न्यूजवेव @कोटा
शहर के चंबल रिवर फ्रंट पर लगने वाली सबसे बड़े घंटी का अनावरण बुधवार को राजस्थान खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के उपाध्यक्ष पंकज मेहता ने किया। कार्यक्रम में एलन कोचिंग इंस्टीट्यूट के निदेशक नवीन माहेश्वरी व शिक्षा विभाग के रजिस्ट्रार पवन मौजूद रहे।
इंजीनियर देवेन्द्र कुमार आर्य ने बताया कि घंटी को महज 15 मिनट में ढालना होगा। ऐसे में 2200 किलो धातुओं को एक साथ ढालने के लिए 35 विशेष भट्टियां बनाई गई है। इसमें ढली धातुओं को चार विशेष पात्रों से सांचे तक पहुंचाया जाएगा। जिनकी टेस्टिंग कर ली गई है। अगले माह घंटी की ढलाई के लिए तैयारियां की जा रही है। तैयार घंटी सुनहरी रंग की नजर आएगी, जो वक्त के साथ और चमकीली होती जाएगी। इसे ढालने की अंतिम तैयारी कर ली गई हैं।

घंटी को ढालने के लिए जयपुर से तीन टुकड़ों में लाए गए फाइबर के थ्री-डी मदर पैटर्न को जोड़कर तैयार किया गया है। इसके सहारे विभिन्न धातुओं के मिश्रण (कास्टिंग अलॉय) को घंटी के आकार में ढालकर दुनिया की सबसे बड़ी घंटी का आकार दिया जायेगा। घंटी को बजाने के लिए दुनिया की सबसे लंबी साढ़े छह मीटर की 400 किलो वजनी ज्वाइंट लैस रिंग चैन भी तैयार की जाएगी। इसकी विशेषता यह होगी कि घंटी बजाते समय यह चैन आवाज नहीं करेगी। इसकी गूंज 8 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी। यह दोनों चीजें 2 विश्व रिकार्ड बना रही है।

उन्होंने बताया कि अब तक दुनिया की सबसे बड़ी घंटी रूस व चीन में है। रूस में घंटी बनाते समय टूट गई थी। ऐसे में टूटी घंटी प्रदर्शित की गई है। यह दोनों घंटियां 6 गुणा 6 परिधि की है। कोटा में लगने वाली विशाल घंटी सवा नौ मीटर ऊंची, साढ़े आठ मीटर चौड़ी और करीब 75 हजार किग्रा वजन की होगी।
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