Friday, 4 October, 2024

मध्यप्रदेश के 1197 कोचिंग विद्यार्थी 71 बसों से घर लौटेंगे

मप्र परिवहन निगम की 71 बसें भोपाल से कोटा आयेंगी, पिछले तीन दिन में उप्र व उत्तराखंड लौटे 9500 कोचिंग विद्यार्थी
न्यूजवेव @ भोपाल/कोटा
राजस्थान में सम्पूर्ण लॉकडाउन के कारण कोटा शहर में कोचिंग ले रहे मध्यप्रदेश के कुल 1197 कोचिंग विद्यार्थी 21 अप्रैल से अपने घर लौट सकेंगे। मध्यप्रदेश सरकार ने राज्य के विद्यार्थियों को अपने शहरों तक सुरक्षित पहुंचाने के आदेश जारी कर दिये हैं। कोचिंग विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए करीब 71 बसें कोटा आयेंगी । राज्य सरकार के आदेश मिलने पर मप्र परिवहन विभाग ने वाहनों के अधिग्रहण की तैयारियां शुरू कर दी थी।

भोपाल कलक्टर कार्यालय ने मप्र परिवहन विभाग को कोटा में पढने वाले विद्यार्थियों की सूची उपलब्ध करा दी है। जानकारी के मुताबिक जिला स्तर पर भोपाल के 39, भिंड के 48, छतरपुर के 50, इंदौर के 5 और ग्वालियर के 68 विद्यार्थियों सहित राज्य के 51 जिलों के कुल 1197 विद्यार्थियों को कोटा से उनके शहरों में पहुंचाना है। सोशल डिस्टेसिंग की पालना करते हुये कोचिंग विद्यार्थियों को बारी-बारी से उनके राज्यों में भेजा जा रहा है।

इससे पूर्व कोटा में कोचिंग ले रहे उत्तर प्रदेश के 7500 विद्यार्थियों को ले जाने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार ने आगरा व झांसी से उप्र परिवहन निगम और लोहिया ग्रामीण सेवा की की 257 बसें कोटा भेजकर तीन दिन में सभी विद्यार्थियों को उनके शहरों में पहुंचाने का इंतजाम किया है। साथ ही करीब 100 अन्य बसों से उप्र और उत्तराखंड के लगभग 2000 विद्यार्थियों को भी उनके घर भेजा गया है। इनमें कोटा के सभी कोचिंग संस्थानों के विद्यार्थी शामिल हैं।
अन्य राज्य भी ऐसी पहल करें- मुख्यमंत्री

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को पत्रकारों से कहा कि उत्तरप्रदेश सरकार कोटा में पढ रहे कोचिंग स्टूडेंट्स को अपने राज्य में लेकर गई है। अन्य राज्य सरकारें भी इस दिशा में पहल करें ताकि बच्चों का तनाव दूर हो सके और संकट की इस घड़ी में वे परिवार के साथ रह सकें।
बिहार के 6500 विद्यार्थी बोले- ‘हमें घर भेजो’
इस बीच, कोटा में पढाई करने वाले बिहार के लगभग 6500 विद्यार्थियों को बिहार सरकार द्वारा बिहार में प्रवेश की अनुमति नहीं मिलने से दुविधा का सामना करना पड रहा है। अभिभावकों ने कहा कि उत्तरप्रदेश की तरह बिहार सरकार भी लॉकडाउन अवधि में बच्चों की सुरक्षा के लिये आवश्यक कदम उठाये।
कुछ दिन पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कोटा से बिहार के लिये निकले विद्यार्थी राज्य सीमा पर अटके हुये हैं। अभिभावक चिंतित हैं कि इस असमंजस से बच्चों की तबीयत खराब न हो जाये। इन दिनों उनमें कोरोना वायरस के कारण मानसिक तनाव बढने से उनकी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित हो सकती है। वे अपने बच्चों को जल्द घर बुलाना चाहते हैं। इसके लिये ट्विटर पर ‘हमें घर भेजो’ कैम्पेन के जरिये हजारों स्टूडेंट्स ने प्रधानमंत्री से उनको घर पहुंचाने की मार्मिक अपील की है।
लोकसभा अध्यक्ष की पहल पर बच्चों को मिला सुकून

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने संसदीय क्षेत्र के कोचिंग विद्यार्थियों को सुरक्षित अपने घरों तक पहुंचाने के लिये सभी राज्य सरकारों से सहयोग करने की अपील की थी। इसके बाद उप्र सरकार ने तत्काल 257 बसें भेजकर कोचिंग विद्यार्थियों को उनके घरों तक पहुंचाने में मदद की है। सूत्रों के जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र व हरियाणा से भी लगभग 2-2 हजार विद्यार्थी कोटा में हैं जो अपने घर लौटना चाहते हैं। लेकिन वहां की सरकारों से अभी कोई आदेश नहीं मिलने से विद्यार्थी हॉस्टलों में ही ठहरे हुये हैं। कोटा से रवाना होने वाले सभी विद्यार्थियों को जिला प्रशासन द्वारा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये बसों में सेनेटाइजर व मास्क देकर रवाना किया जा रहा है।

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