते हैं। उस समय यह ध्यान रखें कि आज हालात पूरी तरह बदल गए हैं।
ऐसे चोरी हो सकती है बौद्धिक संपदा
एक स्टार्टअप अपने अनूठे बिक्री प्रस्ताव (यूएसपी) के आधार पर आगे बढ़ता है। ऐसे कई मामले हैं जिनसेे किसी भी स्टार्टअप की बौद्धिक संपदा को खतरे में डाला जा सकता है। अच्छा उत्पाद लॉन्च होने पर बडी संख्या में लोग उस ओर आकर्षित होते हैं। इस दौरान अन्य व्यक्ति और पार्टियां स्वचालित रूप से आगे यह देखने के लिए आगे आती हैं कि इसे कैसे भुनाना है। ऐसी स्थितियां तब पैदा होती हैं जब आंत्रप्रिन्योर कानूनी तौर पर अपने आईपी अधिकारों के बारे में अनभिज्ञ होते हैं। उचित अनुसंधान की कमी, लॉन्च करने से पहले उद्यम पूंजी की पहल, गोपनीयता की कमी आदि महत्वपूर्ण पहलू हैं। इसलिये बौद्धिक संपदा के विनियोग या विश्वास के लिये इसका कानूनी संरक्षण अनिवार्य है।
नवाचार की सुरक्षा के लिये यह जरूरी
एक स्टूडेंट के सवाल पर डॉ.दवे ने बताया कि नये स्टार्टअप के लिए मुख्य बौद्धिक गुणों में उत्पाद बनाने की प्रक्रिया, कंपनी का नाम व लोगो, मार्केटिंग पैकेज व सामग्री, व्यवसाय करने का तरीका, सोशल मीडिया के जरिये लोकप्रियता जरूरी हैं। नवाचार करने वाले हमेशा नई जानकारी जुटाएं। वे प्रॉडक्ट की सही पहचान और सुरक्षा के लिए कानूनी रास्ते तलाश कर सकते हैं। आईपीआर नवाचार के लिये पूरी तरह प्रतिरक्षा कवच बन सकता है। आईपीआर यह सुनिश्चित करेगा कि नवाचार के सफल होने या न होने पर भी उनकी अभिनव रचना के लिए पैसा अवश्य मिलता रहे।