Friday, 29 March, 2024

‘अपने पुत्र को अच्छाई का पात्र बनायें’-पं.कमलकिशोर ‘नागरजी’

झालावाड़ के खेल संकुल मैदान में विराट श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ, गौसेवक संत पं.कमलकिशोर ‘नागरजी’ के ओजस्वी प्रवचन सुनने उमडे़ हजारों श्रद्धालु
न्यूूजवेव @ झालावाड़/कोटा

मालवा के गौसेवक संत पूज्य पं.कमलकिशोर ‘नागरजी’ ने कहा कि आज धर्म के प्रति आस्था कम होने से समाज व परिवार में कई विकृतियां जन्म ले रही हैं। आजकल बच्चों में धार्मिक कार्यों व सत्संग में रूचि घटने लगी है, ईश्वर के नाम पर वे तार्किक हो रहे है। बच्चे माता-पिता से पूछते हैं, कथा में जाने भगवान मिल जायेगा क्या। इससे सामाजिक व्यवस्था पर बुरा प्रभाव देखने को मिल रहा है। याद रखें, मनुष्य जीवन में जिस तरह शरीर को भोजन चाहिये, उसी तरह आत्म शुद्धि के लिये भक्ति व सत्संग बहुत जरूरी है।

झालावाड़ के राजकीय खेल संकुल मैदान में बुधवार से मानव सेवा समिति द्वारा आयोजित विराट श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ महोत्सव के प्रथम सोपान में दिव्य संत पूज्य पं. ‘नागरजी’ ने कहा कि आज पुत्र को अच्छे पात्र बनाने के लिये प्रयास नहीं हो रहे हैं। स्कूली बच्चे पात्र नहीं बनने से वे अकर्मन्यता के शिकार हो रहे हैं। जब बच्चे पात्र होंगे तभी उन्हें भगवत ज्ञान प्राप्त होगा। मां के दूध के साथ बच्चे को कुछ अच्छा ज्ञान मिल जाये तो वह अमृत समान हो जाता हैं। इसलिये हर पुत्र को अच्छाई का पात्र बनाने का प्रयास करें।
‘अनमोल रतन को देने वाला देता है बिन मोल..’
पूज्य संत ने कहा कि मां का दूध और छाछ दोनों बिना मोल मिल जाते हैं। उसी तरह कथा में ज्ञान भी अनमोल होता हैं। उन्होंने भजन ‘अनमोल रतन को देने वाला देता है बिन मोल..’ सुनाते हुये कहा कि ’बच्चों को बचपन से कुछ अच्छा ज्ञान मिल जाये तो वह अमृत समान हो जाता हैं। इसलिये हर पुत्र को अच्छाई का पात्र बनाने का प्रयास करें। हर मां खुद उलटे पैर चलकर बच्चे को चलना सिखाती है, उसी तरह कथा में कुछ ग्रहण करने के लिये मंथन करें।
अपनी इच्छा को हरि इच्छा से जोडें
उन्होंने कहा कि व्यस्त दिनचर्या में हम मन को स्थिर रखकर रोज कुछ समय आध्यात्मिक ध्यान करना सीखें। मन को स्थिर रखना आसान नहीं होता है। जैसे ही हम ईश्वर का नाम स्मरण करने बैठते हैं, मन भौतिक सुविधाओं की ओर भटकने लगता है। मन के भटकाव को रोकने के लिये कथा-सत्संग का पवित्र वातावरण हमें आत्मावलोकन का अवसर देता है। निष्काम होकर कथा अवश्य सुनें। जीवन में सफलता पाने के लिये ईश्वर में ध्यान केंद्रित कर मन के विचलन को रोकें। अपनी इच्छा को हरि इच्छा से जोड़ लें।
पुण्य जमा नही किये तो क्या मिलेगा
पूज्य नागरजी ने कहा कि आपके बैंक अकाउंट में पैसा नहीं है तो एटीएम से कुछ नहीं निकलता है। उसी तरह, परमात्मा के बैंक में पुण्य जमा नहीं किये तो उसके यहां से आपको क्या मिलेगा। अच्छे पुण्य कमाने के लिये भक्ति करें, इससे आत्मा शुद्ध होगी और वहीं परमात्मा से मिलायेगी।

मानव सेवा समिति अध्यक्ष शैलेंद्र यादव ने सपरिवार श्रीमद भागवत की सामूहिक आरती की। इस मौके पर पूर्व विधायक व जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मीणा, पाटीदार समाज के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुप्रसाद पाटीदार सहित कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़ जिले सहित मध्यप्रदेश के कई गांव-कस्बों से पहुंचे हजारों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण किया। शाम को 10 रोडवेज बसों से जिले के विभिन्न कस्बों से आये श्रद्धालुओं को निःशुल्क यात्रा सुविधा दी गई। झालरापाटन से बड़ी संख्या में नागरिक मिनी बसों व निजी वाहनों से खेल संकुल पहुंचे। झालावाड़ में पं.नागरजी की पहली कथा से चारों ओर धर्मनगरी जैसा वातावरण देखने को मिल रहा है। अन्य राज्यों व शहरों से आने वाले कई परिवार 17 दिसंबर तक अपने रिश्तेदारों के घरों पर ठहरे हुये हैं। धर्मशालाओं व होटलों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली। खेल संकुल के 45 बीघा परिसर में विशाल पांडाल में ठहरे 4 हजार से अधिक बुजुर्ग महिला-पुरूषों ने रात्रि में भजन-संकीर्तन में झूमते हुये ईश्वर भक्ति से जुडे़ रहने की अलख जगाई।
कलश यात्रा से धर्मसभा की गूंज

कथा से पूर्व सुबह गायत्री शक्ति पीठ, झालावाड़ से भव्य कलश यात्रा प्रारंभ हुई, जिसमें मानव सेवा समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र यादव व धर्मपत्नी अन्नू यादव ने श्रीमद् भागवत की विधि विधान से पूजा अर्चना की। 108 महिलाये परंपरागत वेशभूषा में सिर पर कलश लेकर चल रही थी, बड़ी संख्या में महिला-पुरूष कलश यात्रा में शामिल हुये। मार्ग में विभिन्न संगठनों एवं समाजों द्वारा जगह-जगह पुष्पवर्षा से कलश यात्रा का स्वागत किया गया। इस अवसर पर गायत्री शक्ति पीठ के मुख्य ट्रस्टी गोपाल लाल शर्मा, मदनसिंह, ज्वाला प्रसाद शर्मा सहित गणमान्य नागरिक शामिल हुये।

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