Monday, 13 January, 2025

..तब गोलियों की बौछारों के बीच अयोध्या पहुंचे थे लाखों कारसेवक

  • देशवासियों को गर्व है कि अटूट श्रद्धा, संयम व समर्पण के प्रतीक भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का स्वप्न आज साकार होने जा रहा है।
  • कारसेवक पूर्व पार्षद लालचंद गुप्ता ने सुनाये संस्मरण

न्यूजवेव @ कोटा

मेडतवाल वैश्य समाज कोटा के पूर्व अध्यक्ष एवं केशवपुरा के पूर्व पार्षद लालचंद गुप्ता ने रामजन्म भूमि आंदोलन से जुडे़ संस्मरण सुनाते हुये बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व विश्व हिंदू परिषद से गहरा जुडाव होने के कारण राममंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने का सुअवसर मिला। 21 अक्टूबर 1990 को कोटा से अयोध्या जाने के लिए बाबा गोपीनाथ भार्गव के नेतृत्व में सैकड़ों कारसेवकों का जत्था रवाना हुआ। जो 22 अक्टूबर 1990 को लखनऊ पहुंचा। वहां से अलग-अलग ग्रुपों में हम पैदल रवाना हुए। लखनऊ से जिला बाराबंकी होते हुए करीब 8 दिन पदयात्रा करते हुए 30 अक्टूबर 1990 को हनुमानगढ़ी होते हुए रामलला के शिला पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। संतों के निर्देशों व विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों व विहिप के अध्यक्ष अशोक सिंघल के नेतृत्व में रवाना हुए। अशोक सिंघल के साथ पदयात्रा करते हुये इंडिया टुडे में प्रकाशित फोटो इसका प्रमाण है।

2 नवंबर 1990 को राम मंदिर के लिये देश के अलग-अलग प्रांतों के जत्थों ने मणिराम छावनी आश्रम अयोध्या के लिए कुच किया। जिसमें राजस्थान का जत्था सबसे आगे था। उस दौरान उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुलायम सिंह सरकार द्वारा निहत्थे कारसेवकों पर बलप्रयोग के साथ गोलियां भी चलाई गई। जिसमें कई कारसेवक घायल हो गये, कुछ सेवक शहीद भी हुए। इस घटना में मेरी दाई भुजा पर गोली के छर्रे लगे जिसको 5 दिन बाद कोटा आकर डॉक्टर बी.एल.गोचर ने ऑपरेशन कर निकाला।
इससे पूर्व कारावास भी भोगा

Lal Chand Gupta

बात 14 सितंबर 1989 की है। अनंत चतुर्दशी महापर्व पर कोटा में विराट धार्मिक जुलूस पर एक समुदाय ने अचानक पथराव करके गोलियां चला दी जिससे शहर में परकोटे में अफरा-तफरी और अशांति का वातावरण पैदा हो गया। देखते ही देखते धार्मिक उन्माद पूरे शहर में तेजी से फैल गया। केशवपुरा में भी जान-माल का नुकसान हुआ। कारसेवक लालचंद गुप्ता को अशांति फैलाने के झूठे के आरोप में 31 दिसंबर 1989 को गिरफ्तार कर लिया गया। मुकदमे की सुनवाई होने तक कारावास की सजा भोगा। 7 मार्च 1990 को जमानत मिली।
धार्मिक,सामाजिक व राजनीति में सेवा का अवसर
प्रभू श्रीराम की सेवा करते हुये राजनीति में कदम रखा। नगर निगम कोटा में केशवपुरा वार्ड से 5 वर्ष के लिये भाजपा से पार्षद निर्वाचित हुआ। निगम में कुछ समितियों का अध्यक्ष भी रहा। इसके पश्चात् मेडतवाल वैश्य समाज कोटा में अध्यक्ष निर्वाचित हुआ। कई वर्षों तक मेडतवाल नवयुवक संघ कोटा में अध्यक्ष व संरक्षक रहने का सुअवसर भी मिला। धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक व राजनीति में कर्तव्य निर्वहन करते हुये हमेशा भगवान श्रीराम का अनुयायी रहने का सौभाग्य मिला। पूज्य पिता धर्मप्रेमी दिवंगत श्री गोकुल प्रसाद जी गुप्ता ने घर-घर से अंशदान एकत्रित कर केशवपुरा मंे भव्य रामजानकी मंदिर का निर्माण करवाया, जिससे आज हजारों श्रद्धालु जुडे़ हुये हैं। ‘होईहे वही जो राम रचि राखा’….आज 5 अगस्त को अयोध्या में ऐतिहासिक एवं भव्य श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन हो रहा है, जीवन में इस पल के प्रत्यक्षदर्शी होना हम सभी कारसेवकों के लिए परम सौभाग्य है।

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