मालवा के गौसेवक संत पं.प्रभुजी नागर ने नंदिनी गौशाला में पूजन कर नागरिकों से गौवंश की रक्षा के लिये अपील की
न्यूजवेव@अटरू
देश मे गौ सेवा सबसे बड़ा पुण्य है। जो सेवक समय निकालकर तन-मन से गौ शालाओं में सेवाये दे रहे हैं, उन पर द्वारिकाधीश की कृपा अवश्य बरसती है। नंदिनी गौ सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा महोत्सव के समापन सत्र में गौसेवक संत पं.प्रभुजी नागर ने कहा कि मकर संक्रांति पर्व पर हम पुण्य के नाम पर एक ही दिन में सुबह से शाम तक गौवंश को हरा चारा, सूखा चारा, गुड, दलिया आदि आवश्यता से अधिक खिला देते हैं। पूरे देश में उस दिन के आंकडे़ देखें तो गौवंश की सर्वाधिक मौतें उसी सप्ताह में होती है। इसका कारण यह है कि भूखे प्यासे बेजुबान गौवंश को क्षमता से ज्यादा एक साथ खिला देना। जिससे वो आफरा होने, आंते फटने या पेट खराब होने जैसी बीमारियों से मौत के मुंह में चले जाते हैं।
इसलिये मकर संक्रांति पर बेजुबान गौवंश को दान-पुण्य करने वालों से अपील है कि आप एक दिन में जितना पैसा दान-पुण्य पर खर्च करना चाहते हों, उसे एक सााथ खर्च नही करके मकर संक्रांति से कुछ दिन पहले से और बाद तक रोज थोड़ा-थोड़ा खिलायें। जिससे गौवंश का पेट भी रोजाना भरेगा और एक साथ खाने से उनकी मौत से बचाव भी होगा।
उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति पर एक साथ डाला हुआ सूखा या हरा चारा दूसरे दिन सफाई कमर्चारियों द्वारा साफ कर दिया जाता है, आधे से ज्यादा चारा गौवंश के पैरों में और उनके किये हुए गौबर से खराब हो जाता है। इसलिए सभी गौ सेवकों से आग्रह है कि जनवरी के पहले सप्ताह से गौवंश को दान पुण्य प्रारंभ कर दें, वो कडाके की सर्दी से भी बच सकेंगे। आपके द्वारा रोज थोड़ा थोड़ा चारा, गुड़, दलिया आदि खिलाने से ज्यादा पुण्य देगा।
भक्ति की धरती है राजस्थान
संत नागर जी ने कहा कि राजस्थान की पवित्र धरा पर मीरा ने अमिट भक्ति की है, ठीक उसी तरह, चित्तौड़ की अजक बाई की अटूट भक्ति गोवर्धन नाथ को 700 किमी दूर नाथद्वारा तक खींच लाई थी। यह धरती बहुत पवित्र है, यहां के कण-कण में गौ सेवा के रूप में द्वारिकाधीश का वास है। ऐसी पवित्र भूमि को बुराइयों, दुर्व्यसनो व अपराधों से अपवित्र मत बनाओ। आप जब भी किसी कथा में जाएं, संकल्प लें कि ऐसा कोई अच्छा कार्य करेंगे, जिसका अनुसरण हमारे बच्चे भी करें। कथा में बारां-झालावाड़ के सांसद दुष्यन्त सिंह व मनोहरथाना के पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा प्रवचन सुनकर महाआरती में शामिल हुए।
गांव-गांव में भक्ति की बयार
नंदिनी गो सेवा समिति के प्रवक्ता ने बताया कि श्रीमद भागवत कथा में रोज 12 से 3 बजे तक संत प्रभूजी नागर के ओजस्वी प्रवचन सुनने के लिए अटरू तहसील के कुछ गांवों से भक्त अपने घरों पर ताले लगाकर आते थे। संत नागर जी ने व्यासपीठ से अपनी पगड़ी उतारकर पांडाल में बैठे हजारों भक्तों के श्रद्धा भाव को नमन किया। समापन सत्र में हजारों महिलाओं ने सजल नेत्रों से ठाकुरजी को विरह गीतों से याद किया। गौ पालन मंत्री प्रमोद जैन भाया एवं जिला प्रमुख श्रीमती उर्मिला जैन भाया ने सभी श्रद्धालुओं को पीले चावल देकर बड़ा के बालाजी मंदिर, बारां पर 10 फरवरी से श्रीमद भागवत कथा में पूज्य संत प्रभुजी नागर के प्रवचन सुनने का न्यौता दिया।