Tuesday, 6 May, 2025

नये सत्र में कोटा में उमड़ा कोचिंग विद्यार्थियों का सैलाब

इस वर्ष शिक्षा नगरी में ढाई लाख विद्यार्थियों के आने की संभावना, शहर के हर मार्ग पर विद्यार्थियों की रौनक
न्यूजवेव@कोटा

दिल्ली-मुंबई रूट पर विभिन्न राज्यों से कोटा से गुजरने वाली ट्रेनों में इन दिनों कोचिंग विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों की भीड दिखाई दे रही है। कक्षा-6 से 12वीं तक के स्कूली विद्यार्थी डॉक्टर, आईआईटीयन या इंजीनियर बनने की सपना लेकर तैयारी के लिये कोटा आ रहे  हैं। शहर में प्रवेश परीक्षाओं के लिये शांत व प्रतिस्पर्धा का वातावरण, सभी प्रमुख कोचिंग संस्थानों के मुख्यालय, हॉस्टल व मैस की सुविधा सहित प्रत्येक परीक्षा में बेहतरीन रिजल्ट होने से विद्यार्थी कोटा में रहकर तैयारी करना चाहते हैं।
यही कारण है कि मार्च से ही विभिन्न राज्यों से विद्यार्थी 10वीं के रिजल्ट के बाद कोटा आने लगे हैं। प्रत्येक कोचिंग संस्थान में प्रवेश के लिये बच्चों की भीड़ दिखाई दे रही है। संस्थानों के आसपास हॉस्टल व पीजी रूम फुल हो चुके हैं। यह सिलसिला 12वीं बोर्ड परीक्षा, जेईई-मेन व नीट परीक्षा के बाद भी जारी रहेगा। एक अनुमान के अनुसार इस वर्ष कोटा में कोचिंग विद्यार्थियों की संख्या 2.50 लाख तक पहुंच सकती है।
सभी ब्रांड कोचिंग संस्थान कोटा में

शिक्षा नगरी में एलन कॅरिअर इंस्टीट्यूट, रेजोनेंस, वाइब्रेट एकेडमी, रिलायेबल, कॅरिअर पॉइंट, बंसल क्लासेस, मोशन आईआईटी, अनएकेडमी, आकाश इंस्टीट्यूट, फिजिक्स वाला विद्यापीठ, ई-सरल, राव एकेडमी सहित 20 से अधिक छोटे कोचिंग संस्थान भी हैं।
कोचिंग विद्याथियों के लिये समर्पित शहर


एजुकेशन सिटी कोटा में कोटा में 4000 से अधिक हॉस्टल, 35 हजार से अधिक पीजी रुम, 1500 मैस व 1000 टिफिन सेंटर्स संचालित हैं। सभी कोचिंग संस्थानों में 10,000 से अधिक अनुभवी फैकल्टी पढा रहे हैं। नये कोटा, बूंदी रोड पर लैंडमार्क सिटी, बारां रोड पर सुपथ व कोरल पार्क में कोचिंग संस्थानों के अध्ययन केंद्र खुल जाने से चारों ओर विद्यार्थियों की रौनक दिखाई देती है। प्रतिवर्ष सैकडों की संख्या में नये हॉस्टल के निर्माण हो रहे है। कोटा में 50 हजार से अधिक विद्यार्थी साइकिल से कोचिंग संस्थान जाते हैं।

फुटपाथ पर सैंकडों की संख्या में रेस्तरां, चाट, जूस सेंटर एवं फल विक्रेता है, जिससे हजारों लोगों की आजीविका कोचिंग पर निर्भर हो गई है। हॉस्टल व पीजी रूम संचालक अभिभावक के रूप में बच्चों की कॅअरिंग कर रहे है। इसी विश्वास के कारण बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ, उत्तराखंड सहित पूर्वोत्तर राज्यांे के बच्चे कोटा में एजुकेशन का अच्छा वातावरण मानकर यहां तैयारी कर रहे है।

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