श्रीनाथजी भंडार, कोटा के अधीन सेवारत पुजारी ने कैथून थाने में मुकदमा दर्ज कर सुरक्षा मांगी
न्यूजवेव @कोटा
शहर में कैथून थाना क्षेत्र के मोतीपुरा गांव में स्थित प्राचीन श्रीनाथजी की चरण चौकी मंदिर में 15 अगस्त को रात 8 बजे एक समुदाय के कुछ लोगों ने घुसकर मंदिर के पुजारी को चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी दी। बाद में उन्होंने मंदिर को बम से उडाने की धमकी भी दी, जिससे शहर के श्रद्धालुओं में गहरा आक्रोश फैल गया। कैथून पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
पुजारी सोहनलाल ने बताया कि श्रीनाथजी चरण चौकी के पास एक दरगाह स्थित है। 15 अगस्त रात 8 बजे एक समुदाय के कुछ लोगों द्वारा वहां मांस पकाया जा रहा था, जिसके अपशिष्ट युक्त बर्तनों को उन्होंने मंदिर के पास बहते पानी में धोकर दुर्गंध फैलाई। मंदिर पुजारी सोहनलाल, सहयोगी त्रिलोक, तुलसी व जितेंद्र ने उनको मंदिर के पास धोने के लिये मना किया। इस पर समुदाय के 25-30 लोग गालीगलौच करते हुये चाकू लेकर मंदिर में घुस आये और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। पुजारी ने बताया कि उन्होने मंदिर के अंदर का दरवाजा बंद का अपनी जान बचाई। एक समुदाय के लोगों ने मंदिर में अल्लाह हू अकबर के नारे लगाकर मंदिर को बम से उडाने की धमकी भी दी।
शुक्रवार को धार्मिंक संगठनों ने इस घटना का कडा विरोध करते हुये मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग की कि कोटा मथुराधीश की धरती है, यहां प्राचीन श्रीनाथ जी के चरण चौकी मंदिर पर सैकडों सनातनी दर्शन के लिये जाते हैं। एक समुदाय द्वारा मंदिर पुजारी को जान से मारने व मंदिर को बम से उडाने की धमकी देने वाले तत्वों के विरूद्व तत्काल सख्त कार्रवाई की जाये। मंदिर की सुरक्षा के लिये सुरक्षा बल तैनात हो, जिससे दर्शन के लिये जाने वाले सैकडों श्रद्धालुओं में भय का वातावरण पैदा न हो।
पुजारी महासभा राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष रम्मू पंडित, प्रदेश महामंत्री दयानन्द शर्मा, प्रदेश संगठन मंत्री आनंद शर्मा, देहात जिलाध्यक्ष मनमोहन शर्मा ने संयुक्त बयान जारी कर कैथून थाना क्षेत्र स्थित चरणचौकी के प्राचीन श्रीनाथजी के मंदिर के पुजारी को 15 अगस्त की रात्रि को मंदिर में घुसकर हमले करने के आरोपियों को गिरफतार करने की मांग की है।
चरण चौकी में बिराजे थे श्रीनाथजी
मुखिया ने बताया कि संवत् 1726 में भगवान श्रीनाथजी बृज से नाथद्वारा पधारे थे, जो आज देशभर के कृष्णभक्तों की आस्था से जुडा अलौकिक तीर्थ है। उस दौरान श्रीनाथजी मार्ग में 6 स्थानों पर पधारे थे, जिनको चरण चौकी माना जाता है। इनमें उत्तरप्रदेश में छत्ता बाजार, मध्यप्रदेश के मुरैना में दंडोतीधार, कोटा के मोतीपुरा में कृष्ण विलास, किशनगढ में उंची गेल, जोधपुर में चौपसनी होते हुये वे श्रीनाथद्वारा के कृष्णभंडार में विराजे। सभी चरण चौकियों पर श्रीनाथजी की चरण पादुकाओं की नियमित पूजा अर्चना की जाती है।