Thursday, 12 December, 2024

एमबीबीएस की सबसे उंची डिग्री, फीस सबसे कम

एम्स,नईदिल्ली : एमबीबीएस के साढे़ 5 वर्ष की फीस मात्र 4356 रूपए है, जो देश के मेडिकल कॉलेजों में सबसे कम है

अरविंद
न्यूजवेव नईदिल्ली/कोटा

दुनिया में मेडिकल का स्वर्ग माना जाता है- एम्स, नईदिल्ली। एम्स देश के 476 मेडिकल कॉलेजों में रैंकिंग में सर्वोच्च स्थान पर है। लेकिन फीस की बात करें तो प्रत्येक भारतीय छात्र से प्रतिवर्ष 850 रू. यानी देश में सबसे कम फीस। एमबीबीएस की 107 सीटों में से 7 सीटें फॉरेन स्टूडेंट्स के लिए हैं। विदेशी छात्रों के लिए फीस 75,000 डॉलर यानी करीब 51 लाख रूपए  है।

खास बात यह कि इस पब्लिक मेडिकल यूनिवर्सिटी की एमबीबीएस डिग्री दुनियाभर में मान्यता प्राप्त है। एमबीबीएस की डिग्री करने के बाद डॉक्टर सुपरस्पेशलिटी के लिए पीजी, डीएम या एमसीएच करने के लिए विदेश चले जाते हैं।

एम्स, नईदिल्ली में डिपार्टमेंट ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्टेशन की एचओडी डॉ. शक्ति गुप्ता की एक स्टडी के अनुसार, एम्स में अत्याधुनिक सुविधाएं होने से एक स्टृडेंट पर प्रतिवर्ष 31.31 लाख रू. खर्च आता है, जबकि स्टूडेंट से केवल 850 रू. प्रतिवर्ष फीस ली जाती है। इस तरह, एम्स में साढे़ 5 वर्ष की अवधि में एमबीबीएस पर 98 लाख रू. से अधिक व्यय होता है, जिसे भारत सरकार वहन करती है।

गर्वनमेंट मेडिकल कॉलेज, कोटा में न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट के हेड डॉ.विजय सरदाना एम्स में न्यूरोलॉजी कंसल्टेंट रह चुके हैं। उनका कहना है कि एम्स में वर्ल्डक्लास लैब व इंफ्रास्ट्रक्चर होने से वहां कई रिसर्च एवं दुर्लभ सर्जरी होती है। किसी गरीब रोगी को भी वहां सस्ता उपचार मिल जाता है।

इस माह 26 व 27 मई को करीब 3.75 लाख परीक्षार्थी 8 एम्स की 807 एमबीबीएस सीटों के लिए एम्स ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा देंगे।

प्रत्येक डिग्री पर 98 लाख खर्च

एम्स से एमबीबीएस कोर्स साढे़ पांच वर्ष का है, जिसके लिए भारतीय स्टूडेंट्स की फीस मात्र 5,856 रूपए है, इसमें 1500 रू. डिपाजिट राशि वापस कर दी जाती है। इस तरह मात्र 4,356 रूपए में डिग्री कोर्स हो जाता है। यह फीस देश के किसी भी गवर्नमेंट या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में सबसे कम है। एम्स में फीस कई वर्षों से नहीं बढाई गई, डिग्री कोर्स पर 98 लाख रू. से अधिक व्यय होता है जिसे केंद्र सरकार वहन करती है।

वर्ल्डक्लास एक्सपोजर

  • अल्टीमेट पेशेंट केअर और टीचिंग का वर्ल्डक्लास एक्सपोजर मिलने से स्टूडेंट्स एम्स जैसे प्रीमियर इंस्टीट्यूट को पहली प्राथमिकता देते हैं।
  • 52.81 प्रतिशत डॉक्टर यहां से एमबीबीएस डिग्री लेकर विदेशों में उच्च पदों पर जॉब कर रहे हैं।
  • 60 हजार से अधिक भारतीय फिजिशियन यूएसए, यूके, कनाडा व आस्टेलिया में सेवारत हैं।
  • एम्स जैसे 8 नए इंस्टीट्यूट में फैकल्टी, टीचिग व रिसर्च कल्चर धीरे-धीरे डवपल हो रहे हैं।
  • देशभर के गरीबों को निःशुल्क वर्ल्डक्लास ट्रीटमेंट मिलता है एम्स हॉस्पिटल में।
  • यहां से एमबीबीएस करने पर दुनिया में कहीं भी सुपर स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं।

इसलिए स्वर्ग जैसा है एम्स

1956 में स्थापित एम्स,नईदिल्ली की पब्लिक मेडिकल यूनिवर्सिटी में 52 टीचिंग एवं रिसर्च डिपार्टमेंट हैं।
476 मेडिकल कॉलेजों में एम्स, नईदिल्ली का दर्जा नंबर-वन है।
2596 ग्रेजुएट्स, 7943 पोस्ट ग्रेजुएट् व 2481 नर्सिंग स्टूडेंट डिग्री ले चुके हैं अब तक।
61,432 बुक्स, 53,547 इंटरनेशनल जर्नल,, 14,008 बायो मेडिकल साइंस रिपोर्ट हैं वर्ल्डक्लास लाइब्रेरी में।
1500 से अधिक पब्लिकेशंस प्रतिवर्ष मेडिकल जर्नल में प्रकाशित होते हैं।
2328 बेड हैं एम्स हॉस्पिटल में, यहां प्रतिवर्ष 1 लाख से अधिक सर्जरी होती है।
750 अनुभवी फैकल्टी की टीम 700 एमबीबीएस व 1500 पीजी स्टूडेंट को पढ़ाती है।
562 रूम की क्षमता वाले 6 ब्वायज हॉस्टल व 2 गर्ल्स हॉस्टल हैं।

एम्स की फीस में क्या-क्या
मद                     राशि (रू.)
रजिस्ट्रेशन शुल्क  –    25
ट्यूशन फीस       –  1350
लेबोरट्री फीस        –   90
स्टूडेंट यूनियन शुल्क- 63
कॉशन मनी          –   100
हॉस्टल किराया     –  990
जिमखाना            –   220
पॉट फंड             –  1320
बिजली                –    198
मैस सिक्यूरिटी    –    500
हॉस्टल सिक्योरिटी- 1000
                             ——-
                           5856 रू.
                            ——–
(इसमें मैस व हॉस्टल सिक्यूरिटी राशि 1500 रू. कोर्स के बाद वापस कर दी जाती है)

(Visited 260 times, 1 visits today)

Check Also

मुख्यमंत्री भजनलाल व उपमुख्यमंत्री प्रधानमंत्री मोदी से मिले

न्यूजवेव @नई दिल्ली राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा और उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!