आईएमए ने कहा, नीट-पीजी कॉउंसलिंग में देरी मरीजों के लिए भी नुकसानदेह 
न्यूजवेव @ कोटा 
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की राजस्थान शाखा ने रेजिडेंट डॉक्टर्स द्वारा चल रही हड़ताल का समर्थन किया है। आईएमए ने सरकार को 6 जनवरी तक अल्टीमेटम देते हुये कहा कि सरकार एक सप्ताह में नीट कॉउंसलिंग पर अंतिम निर्णय ले। क्योंकि असंमजस की स्थिति मरीजों के लिए भी नुकसानदेह है। विदेशों में रेजिडेंट 40-48 घंटे काम करते है लेकिन भारत में नीट-यूजी काउन्सलिंग में विलम्ब होने से उन्हें 24 घंटे सेवायें देनी पड़ रही है। रेजीडेंट चिकित्सकों को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे उनकी कार्यक्षमता व दक्षता पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है जो रोगियों के लिए भी घातक है।
आईएमए की राजस्थान शाखा के अध्यक्ष डॉ अशोक शारदा और सचिव डॉ पी सी गर्ग ने बताया कि यदि सरकार कोई निर्णय नहीं करती है तो आईएमए राष्ट्रीय स्तर पर इसके खिलाफ आंदोलन करेगी जिसमें रेजिडेंट्स के साथ बाकी सभी चिकित्सक भी शामिल होंगे। ऐसी स्थिति में महामारी के दौरान आज जनता को भी असुविधा का सामना कर पड सकता है।
उन्होंने नईदिल्ली में मंगलवार को रेजीडेंट डॉक्टर्स के साथ हुए व्यवहार की कड़ी भर्त्सना की। एसोसिएशन ने मांग की रेजीडेंट चिकित्सकों पर थोपे गए मुकदमें वापस लिये जायें। रेजिडेंट डॉक्टर चिकित्सा तंत्र की रीढ़ हैं उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जाए अन्यथा कोरोना महामारी के दौर में आम जनता को इससे परेशानी उठानी पड़ सकती है।
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