इस साल तेज बारिश के चलते सोयाबीन की पैदावार पर पानी फिरा, किसानों के चेहरे मुरझाये
संदीप गुप्ता
न्यूजवेव @ रामगंजमण्डी
कोटा जिले के रामगंजमंडी उपखंड में पिछले 40 दिनों से हो रही तेज बारिश के कारण खरीब की फसलें चौपट हो गई है। तहसील में कुल 70 हजार हेक्टेयर भूमि में से 46 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खरीफ की फसलों की बुवाई की गई थी। उपखंड में मुख्यतः मक्का, ज्वार उड़द व सोयाबीन की पैदावार अधिक होती है । इसमें लगभग 17 हजार हेक्टेयर मे सोयाबीन की बुवाई की गई है। वहीं कुंडाल क्षेत्र में 9 से 10 हजार हेक्टयर क्षेत्रफल में ज्वार की बुवाई की गई है। इसी तरह 10-10 हजार हेक्टेयर में उड़द ओर मक्का की बुवाई का भी रकबा है ।
किसानों का कहना है कि पिछले डेढ़ माह से निरन्तर बारिश के चलते उनकी 70 से 75 प्रतिशत फसलो को भारी नुकसान पहुंचा है। जबकि कृषि विभाग के अधिकारी लगभग 40 से 45 प्रतिशत रकबे में ही नुकसान होने का आंकलन कर रहे है।
48 से 52 इंच बरसात
इस क्षेत्र में प्रतिवर्ष 33 से 38 इंच बरसात को फसलों के लिए पर्याप्त माना जाता है , जबकि अभी तक यहां 48 से 52 इंच बरसात हो जाने से तालाब, कुए, नदी-नाले सब उफान पर आ चुके हैं। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 3 से 4 दिनों में तेज धूप नही निकलती है तो फसलों में नुकसान 70 से 80 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। हालांकि, कृषि विभाग ने अभी तक हुए नुकसान के लिए सरकारी आंकड़े जारी नही किये है । विभाग बरसात थमने के बाद ही वास्तविक नुकसान का आंकलन करना चाहता है। जिससे पीड़ित किसानों को उचित मुआवजे मिल सके।
भारतीय किसान संघ के जिला उपाध्यक्ष सत्यनारायण धाकड़, इकाई प्रमुख शिवनारायण धाकड़ व किसान नेता लक्ष्मीनारायण धाकड़ सहित अन्य किसानों ने बताया कि क्षेत्र की सभी फसलों में नुकसान काफी ज्यादा हुआ है। हर खेत मे किसानों की मायूसी उनकी आंखों में देखी जा सकती है ।