मप्र में राज्य सूचना आयुक्त आत्मदीप नागरिकों को फोन, वाट्सअप, फेसबुक पेज व इंस्टाग्राम पर भी देंगे RTI से जुड़ी जानकारी
न्यूजवेव @ भोपाल
सूचना के अधिकार को अब सोशल मीडिया के जरिए आम नागरिकों को जागरूक किया जाएगा। मध्यप्रदेश में राज्य सूचना आयुक्त ने इस अनूठी पहल की शुरूआत करते हुए प्रत्येक कार्यदिवस में सायं 3 से 5 बजे नागरिकों को फोन, वाट्सअप, फेसबुक या इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर नागरिकों एवं अधिकारी-कर्मचारियों की शंकाओं का समाधान कर उन्हें आवश्यक जानकारी देंगे।
इस पहल में सोशल मीडिया के जरिए सूचना का अधिकार अधिनियम और म.प्र. सूचना का अधिकार (फीस व अपील) नियम 2005 के प्रावधानों के बारे में आवश्यक जानकारी, न्यायसंगत मार्गदर्शन व सवालों के जवाब दिए जाएंगे।
पहले हर हफ्ते यह सुविधा उपलब्ध थी, लेकिन बडी संख्या में पूछताछ व जिज्ञासा को देखते हुए यह सुविधा जनहित में हर कार्यदिवस पर अपरान्ह 3 से 5 बजे तक कर दी गई है।
मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहां इस प्रकार की निःशुल्क कानूनी सहायता सुविधा शुरू की गई है। इसका लाभ फोन नंबर – 0755-2556873, वाट्सएप नंबर -94250 10099, फेसबुक पेज – Right to information (Journalist) या इंस्टाग्राम के माध्यम से लिया जा सकता है।
सूचना आयुक्त आत्मदीप ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य सबके लिए हितकारी सूचना के अधिकार के क्रियान्वयन को बेहतर बनाना है। उनके द्वारा विभिन्न जिलों के दौरे कर गैर सरकारी संस्थाओं व संस्थानों के कार्यक्रमों में आरटीआई संबधी जानकारी दी जा रही है। जिलों में अपीलीय अधिकारियों, लोक सूचना अधिकारियों व अन्य संबंधित लोकसेवकों के वर्कशॉप भी आयोजित किए जा रहे हैं। साथ ही, भोपाल कोर्ट में और जिलों में कैंप कोर्ट लगाकर अपीलों की सुनवाई के दौरान भी सभी पक्षकारों की काउंसलिंग की जा रही है।
12 वर्ष बाद भी आरटीआई से नही जुडे़ नागरिक
आयुक्त के अनुसार, सूचना का कानून लागू हुए 12 वर्ष हो गए, उसके बावजूद अधिकांश वर्गों में इस महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकार के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। नतीजे में देश व प्रदेश की एक चौथाई आबादी भी सूचना के अधिकार का उपयोग नहीं कर रही है।
इस मामले में महिला, बीपीएल व ग्रामीण वर्गोें के लोग सबसे पीछे हैं। प्रचार, प्रसार, प्रशिक्षण व जन- जागरूकता में कमी से इसे अंतिम व्यक्ति तक नहीं पहुंचाया जा सका। इसमें सुधार करने के लिए हर स्तर पर प्रयास तेज किए जा रहे हैं।
RTI जनता को और सशक्त बनाने का माध्यम है। यह एक ऐसा मौलिक अधिकार है जो सार्वजनिक व्यवस्था में शुचिता व पारदर्शिता सुनिश्चित करने और लोकसेवकों में जनता के प्रति जवाबदेही को बढ़ावा देने का प्रभावी उपकरण सिध्द हो रहा है। इस ताकतवर और असरदार अधिकार का सदुपयोग कर नागरिक और लोकसेवक, भ्रष्टाचार व अनियमितताओं से मुक्त एवं जनता के प्रति उत्तरदायी सुशासन को सुनिश्चित करने और लोकतंत्र को स्वस्थ व सुदृढ़ बनाने में अपना योगदान कर सकते हैं। इसलिए सभी संबंधितों की ओर से ऐसी कोशिशें होनी चाहिए कि सूचना के अधिकार की पहुंच ज्यादातर नागरिकों तक हो।
आयुक्त ने उम्मीद जताई कि लोकसेवकों सहित सभी वर्गों के लोगों को सूचना के अधिकार से संबंधित जिज्ञासाओं का उत्तर पाने के लिए फोन, वाट्सएप, फेसबुक पेज व इंस्टाग्राम पर और व्यक्तिगत रूप से संपर्क करने की शुल्करहित आसान सुविधा उपलब्ध होने से सभी पक्ष लाभान्वित होंगे।