न्यूजवेव @ कोटा
कोटा शहर की हरिओम नगर बस्ती में मानसिक विमंदित सोनू राठौर ( गोलू ) को एक माह से परिजनों ने घर में लोहे की चेन से बांध रखा था। परिजनों के पास उसके उपचार के लिए पैसे नहीं थे। परिजनों ने कोटा मेडिकल कॉलेज में उसे कई बार दिखाया लेकिन उसे भर्ती करने की बजाय उसे ईलाज के लिए मना कर दिया जाता था।
मंगलवार को मीडिया में यह मामला उजागर हुआ तो कोटा के संभागीय आयुक्त एवं कलक्टर गौरव गोयल ने संज्ञान लेते हुए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक को उक्त विमंदित का उपचार करने के निर्देश दिए। इसके बाद मेडिकल कॉलेज, अस्पताल के डॉक्टर्स व नर्सिंग स्टाफ की एक टीम गाड़ी लेकर विमंदित गोलू को लेने के लिए मौके पर पहुंची।
गोलू के भाई सत्यनारायण ने बताया कि गोलू 4 वर्ष पूर्व मानसिक रूप से बीमार हुआ था लेकिन एक माह से उसकी स्थिति फिर से बिगडनेे लगी। वह अचानक मोहल्ले में कहीं भी तोडफोड कर देता था। राहगीरों के साथ मारपीट कर देता था। जिससे उसे घर में ही बंद रखना पडा।
‘अपना घर’ संस्था ने देखभाल का भरोसा दिलाया
ह्यूमन हेल्पलाइन के संयोजक मनोज जैन आदिनाथ ने ‘अपना घर’ संस्था के भरतपुर मुख्यालय के संस्थापक डॉ. बी एम भारद्वाज को सम्पूर्ण मामले की जानकारी दी तो उन्होंने फोन पर कहा कि यदि अस्पताल प्रशासन रुचि नही लेता है तो ‘अपना घर’ की टीम विमंदित गोलू प्रभुजी को आश्रम में प्रवेश देकर उपचार हेतु संस्था की एम्बुलेंस से भरतपुर भेज देवें।
इस बीच, मंगलवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डॉक्टर्स की टीम रोगी को अपने साथ अस्पताल ले गयी। उसे मनोचिकित्सा वार्ड में भर्ती कर उसके हाथ-पैरों की चेन खोलकर उपचार प्रारंभ कर दिया गया। जैन न भरोसा दिलाया कि अस्पताल प्रशासन चाहेगा तो अपना घर संस्था विमंदित गोलू की देखभाल के लिए हर संभव मदद करने को तैयार रहेगी।