उंची उड़ान: देश के होनहार विद्यार्थी आईआईटी, एनआईटी, एम्स या मेडिकल कॉलेज से एक कदम आगे निकल रहे हैं। प्रतिस्पर्धा से उंची स्कॉलरशिप हासिल कर वे ग्लोबल यूनिवर्सिटी में पहुंच गए।
अरविंद
कोटा। कॅरिअर की मंजिलें किसी एक टेस्ट तक सीमित नही रही, इन दिनों देश में स्कूली विद्यार्थी ऐसे भी हैं, जो निरंतर मेहनत करते हुए वर्ल्डक्लास यूनिवर्सिटी में नक्षत्र की तरह चमक रहे हैं। विभिन्न शहरों में शांत शैक्षणिक वातावरण मिलने से कई स्टूडेंट्स कडे़ मुकाबले में इंटरनेशनल एक्सपोजर हासिल कर रहे हैं। हर राज्य में छात्र पहले सपनों का कैनवास बुनते हैं, फिर एक-दो वर्ष लगातार मेहनत कर उसमें सफलता के रंग भरते हैं। यही वजह है कि अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए आज वे नेशनल व इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में नई पहचान बना रहे हैं। साधारण से असाधारण दिखने वाले ऐसे ही स्टूडेंट्स की कहानी-
कर्नेल यूनिवर्सिटी में अनुपेक्षा को 1.32 करोड़ स्कॉलरशिप
स्कूल में ही जो स्टूडेंट लीक से हटकर अपनी रूचि का फील्ड चुन लेते हैं, वे उसी दिशा में कड़ी मेहनत करते हुए मंजिल को छू लेते हैं। स्कूली छात्रा अनुपेक्षा जैन ने ऐसा ही कर दिखाया। उसे कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, यूएसए से 4 वर्ष के यूजी कोर्स के लिए 1.32 करोड़ रूपए की स्कॉलरशिप मिली। क्लास-10 तक स्कूल में कैप्टेन रही अनुपेक्षा की आईआईटी में प्रवेश लेने में कोई रूचि नहीं ली।
उसने कोचिंग नहीं ली और न ही जेईई-मेन व एडवांस्ड टेस्ट दिए। एनटीएससी स्कॉलर व केवीपीवाय में चयनित होने के बाद उसने ठान लिया कि किसी टॉप फॉरेन यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करेगी। पापा धर्मचंद्र जैन सीए तथा मंा श्वेता जैन केमिस्ट्री में एमएससी हैं। उन्होंने पूरा मोरल सपोर्ट दिया। क्लास-12 में उसे मैथ्स व बायोलॉजी दोनों सब्जेक्ट पढ़ते हुए 93 प्रतिशत मार्क्स अर्जित किए। एकाग्र होकर सेट के लिए सेल्फ स्टडी करती रही। सेट-1 तथा सेट-2 में उसने अच्छा स्कोर किया। एडवांस्ड प्लेसमेंट टेस्ट (एपीटी) में 3 से 5 तक स्कोर कर उसने कुल 23 क्रेडिट अर्जित किए। कॉर्नेल यूनिवर्सिटी, यूएसए में 120 क्रेडिट का यूजी कोर्स होता हैं, जिसमें अनुपेक्षा को 23 क्रेडिट तथा ट्यूशन फीस में 90 प्रतिशत छूट के लिए स्कॉलरशिप मिली।
छुट्टियों में घर से की तैयारी
अनुपेक्षा ने बताया कि स्कूल में एडवांस्ड प्लेसमेंट टेस्ट (एपीटी) की तैयारी नहीं थी, इसलिए छुट्टियों में घर पर नियमित पढ़ाई की। पूरे साल का कोर्स 1 माह में पूरा कर लिया। एनजीओ से जुडकर उसने वाइटल बायोटेक में रिसर्च असिस्टेंट के रूप में कार्य किया। रिसर्च में रूचि होने से समर ब्रेक में वह प्योर एंड अप्लायड साइंस में रिसर्च वर्क कर रही है। यूजी के बाद चह ऑक्सफोर्ड या केम्ब्रिज से डॉक्टरेट डिग्री करेगी। फॉरेन यूनिवर्सिटी में एक वर्ष की परफॉर्मेंस को नहीं परखा जाता, बल्कि क्लास-8 से 12वीं तक मार्कशीट देखकर स्टूडेंट को स्कोर देते हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ पेनस्लिवेनिया में लक्ष्य को 2 करोड़ स्कॉलरशिप
जेईई-एडवांस्ड,2017 में ऑल इंडिया रैंक-10 पर चयनित लक्ष्य शर्मा ने आईआईटी, बॉम्बे की जगह यूएसए की यूनिवर्सिटी ऑफ पेनस्लिवेनिया को चुना। वहां से वह ड्यूल डिग्री कोर्स करेगा। इसी यूनिवर्सिटी में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प ने भी पढ़ाई की। इस वर्ल्डक्लास यूनिवर्सिटी से उसे लगभग 2 करोड़ रूपए स्कॉलरशिप मिली। न्यूक्लियस एजुकेशन के निदेशक मेंटर विशाल जोशी की गाइडेंस से फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स मजबूत हुई। इसी के दम पर उसे इस वर्ष फॉरेन यूनिवर्सिटी के लिए टॉफेल व सेट में फुल मार्क्स मिले। पापा केबी शर्मा कनाडा में चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं। मां अलका शर्मा दो साल उसके साथ कोटा में रही। रिलेक्स होने के लिए वह सिंथेसाइजर बजाता है। डसने कहा कि देश के बेस्ट टीचर्स ने मेरे अंदर के गुणों को विकसित व पॉलिश किया। फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स तीनों सब्जेक्ट में 800 में से 800 मार्क्स मिले।
क्लास-10 से सजल को 36 लाख की ग्लोबल सिटीजन स्कॉलरशिप
इरादों में दम हो तो उम्र से बडे़ सपने भी सच हो जाते हैं। भुवनेश्वर के क्लास-10 के छात्र सजल वैष्णव ने भीड़ से अलग चलने की राह चुनी। वह रेगुलर पढ़ाई के साथ इंटरनेट पर ग्लोबल कोर्सेस के लिए
कॉम्पिटिशन टेस्ट को सर्च करता रहा। सिंगापुर की ग्लोबल स्कूल फाउंडेशन द्वारा आयोजित ग्लोबल सिटिजन स्कॉलरशिप (जीआईआईएस) के लिए टेस्ट में अच्छा स्कोर किया। उसका क्लास-11 एवं 12 के लिए सिंगापुर के क्वीन्स टाउन फ्लेगशिप कैम्पस से स्कॉलरशिप प्रोग्राम में चयन हुआ। जिसमें दुनियाभर से चयनित टॉपर्स को ग्लोबल एकेडमिक व कॅरिअर प्रोस्पेक्टस दिया जाता है। प्रत्येक स्टूडेंट को क्लास-11 व 12 के लिए 36 लाख रूपए स्कॉलरशिप दी जाती है। साथ में रिटर्न हवाईटिकिट, वीजा फीस, ट्यूशन फीस, हॉस्टल सुविधा तथा प्रतिमाह पॉकेट अलाउंस भी दिया जाता है। सजल में आईआईटी से एक कदम आगे बढने का जुनून है।
इसलिए खास है जीआईआईएस
इस प्रतिष्ठित स्कॉलरशिप टेस्ट में चयनित स्टूडेंट्स को स्कूल टेस्ट की तैयारी करवाई जाती है ताकि उनका एकेडमिक प्रोफाइल तैयार हो सके। सिंगापुर में कोई कोचिंग नहीं दी जाती। हर स्टूडेंट के लिए नियुक्त काउंसलर उसे गाइड प्लान बनाकर देते हैं। कॉलेज से पहले क्लास-11 व 12 के लिए वहां सीबीएसई के जूनियर कॉलेज या आईबी डिप्लोमा कोर्स होते हैं।
लय जैन को एमआईटी में मिलेगी 1.96 करोड़ स्कॉलरशिप
एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट का छात्र लय जैन 12वीं बोर्ड के साथ जेईई-एडवांस्ड की तैयारी कर रहा है। वह सेल्फ स्टडी को अपनी ताकत मानता है। नवंबर-दिसंबर,17 में उसने सेट एग्जाम में फिजिक्स, केमिस्ट्री व मैथ्स तीनों सब्जेक्ट में 100 प्रतिशत मार्क्स अर्जित किए। कुल स्कोर में 1600 में से 1550 अंक हासिल कर वह एमआईटी, यूएसए में रिकॉर्ड 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप के लिए चयनित हुआ। उसे 4 वर्ष के डिग्री कोर्स के लिए 1.96 करोड़ रूपए स्कॉलरशिप मिलेगी। रेलवे में इंजीनियर पापा एके जैन व मां भावना जैन ने बताया कि बेटा फिजिक्स में रिसर्च करना चाहता है। हमने उसे छूट दी।
एनटीएसई स्कॉलर लय ने मेहनत करते हुए आईजेएसओ में गोल्ड मैडल, केवीपीवाय व नेश्रनल साइंस ओलिम्पियाड में एआईआर-1, इंटरनेशल फिजिक्स ओलिम्पियाड में गोल्ड मैडल, एशियन फिजिक्स ओलिम्पियाड में ब्रांच मैडल तथा इंटरनेशनल यंग मैथेमेटिशियन कन्वेंशन में गोल्ड मैडल जीतकर लाखों विद्यार्थियों के बीच अपनी प्रतिभा को साबित कर दिखाया। वह कहता है, आज कितना पढना है, उसे रोज पूरा करना लक्ष्य रहा। टेक्निकल यूनिवर्सिटी की लैब में जाकर प्रेक्टिकल किए। ओलिम्पियाड से इंटरनेशनल लेवल पर परखा। इस वर्ष वह जेईई-एडवांस्ड में शीर्ष रैंक हासिल कर आईआईटी, मुंबई की बजाय एमआईटी में जाना चाहता है।
नायांग यूनिवर्सिटी, सिंगापुर में उत्सव को स्कॉलरशिप
राजस्थान के छात्र उत्सव सिंघल एशिया नंबर-1 यूनिवर्सिटी सिंगापुर की नायांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रैंक-13 पर कामयाब रहा। जेईई-एडवांस्ड,2017 में रैंक-385 के साथ एक अन्य एंट्रेस टेस्ट में शानदार रैंक मिलने से उसे चार वर्षीय यूजी कोर्स के लिए 50 प्रतिशत स्कॉलरशिप मिली। आईआईटी, मुंबई में चयनित होकर भी दुनिया की टॉप यंग यूनिवर्सिटी से बीटेक करने का फैसला किया।
2 वर्ष निरंतर पढते हुए जेईई-मेन से पहले तेज बुखार से पेपर बिगड़ गया। एआईआर-6780 मिली, लेकिन हारा नहीं। स्कूूल में पढ़ते हुए डिस्कवरी चैनल की टेरा क्विज कॉम्पिटिशन में उसनेे डिस्क थ्रो के सेमीफाइनल में क्वालिफाई किया। न्यूक्लियस एजुकेशन में मेंटर विशाल जोशी की गाइडेंस से एक हार को ठुकराकर दोगुना हौसले से पढ़ा,जिससे दोहरी सफलता मिली।
क्लास-10 में एनटीएसई स्कॉलर व क्लास-11 में केवीपीवाय में रैंक-37 मिली। दो बार अर्थ साइंस ओलिम्पियाड, एस्ट्रोनॉमी व मैथ्स ओलिम्पियाड में सफल रहा। आईवायएमपी, लखनऊ की मैथ्स क्विज में उसकी टीम ने 3 गोल्ड व 1 ब्रांज मेडल जीते। पापा गोविंद प्रसाद सिंघल रेलवे में टेªफिक लोको कंट्रोलर हैं। मां उषा गोयल स्टाफ नर्स हैं।
79 वर्ल्डक्लास यूनिवर्सिटी में भारतीय स्टूडेंट
गत 8 वर्ष में देश के 80 मेधावी स्टूडेंट्स को इंटरनेशनल रैकिंग के साथ 79 वर्ल्डक्लास यूनिवसिर्टी में एडमिशन मिले। हार्वर्ड, ऑक्सफोर्ड, स्टेनफोर्ड, एमआईटी, हांगकांग यूनिवर्सिटी, नेशनल यूनविर्सिटी, सिंगापुर में साइंस, इंजीनियरिंग, कॉमर्स व आटर््स आदि सब्जेक्ट के अंडरग्रेजुएट कोर्सेस में भारतीय विद्यार्थी 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप अर्जित कर रहे हैं। खास बात यह कि फॉरेन यूनिवर्सिटी में दाखिले के लिए क्लास-12 की बजाय क्लास-8 से 12 तक परफॉर्मेंस चेक करते हैं। डिग्री से उन्हे ग्लोबल एक्सपोजर मिलता है। यही वजह है कि मेधावी छात्र आईआईटी छोड़ फॉरेन यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने लगे हैं।
– नीलेश गुप्ता, नेशनल काउंसलर, कोटा।