Saturday, 20 April, 2024

नक्सली धरा पर कॅरिअर पॉइंट ने उठाई संघर्ष से सफलता की लहर

प्रोजेक्ट – ‘छू लो आसमान’
– नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा के अभावग्रस्त गांवों के छात्रों में कॅरिअर पॉइंट ने जगाई उम्मीद की किरणें
-नीट,2018 में 31 छात्रों एवं जेईई-एडवांस में 20 प्रतिभाओं का चयन

न्यूजवेव @ रायपुर/कोटा

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से प्रभावित दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में घने जंगलों व कंदराओं के बीच सैकड़ों परिवार खौफ के साये में जी रहे हैं। इसी वजह यहां के किसानों व मजदूरों के बच्चे वर्षों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित रहे। उनको देश की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार ने 10वीं बोर्ड से ही प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग सुविधा उपलब्ध कराने का अनूठा प्रयास किया।

केंद्र सरकार के निर्देश एवं जिला प्रशासन की पहल पर एजुकेशन हब कोटा के विश्वसनीय कोचिंग संस्थान कॅरिअर पॉइंट इंस्टीट्यूट ने दंतेवाड़ा के ग्रामीण विद्यार्थियों को वर्षपर्यंत 12वीं के साथ प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराते हुए शानदार रिजल्ट के साथ हर विद्यार्थी में सफलता की उम्मीदें जगा दी।

कॅरिअर पॉइंट के निदेशक ओम माहेश्वरी ने बताया कि कड़ी चुनौती के बावजूद अभावग्रस्त गांवों के बच्चों की लगन व हौसला देखते ही बनता है। जिला प्रशासन के सहयोग से ‘छू लो आसमान’ प्रोजेक्ट के तहत दंतेवाड़ा जिले में अभावग्रस्त गांवों के सरकारी स्कूल में कॅरिअर पॉइंट के शिक्षकों की टीम बच्चों को तराशने में जुटी रही।

इस वर्ष नीट-2018, जेईई-मेन, 10वीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट में ग्रामीण विद्यार्थियों ने शानदार प्रदर्शन किया। सफल विद्यार्थियों में कोई किसान परिवार से है तो कोई मजदूर के बेटे-बेटी हैं। हालात भले ही इनको विपरीत मिले हों लेकिन पढ़कर कुछ बनने का जज्बा उन्हें इंजीनियर या डॉक्टर बनने से नहीं रोक सका। वे निरंतर सफलता हासिल कर रहे हैं।

31 विद्यार्थी नीट-2018 में चयनित

मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-2018 में दक्षिण बस्तर क्षेत्र के 31 विद्यार्थियों ने सफलता हासिल कर जीत का बिगुल बजाया। इनमें 26 छात्र व 5 छात्राएं शामिल है। दंतेवाड़ा के कारली गांव के छात्र रामप्रसाद कश्यप बताते है कि नीट में मिली सफलता के बाद पूरे गांव में खुशी छा गई। डॉक्टर बनने की बधाई देने के लिए तांता लगा रहा। उनका कहना है कि कॅरिअर पॉइंट फैकल्टी की बेहतर शैक्षणिक पद्धति से आज वो इस मुकाम पर पहंुच सके है।
फरसपाल गांव के छात्र सागर कर्मा कहते है कि नीट की सफलता में कॅरिअर पॉइंट व जिला प्रशासन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। हम आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे, इसलिए बाहर जाकर नहीं पढ सकते थे। लेकिन कॅरिअर पॉइंट की फैकल्टी में हमंें कोटा जैसी कोचिंग उपलब्ध करवाई जिससे हम इस मुकाम तक पहंुच सके।

‘छू लो आसमान’ प्रोजेक्ट से सफलता की उड़ान

जंगलों के बीच अभावों के वातावरण में सरकारी स्कूल में जिला प्रशासन के सहयोग से ‘छू लो आसमान’ प्रोजेक्ट नेे विद्यार्थियों को सफलता के लिए प्रतिस्पर्धा के राष्ट्रीय स्तर से जोड दिया। कॅरिअर पॉइंट कोटा को भारत सरकार ने इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी सौंपी, ताकि जरूरतमंदों को अच्छी शिक्षा मिल सके। अनुभवी फैकल्टी टीम ने दिन-रात मेहनत करने हुए प्र्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाई, जिससे यहां के विद्यार्थी सफलता की उडान भरने लगे हैं। नक्सली वादियों में घर-घर खुशियों की महक फैल गई। जिला प्रशासन ने बताया कि अभावग्रस्त अंचल से विद्यार्थियों की सफलता ‘जहां चाह-वहां राह’ जैसी एक जीवंत मिसाल है।

जेईई-एडवांस के लिए 40 में से 20 सफल

जेईई-मेन,2018 में दंतेवाड़ा जिले के अभावग्रस्त गांवों से 20 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। ये सभी हिंदी माध्यम व सरकारी स्कूल के बच्चे हैं। कॅरिअर पॉइंट कोटा की अनुभवी फैकल्टी टीम ने इनको जेईई-मेन की कोचिंग दी, जिससे 40 में से 20 विद्यार्थी जेईई-एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई हुए। जिसमें 8 छात्राएं शामिल हैं।
याद दिला दें कि जिला प्रशासन ने दो वर्ष पहले यहां ‘छू लो आसमान’ प्रोजेक्ट प्रारंभ किया था, जिससे नक्सल प्रभावित क्षेत्र में प्रतिभावान बच्चों को उच्च शिक्षा में आगे बढने के लिए मंच मिल सके। कॅरिअर पॉइंट इस प्रोजेक्ट के तहत दो वर्ष से नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में कोचिंग दे रहा है।

..ताकि ग्रामीण क्षेत्र की दशा व दिशा बदले
सरकारी स्कूलों में हिंदी माध्यम से पढ़ने वाले विद्यार्थी भी बचपन से डॉक्टर-इंजीनियर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन वहां के परिवेश और परिवारों की आर्थिक स्थिति के कारण वे क्वालिटी एजुकेशन से वंचित रह जाते हैं। कॅरिअर पॉइंट ने जिला प्रशासन के साथ दक्षिण बस्तर में ‘छू लो आसमान’ प्रोजेक्ट में सहभागिता निभाते हुए ऐसे विद्यार्थियों को सफलता के द्वार तक पहुंचाया। सफलता की यह लहर ग्रामीण विद्यार्थियों में शिक्षा के प्रति ललक पैदा करेगी, जिससे आने वाले समय में यहां से निकलने वाले डॉक्टर, इंजीनियर या आईआईटीयन इस क्षेत्र की दशा और दिशा को नया मोड़ दे सकेंगे।
– प्रमोद माहेश्वरी, प्रबंध निदेशक, कॅरिअर पॉइंट समूह

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