विपक्ष ने अध्यक्ष पद के लिये के.सुरेश को प्रत्याशी घोषित कर उपाध्यक्ष पद के लिये दबाव बढाया
न्यूजवेव@ नई दिल्ली/कोटा
राजस्थान के कोटा-बूंदी लोकसभा संसदीय क्षेत्र से तीसरी बार निर्वाचित भाजपा सांसद ओम बिरला ने मंगलवार को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ ग्रहण की। एनडीए ने मोदी 3.0 सरकार के लिये बिरला को लोकसभा अध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया। उसके बाद बिरला ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया। सत्ता पक्ष के अतिरिक्त कई अन्य दलों का सहयोग मिलने से उनकी जीत निश्चित मानी जा रही है।
बिरला को एनडीए द्वारा लोकसभा अध्यक्ष प्रत्याशी बनाये जाने पर हाड़ौती संभाग सहित समूचे राजस्थान के भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं में खुशी ही लहर दौड़ गई। इससे साढे़ तीन दशक पहले प्रदेश से कांग्रेस के बलराम जाखड लगातार दो बार सांसद व दो बार लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं। उनके अतिरिक्त जीएम योगी एवं पीए संगमा भी दो बार लोकसभा अध्यक्ष बने लेकिन वे अपना कार्यकाल 5 वर्ष पूरा नहीं कर सके।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने 5 साल के कार्यकाल में भारतीय संसद को वैश्विक पहचान दिलाकर उसकी गरिमा बढाई है। प्रत्येक सत्र में उनके प्रभावी कार्यसंचालन से लोकसभा ने कार्य उत्पादकता में नए कीर्तिमान स्थापित हुये, जिससे देश को 400 करोड़ रूपए की बचत भी हुई। भारतीय संसद के नवननिर्मित अत्याधुनिक नये भवन की कार्ययोजना एवं उसके निर्माण को मूर्तरूप देने में स्पीकर बिरला ने अहम भूमिका निभाई।
कर्मभूमि कोटा से गहरा जुड़ाव
ओम बिरला का जन्म 23 नवंबर, 1962 को कोटा में हुआ। उनकी कर्मभूमि हमेशा कोटा ही रही। कोटा-बूंदी की आमजनता को वे अपना परिवार मानते हैं। उनके दिवंगत पिता श्रीकृष्ण बिरला सरकारी सेवा में थे, मां शकुंतला घर संभालती थी। उन्होंने सरकारी मल्टीपरपज स्कूल, गुमानपुरा से स्कूली शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद राजस्थान विवि से जुडे़ गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज कोटा से बीकॉम एवं एमकॉम की डिग्री ली। कॉलेज में भी वे छात्रसंघ अध्यक्ष के रूप में युवाओं में लोकप्रिय रहे। उसके बाद तीन बार कोटा दक्षिण से भाजपा विधायक भी रहे। उनकी पत्नी डॉ अमिता बिरला स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। दो बेटियों में आकांक्षा सीए एवं अंजलि भारतीय रेलवे सेवा में चयनित हैं। अपने संसदीय क्षेत्र में गरीबों व जरूरतमंदों की सेवा में वे सदैव अग्रणी रहे। उनकी पहल पर कोटा में कई सेवा प्रकल्प संचालित हैं।
17वीं लोकसभा की उत्पादकता बढाई
ओम बिरला ने 2019 से 2023 तक स्पीकर के रूप में लोकसभा में हंगामे और विवादों से परे सभी दलों के सांसदो को सदन में अपनी बात रखने का पूरा अवसर दिया। जिससे महत्वपूर्ण विधेयकों व जनहित के मुद्दों पर स्वस्थ बहस करने की परम्परा विकसित हुई। अध्यक्ष बिरला के कुशल संचालन में 17वीं लोकसभा के सत्रों की उत्पादकता 122.2 प्रतिशत रही। जो 14वीं, 15वीं और 16वीं लोकसभा के पहले पांच सत्रों की तुलना में सर्वाधिक है। सदन ने विस्तृत चर्चा के बाद 107 विधेयकों को पारित किया। विधेयकों पर 262.5 घंटे चर्चा हुई तथा पक्ष-विपक्ष के 1744 सदस्यों ने अपनी बात रखी।
जीरो ऑवर के हीरो- ओम बिरला
केंद्र सरकार की जवाबदेही बढ़ाने के लिए सभी सत्रों में अधिक से अधिक सदस्यों को बोलने का अवसर दिया। प्रश्नकाल के दौरान प्रतिदिन औसतन 5.37 प्रश्नों के मौखिक जवाब दिए जिससे उन्हें प्रश्न काल के हीरो कहा जाने लगा। नियम 377 के तहत उठाए गए विषयों में भी सरकार ने 89.82 प्रतिशत विषयों के जवाब दिए। संसद में सांसदों के खाने पर सब्सिडी खत्म करने के साथ अनावश्यक कार्यों पर होने वाले खर्चों को रोककर उन्होंने करोडों रूपये की फिजूलखर्ची को कम कर दिखाया। लोकसभा में निर्वाचित सांसदों का बहुमत होने से एनडीए प्रत्याशी ओम बिरला की जीत निश्चित है।