Saturday, 30 March, 2024

पॉजिटिव सोच से सफलता करीब आती है

एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट में ‘विंग्स ऑफ विज्डम’ सेमिनार, 15 दिन में 51 सेशन, 92 हजार विद्यार्थी व 8 हजार पेरेंट्स ने भाग लिया
न्यूजवेव कोटा
जीवन में तीन तरह से सीखते हुए आप श्रेष्ठ बन सकते हैं। पहला, दूसरों को देखकर आगे बढ़ें। दूसरा, मस्तिष्क का उपयोग कैसे बेहतर हो और तीसरा, पढ़ने का तरीका समझते हुए अच्छा प्रदर्शन करें। इन्हीं तीनों कड़ियों को जोड़ते हुए एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट में ‘विंग्स ऑफ विज्डम’ सेमिनार हुई।

चंडीगढ़ के चाइल्ड साइकोलॉजिस्ट व कॅरियर काउंसलर डॉ.हरीश शर्मा ने कहा कि पॉजिटिव सोचना आपका अधिकार है और नेगेटिव सोच आपके लिए अपराध है। हर चुनौती का सामना करने के लिए पॉजिटिव रहें।
विशेष सेमिनार के लिए एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट के विभिन्न कैम्पस में गत 15 दिनों में 51 सेशन हुए जिसमें 92 हजार स्टूडेंट्स, 6 हजार से अधिक पेरेंट्स व 2 हजार टीचर्स शामिल हुए। इस तरह एक लाख लोगों की सोच को पॉजिटिव करने का अनूठा प्रयास किया गया।
सेमिनार की शुरूआत प्रत्येक बैच के श्रेष्ठ विद्यार्थियों को मेडल से सम्मानित करते हुए की जाती हैं। डॉ.शर्मा ब्रेन के सही दिशा में उपयोग के लिए प्रभावी मंत्र देते हैं। अंत में एलन के सीनियर वाइस प्रसीडेंट सी.आर.चौधरी विद्यार्थियों की एकेडमिक परफॉर्मेंस सुधारने के लिए विशेष सत्र लेते हैं।
जीवन की तीन अलग-अलग राहें

डॉ.हरीश शर्मा ने बताया कि टीनएजर्स के शरीर में कई हार्मोन्स निकलते हैं। इसमें डोपामाइन हार्मोन कार्य को जुझारू होकर करने के लिए प्रेरित करता है। ऐसे में विद्यार्थी यदि कॅरियर को लक्ष्य मानकर पढ़ाई में जुट जाए तो मंजिल पाकर दम लेता है। दूसरा, उसे विपरित लिंग की तरफ आकर्षित करता है और लव अफेयर्स में उलझ जाता है। ये दोनों स्थितियां नहीं होने पर विद्यार्थी भोजन की तरफ आकर्षित होता है और वो खाने पर बहुत अधिक ध्यान देने लगता है जो उसके शरीर को बिगाड़ देता है।
समय बिताएं नहीं, खर्च करें
डॉ.शर्मा ने बताया कि हम लक्ष्य को देखते हुए कीमती समय खर्च करेंगे तो सफल रहेंगे। ना कहना सीखंे ताकि समय का सदुपयोग हो। यदि आप पढ़ रहे हैं और कोई बुलाता है तो आप मना करना सीखें, इसके लिए सेल्फ कंट्रोल मैनजमेंट मजबूत रहेगा।
मोबाइल रेडिएशन से पढ़ाई की स्पीड कम
डॉ. शर्मा ने बताया कि स्मार्ट फोन से दूरी बनाएं। क्योंकि मोबाइल के रेडिएशन से 72 तरह के नुकसान होते हैं। उन्होने रेडिएशन डिवाइस के जरिए मोबाइल से निकलने वाले रेडिएशन को दर्शाया। हमारे ब्रेन के पांच हिस्से इस रेडिएशन से सीधे तौर पर प्रभावित होते हैं। इससे पढ़ाई की स्पीड कम होती है। नींद साइकिल डिस्टर्ब होती है। जिससे विद्यार्थी का दिमाग क्लास में थका हुआ रहता है। विद्यार्थी सोडियम ज्यादा खाने लगता है, जिससे एकाग्रता कम होती है।
लक्ष्य प्राप्ति के लिए जुट जाएं

एलन के वाइस प्रेसिडेंट सी.आर. चौधरी ने कहा कि आप अपना एक लक्ष्य लेकर कोटा आए हैं। कुछ माह के लिए कड़ी मेहनत कर लक्ष्य प्राप्ति में जुट जाएं। एकेडमिक्स को मजबूत करने के लिए रिवीजन जरूरी है। यदि कोचिंग की पढ़ाई को अगले एक-दो घंटों में दोहरा लें तो कम समय में ज्यादा बातें लम्बे समय तक याद रहेंगी। खुद का असेसमेंट रोज करें। असफलता से सीखें, सामान्य रहते हुए आगे बढ़ें। याद रखें टॉपर्स कोई काम अलग नहीं करते। सामान्य रहते हैं और नियमित पढ़ाई करते हैं। विद्यार्थियों को सत्र मेंएक शीट देकर अपने कार्यों का असेसमेंट करना और नए लक्ष्य तय करने के बारे में बताया गया।

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