न्यूजवेव @ कोटा
जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर पिछले 15 दिनों से भील आदिवासियों 12 प्रतिशत आरक्षण का वर्गीकरण कर आदिवासियों के आरक्षण सुनिश्चित करने की मांग को लेकर चल रहे धरने को खुला समर्थन दिया है। इस संबंध में समता आंदोलन समिति द्वारा राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा और धरनास्थल पर समता आंदोलन समिति के पदाधिकारियों ने मांगों का समर्थन किया।
समता आंदोलन के संभागीय अध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा, संभागीय महासचिव कमल सिंह बढगुजर, जिलाध्यक्ष योगेन्द्र गुप्ता, जिला महासचिव रासबिहारी पारीक, नगर अध्यक्ष गोपाल गर्ग ने जिला कलेक्ट्री पर भीलों के आंदोलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान स्थिति यह है कि अजजा आरक्षण का 98 प्रतिशत लाभ मीणा जाति को मिल रहा है और सहरिया, गरेसिया, भील जनजाति को मात्र 2 प्रतिशत ही लाभ मिल पा रहा है। मीणा जाति सदैव से ही संपन्न जमींदार, पटेल रही है। इसलिए पढ़-लिखकर 12 प्रतिशत आरक्षण की मलाई चाट रहे हैं और मूल आदिवासी आज भी आदिवासी ही हैं। जबकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने आदिवासियों के आरक्षण हेतु 5 बिन्दुओं को ध्यान में रखकर आरक्षण के दिशा-निर्देश दिये थे, जिसमें मीणा जाति एक भी बिन्दु पर खरी नहीं उतरती है, फिर भी आरक्षण जारी है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि समता आंदोलन समिति का मत है कि भील आदिवासी की मांग पर 12 प्रतिशत आरक्षण का वर्गीकरण कर भील, गरेसिया, सहरिया आदि को 9 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए, ताकि इन वनवासियों को इनका हक मिल सके, तथा समाज की मुख्य धारा से जुड़कर आगे बढ़ सकें।