खुशखबर : राजस्थान में चौथा टाइगर रिजर्व घोषित होने से हाडौती सर्किट पर्यटन के राष्ट्रीय मानचित्र पर उभरेगा
न्यूजवेव @ कोटा
राजस्थान के बूंदी जिले में स्थित रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व को देश का 52वां टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा इसकी अधिसूचना 16 मई,2022 को जारी कर दी गई। रामगढ़ विषधारी अभयारण्य 1,071 वर्ग किमी में फैला है, यह राजस्थान का चौथा एवं देश का 52वां टाइगर रिजर्व होगा।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इसे नेशनल टाइगर रिजर्व घोषित करवाने के लिये निरंतर प्रयासरत थे। उन्होंने कहा कि इससे कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़ में पर्यटन को नई पहचान मिलेगा तथा आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढेंगे। वर्तमान में इस बाघ अभयारण्य में बाघ, तेंदुआ, भेडिया, भालू, सुनहरा सियार, चिंकारा, नील गायें, लोमड़ी, धारीदार लकडबग्गा जैसे कई दुर्लभ जंगली जानवर देखे जा सकते हैं।
देश में 2,967 से अधिक बाघ
नए टाइगर रिजर्व रामगढ विषधारी के पूर्वोत्तर में रणथम्बौर टाइगर रिजर्व और दक्षिण में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के बीच बाघ आवास शामिल है। राजस्थान के तीन टाइगर रिजर्व में वर्ष 2018 तक 102 बाघों की गणना की गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, रणथंभौर रिजर्व में बाघों की संख्या काफी अधिक हो गई है। रणथम्बौर टाइगर रिजर्व में 300 वर्ग किमी से अधिक क्षेत्र को जानवरों के लिए महत्त्वपूर्ण आवास के तौर पर छोड़ दिया जाएगा और शेष क्षेत्र बफर जोन के तौर पर काम करेगा। सघन वन एवं जल के कारण यह क्षेत्र रणथम्बौर टाइगर रिजर्व से बाघों को विचरण करने की सुविधा प्रदान करता है।
वन विभाग के अनुसार, रामगढ विषधारी टाइगर रिजर्व का कोर एरिया 39,920.51 हैक्टेयर एवं बफर जोन 74,091.93 हैक्टेयर का होगा।
याद दिला दें कि वन्यजीव जनगणना,2019 की रिपोर्ट के अनुसार, देश के 20 राज्यों में 2967 बाघ हैं। केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 3 जुलाई, 2021 को राजस्थान में चौथे बाघ अभयारण्य के तौर पर रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को अपनी मंजूरी दी थी। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की तकनीकी समिति द्वारा रामगढ़ विषधारी अभयारण्य को टाइगर रिजर्व में बदलने का प्रस्ताव भेजा गया था।
वन्यजीव विशेषज्ञों ने बताया कि इस नए टाइगर रिजर्व की फूलों की विविधता इसे अनुसंधान और शिक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बनायेगी। भीमलत, रामगढ़ महल जैसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल पर्यावरण पर्यटन को प्रोत्साहित करेंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार के नये अवसर प्रदान करेंगे।
राजस्थान में चार टाइगर रिजर्व
- सवाई माधोपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व
- अलवर में सरिस्का टाइगर रिजर्व
- कोटा में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व
- बूंदी में रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व