Friday, 19 April, 2024

मनुष्य जीवन में उम्र घटती है, तृष्णा बढ़ती है – संत प्रभुजी नागर

अटरू में विशाल श्रीमद भागवत कथा : दूसरे दिन कथा पांडाल छोटा पड़ा, 60 हजार से अधिक भक्त पहुंचे
न्यूजवेव @अटरू/कोटा

नंदिनी गौ सेवा समिति, अटरू द्वारा आयोजित श्रीमद भागवत कथा महोत्सव के दूसरे सोपान में गुरूवार को गौ सेवक संत प.प्रभु जी नागर ने कहा कि भगवान की भक्ति में अदभुत शक्ति होती है। जीवन में उम्र हमेशा घटती जाती है और मन मे तृष्णा बढ़ती जाती है। इसलिये जीवन को हमेशा भक्ति के तारों से जोडकर रखें। जिस तरह शरीर को पंचमेवा खाकर ताकतवर बनाते हो, उसी तरह सत्संग व भक्तिभाव से जुड़कर मन को भी पवित्र एवं मजबूत कर लोे।


उन्होंने कहा कि जब हम दूध में छाछ डाल देते हैं तो वह सोच लेता है कि मुझे अब घी बनकर ही निकलना है। उसी तरह, मनुष्य यह सोच ले कि कथा सत्संग से जुड़कर अब मुझे प्रभु चरणों में ही ध्यान लगाना है। आज एक बारात में बाराती बंदूक से हवाई फायर करके खुश हो जाता है, जबकि एक सैनिक जब गोली चलाता है तो उसका लक्ष्य एक ही होता है मुझे सामने दुश्मन को भेदना है। उसी तरह, कथा-सत्संग से जुडकर आपके मन में भी लक्ष्य होना चाहिये कि मुझे ईश्वर के चरणों तक पहुंचना है।
उन्होंने एक प्रसंग सुनाते हुये कहा कि किसान जो बोता है, वो ही फसल काटता है इसी तरह हमने जो भी पाप किये हैं, उसका फल हमें भोगना ही है। शास्त्रों में उल्लेख है कि पवित्र संतो ंके चरण छूने मात्र से पाप घट जाते हैं। यह सुनकर संत तुकाराम का एक शिष्य भ्रमित हो गया। वह रामकृष्ण परमहंस से बोला कि गुरूदेव आप मुझे दीक्षा दे दो। संत ने पूछा कि तुमने किसी अन्य संत से दीक्षा ली है क्या। उसने कहा कि मैने संत तुकाराम से दीक्षा ली है। तो उससे कहा कि संत तुकाराम के आश्रम के पास जाकर वहां रखी शिला पर उनका दिया हुआ मंत्र बोलना और उस पर थूक देना।
शिष्य ने वैसा ही किया तो मोटी शिला अचानक चमत्कारिक पत्थर में बदल गई। वह लौटकर रामकृष्ण परमहंस से बोला कि जो आपने कहा था, वैसा की किया। इस पर गुरूदेव ने पूछा कि जब तुम गये थे तब शिला का रंग कैसा था, उसने कहा कि काला लेकिन थूकते ही वह चमकीला पत्थर हो गया। इस पर वे बोले कि मूर्ख जब मंत्र की शक्ति से ही पत्थर चमकीला हो सकता है तो तू राम को भजता तो तेरा जीवन कैसा हो जाता। इसलिये जीवन में साधू बनो या न बनो लेकिन भक्त अवश्य बन जाना। क्योंकि मनुष्य जीवन की उम्र तो घटती जाती है, उसकी तृष्णा बढती जाती है।
खचाखच भरा रहा विशाल पांडाल


आयोजन समिति के प्रवक्ता ने बताया कि गौ सेवक संत नागरजी को सुनने के लिये दूसरे दिन पांडाल श्रद्धालुओं से खचाखच भरा रहा। दूसरे दिन भक्तों की संख्या 60 हजार से अधिक हो जाने से पुरानी धानमंडी के ढोक तलाई मैदान में कथा पांडाल का विस्तार किया जा रहा है। लगभग 20 बीघा क्षेत्रफल में बारां जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से बडी संख्या में भक्त रोज 12 से 3 बजे तक नागरजी के ओजस्वी प्रवचन सुनने पहुंच रहे हैं। यह कथा महोत्सव 3 जनवरी तक चलेगा।

(Visited 490 times, 1 visits today)

Check Also

हमने सारी बाधायें दूर की, कोटा में हवाई सेवा जल्द शुरू होगी -सीएम भजनलाल शर्मा

न्यूजवेव @कोटा  मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि 2014 के बाद देश में जो परिवर्तन …

error: Content is protected !!