Monday, 25 August, 2025

कोटा में गूंजेगी दुनिया की सबसे बडी घंटी

कोटा में निर्माणाधीन चंबल रीवर फ्रंट देश-विदेश के पर्यटकों का लुभायेगा
न्यूजवेव @ कोटा
शहर में निर्माणाधीन चंबल रीवर फ्रंट कोटा शहर को कोचिंग के साथ देश-दुनिया में टूरिज्म हब के रूप में नई पहचान दिलायेगा। यूडीएच मंत्री एवं कोटा उत्तर के विधायक शांति धारीवाल कोटा को पर्यटन से पहचान दिलाने के लिये समूचे शहर में कई अनूठे विकास प्रोजेक््टस को समय पर पूरा करवाने में जुटे हैं। इनमें से एक है चंबल रीवर फ्रंट एरिया में दुनिया की सबसे बडी घंटी का निर्माण।


इसका निर्माण कर रहे स्टील मेन देवेंद्र कुूमार आर्य ने पत्रकारों को बताया कि एक दुर्लभ कलाकृति के माध्यम से कोटा में तीन नये विश्व रिकॉर्ड भी कायम होंगे। इस समय विश्व में दो बडी घटियां हैं। सबसे बड़ी घंटी चीन में है जो 8.2165 मीटर की है। दूसरी घंटी 8Û6.6 मीटर की मास्को में है। ये दोनों घंटियां अलग-अलग टुकड़ों में बनी है, जिन्हें बाद में जोड दिया गया। चीन की घंटी को लटकाते समय उसका एक टुकड़ा टूट गया जो अभी तक ठीक नहीं हो सका। जबकि मास्को में घंटी लटकाई नहीं जा सकी।


राजस्थान के कोटा शहर में इस चुनौतीपूर्ण प्रोजेक्ट को साकार किया जा रहा है।यह घंटी 8.5 × 9.25 मीटर की होगी और इसकी सबसे बड़ी खूबी यह कि यह दुनिया की एकमात्र व सबसे बड़ी सिंगल पीस कास्टिंग होगी, जो 5 हजार साल तक यथावत रहेगी।
ये तीन विश्व रिकॉर्ड बनाने का दावा
निर्माता देवेंद्र कुमार आर्य ने दावा किया कि इसमें दुनिया की सबसे भारी सिंगल पीस कास्टिंग ( ढलाई ) ‘‘ नॉन फेरस ‘‘ होगी। दूसरा, यह विश्व की सबसे बड़ी घंटी होगी। तीसरा, यह विश्व की पहली जॉइंट लेस चेन ( इन एज कास्ट कंडिशन ) होगी।
कैसे अजूबा रहेगी दुर्लभ घंटी
उन्होंने बताया कि इस घंटी का वजन बिना अलंकरणों के करीब 57 हजार किलो रहेगा। इसके नीचे 150 लोग खडे हो सकते हैं। घंटी का गोल्डन कलर होगा, जिसके लिये केमिकल कंपोजिशन तैयार किया जायेगा। 15 वर्षों तक इसकी चमक बरकरार रहेगी इसके बाद इस पर पॉलिश की जा सकेगी।
रात के समय घंटी बजाने पर इसकी ध्वनि तरंगे 7 से 8 किलोमीटर तक सुनाई देगी । यह घंटी जमीनी सतह से 70 फीट ऊंचे स्टैंड पर लटकाए जाएगी। घंटी रीवर फ्रंट पर मात्र 45 मिनट में ब्रोंज मेटल में ढाली जाएगी। इसे बनाने के लिये चंबल रिवर फ्रंट पर अस्थाई फैक्ट्री लगाई गई है। विश्व की सबसे बड़ी घंटी के निर्माण में करीब 225 ट्रक ग्रीन सेंड, 5 ट्रक सोडियम सिलीकेट, 12 ट्रक कार्बन डाई ऑक्साइड, , 3 ट्रक एलपीजी व 20,000 लीटर डीजल का उपयोग किया जायेगा। लगभग 150 दिन में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का लक्ष्य है।

याद दिला दें कि बर्मा में 1790 में स्थापित विश्व की सबसे बडी घंटी का वजन 97 टन है। जो 16 फीट 3 इंच की परिधी में है।

(Visited 642 times, 1 visits today)

Check Also

सीपीयू कोटा में नये शैक्षणिक सत्र 2025-26 का आगाज

यूनिवर्सिटी में विभिन्न कोर्सेस के प्रथम सेमेस्टर के 1000 से अधिक स्टूडेंट्स ने जाना सीपीयू …

error: Content is protected !!