खासियत: प्राचीन गढ़ में विराजमान हैं 124 साल पुराना गोकर्णेश्वर महादेव, दो दिवसीय महाशिवरात्रि महोत्सव की तैयारियां जोरों पर, जन-जन की आस्था का केन्द्र
न्यूजवेव@ कोटा
कोटा बैराज से सटे प्राचीन गढ़ पैलेस प्रांगण के पीछे 124 वर्ष पुराना प्राचीन गोकर्णेश्वर महादेव मंदिर इन दिनों ओम नमः शिवाय के मंत्रोच्चार से गंूजायमान है। श्री गोकर्णेश्वर सेवा समिति के प्रमुख अजय भट्ट ने बताया कि कोटा बैराज की स्थापना से पूर्व चंबल नदी इस प्राचीन शिव मंदिर के किनारे से होकर गुजरती थी। बाद में मंदिर की स्थापना गढ़ में की गई। प्राचीनकाल से मंदिर की स्थापना होने से यह जन-जन की आस्था का केन्द्र बना हुआ है।
मंदिर में शिवलिंग की खासियत यह है कि प्राकृतिक रूप से प्रतिमा पर ओम उभरा हुआ है। नंदी का आकार काफी बड़े रूप में हैं जो एक ही पत्थर पर बने हैं। भोलेनाथ का ये अघोरी रूप है। गढ़ को निहारने आने वाले सैलानी भी मंदिर को निहारने व दर्शन करने से नहीं चूकते। पिछले 22 वर्षों से यहां श्री गोकर्णेश्वर सेवा समिति द्वारा हर महाशिवरात्रि महोत्सव पर भगवान भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया जा रहा है।
इस वर्ष शिवभक्तों को 22 फरवरी को स्वर्ण-रजत श्रृंगार के अद्भुत, दिव्य एवं अलौकिक दर्शन कराए जाएंगे। जिसकी तैयारियां जोरशोर से चल रही है। इस अवसर पर 10 हजार भक्तों का भंडारा आयोजित किया जायेगा। शुक्रवार 21 फरवरी को प्रातः सवा नौ बजे ध्वजारोहण के साथ कार्यक्रम प्रारंभ होगा। सुबह साढ़े 10 बजे रूद्राभिषेक प्रारंभ होगा। अभिषेक के पश्चात रूद्राभिषेक आरती होगी। शनिवर 22 फरवरी को दोपहर सवा 12 बजे सुन्दरकांड पाठ, शाम चार बजे सुन्दरकांड पाठ आरती, साढ़े चार बजे विशेष श्रृंगार महाआरती होगी। महाआरती के पश्चात भोलेनाथ के दर्शन श्रृंगार प्रारंभ होगा। इसके पश्चात शाम 5 बजे से रात्रि साढ़े 10 बजे तक आम भण्डारा एवं प्रसादी वितरण होगा।