न्यूजवेव @कोटा
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कोटा में पत्रकारों से कहा कि देशभर में पेट्रोल, डीजल पर अप्रत्याशित टैक्स लगाना अत्यंत गंभीर विषय है, इससे आम जनता प्रभावित हो रही है। ऐसे में केंद्र सरकार को पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस की कीमतें घटाने पर विचार करना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी में राज्य सरकारों का हिस्सा खत्म कर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी, एडिशनल एक्साइज ड्यूटी और सेस जैसे तीन नए टैक्स लगाने का कार्य किया है, जिसमें राज्यों की हिस्सेदारी बिल्कुल शून्य है। ऐसी स्थिति में राज्यों को भारी राजस्व घाटा हो रहा है। दूसरी ओर केंद्र सरकार राज्यों से उम्मीद करती है कि वे अपना टैक्स घटाए।
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में पेट्रोल-डीजल पर वैट राजस्थान से अधिक है। उन्होंने कहा कि पूर्व में अंतर्राष्ट्रीय कीमतें बढ़ने के बावजूद पेट्रोल की कीमत 60 रुपए से पार नहीं गई परंतु आज अंतरराष्ट्रीय कीमतें कम होने के बावजूद देशभर में पेट्रोल की दरें 100 रुपए प्रति लीटर से अधिक है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि जिस तरह रसोई गैस की कीमत 200 रुपए कम की है, उसी तरह केंद्र पेट्रोल, डीजल की कीमतें घटाकर आम जनता को राहत दें।
गहलोत ने उज्जवला योजना के तहत देशभर में राजस्थान सरकार की भांति 500 रुपए में सिलेंडर देने की मांग की। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पेट्रोल पंप संचालकों से दो दिन अनावश्यक हड़ताल में भाग नहीं लेने का आव्हान किया ताकि आम जनता को परेशानी न हो।
हमने कोटा में नये एयरपोर्ट के लिए निशुल्क जमीन दे दी
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कोटा में प्रस्तावित ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विस्तार के लिए निःशुल्क जमीन उपलब्ध करवा दी है। इसके बावजूद केंद्र सरकार एयरपोर्ट के निर्माण कार्यों को आगे नहीं बढ़ा पा रही है। कोटा से सांसद व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिऱला को इस कार्य में पहल कर केंद्र सरकार से अविलम्ब संवाद करना चाहिए। कोटा को नया एयरपोर्ट देना अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है।
आत्महत्याएं रोकना सबकी जिम्मेदारी, कमेटी की रिपोर्ट जल्द
मंगलवार को कोटा में एक ओर छात्रा द्वारा आत्महत्या कर लेने पर एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि बाहर से यहां आकर पढाने करने वाले विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या जैसा कदम उठाना बहुत दुःखद है। इन घटनाओं को रोकना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। मैंने स्वयं प्रदेश के कोचिंग संचालकों, विशेषज्ञों के साथ इस मुद्दे पर समीक्षा बैठक की है। शिक्षा के क्षेत्र में ऐसे मामलों को रोकने तथा प्रदेश में विद्यार्थियों को तनावमुक्त वातावरण प्रदान करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। उसकी रिपोर्ट जल्द आएगी, जिस पर राज्य सरकार आगे कदम उठायेगी।