शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा ने कहा-शिशुओं की मौत की जांच 48 घंटे में पूरी की जायेगी
न्यूजवेव @ कोटा
संभाग के सबसे बडे़ सरकारी महिला अस्पताल जेके लोल हॉस्पिटल में भर्ती 10 शिशुओं की आकस्मिक मौत से स्वास्थ्य विभाग में हडकम्प मच गया है। शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा वैभव गैलरिया ने 27 दिसंबर को कोटा पहुंचकर जेके लॉन अस्पताल का निरीक्षण किया तथा राज्य सरकार द्वारा गठित जांच दल एवं अस्पताल प्रशासन की बैठक लेकर पिछले दिनों शिशुओं की मौत के बारे में जानकारी लेकर आवश्यक निर्देश प्रदान किये। इस दौरान जिला कलक्टर ओम कसेरा, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज विजय सरदाना सहित विभागाध्यक्ष भी उपस्थित रहे।
शासन सचिव ने कहा कि अस्पताल में उपलब्ध संशाधनों का अधिकतम उपयोग लेकर आवश्यक सुविधाओं में सुधार के लिए टीम भावना के साथ कार्य करें जिससे संभाग के विभिन्न क्षत्रों से आने वाले शिशुओं को समुचित इलाज की सुविधा मिल सके। अस्पताल के वार्डो का निरीक्षण कर उन्होंने इलाज के लिए दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली तथा भर्ती शिशुओं के परिजनों से अस्पताल प्रबन्धन के द्वारा इलाज के लिए किये जा रहे प्रयासों एवं शिशुओं के स्वास्थ्य के बारे में कुशलक्षेम पूछी।
एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कुन्हाडी निवासी 8 वर्षीय शुभम मित्तल से उनकी दादी मिथलेश से, बूंदी के जैतपुरा निवासी बुखार से पीडित 3 वर्षीय लाडन के बारे में बच्चे की माता बिरमा से जानकारी लेकर अस्पताल प्रबन्धन द्वारा दी रही दवाओं एवं जांच के बारे में जानकारी ली। उन्होंने प्रत्येक वार्ड में नवजात शिशुओं के उपचार के लिए अस्पताल प्रबन्धन द्वारा किये जा रहे प्रयासों एवं इलाज की सुविधाओं की जानकारी ली।
ये होगी जांच टीम
राज्य सरकार द्वारा गठित जांच दल में अतिरिक्त प्राचार्य मेडिकल कॉलेज जयपुर डॉ. अमरजीत मेहता, वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ मेडिकल कॉलेज जयपुर डॉ. रामबाबू शर्मा, चिकित्सा शिक्षा विभाग के ओएसडी डॉ. सुनील भटनागर की तीन सदस्यीय जांच दल होगा।
ये लिए निर्णय
1. शासन सचिव ने बताया कि पिछले दिनों जेके लोन अस्पताल में भर्ती 10 शिशुओं की मौत की जांच के लिए सरकार द्वारा गठित जांच दल 48 घंटे में अपनी रिपोर्ट देगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर लापरवाही पाये जाने पर कार्यवाही की जायेगी।
2. अस्पताल में उपलब्ध उपकरणों की नियमित मरमम्त हो सके इसके लिए BSBY एवं RMSR से त्वरित मरम्मत करवाई जायेगी तथा बजट आवंटन के बाद पुनर्भरण कर दिया जायेगा, इसके लिए शीघ्र टेंडर प्रक्रिया पूरी कि जायेगी।
3. एनआईसीयू में ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए पाइप लाइन डाली जायेगी।
4. पिड्रियाट्रिक वार्ड के विभागाध्यक्ष स्थाई रूप से जेके लोन अस्पताल में ही बैठेंगे।
5. नर्सिंग स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए संविदा के आधार पर सेवाऐं ली जायेंगी।
6. एनआईसीयू से जांच के नमूने लेने के लिए फ्रिक्वेंसी बढाई जायेगी।
7. अस्पताल के वार्डो में दक्ष प्रशिक्षित स्टाफ को अनावश्यक परिवर्तित नहीं किया जायेगा।