न्यूजवेव @ कोटा
विज्ञान नगर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए मेडिकल एंट्रेंस के नाम पर लाखों रुपए की ठगी करने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि यह अंतरराज्यीय ठग है। ये कई अभिभावकों व विद्यार्थियों से मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन दिलाने के नाम पर बड़ी ठगी कर चुके हैं। विज्ञान नगर थानाधिकारी मुनीन्द्र सिंह ने बताया कि उन्हें अभिभावक इनाम खान ने सूचना दी कि उसे मैसेज मिला है जिसमें लिखा गया कि राशि देने पर उसकी बेटी का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन करा दिया जाएगा।
कोटा पुलिस के हत्थे चढ़े दलाल
फरियादी ने मैसेज में दिए नंबर पर कॉल किया तो शेखर से उसका संपर्क हुआ। जिसने उससे राशि की मांगी की। उन्होंने अपनी बेटी के एमबीबीएस में प्रवेश के लिए 3 लाख रुपए बैंक ट्रांसफर के जरिए सौरभ श्रीवास्तव को दे दिए। साथ ही 30 लाख रुपए के पोस्टडेटेड चेक भी ले लिए लेकिन जब नीट काउंसलिंग के सीट आवंटन में इनाम की पुत्री का कहीं एडमिशन नहीं हुआ तो उन्हें सौरभ से बात की। उसने 2 लाख रुपए की और मांग की।
तब अभिभावक को पता चला कि वे ठगी का शिकार हो गए है। उन्होंने तत्काल विज्ञान नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस पड़ताल में सामने आया है कि बिहार निवासी सौरभ श्रीवास्तव शातिर ठग है। उसने अपने अलग-अलग पते बैंक, आधार कार्ड और अन्य आईडी में दिए हुए हैं। ऐसे में पुलिस ने उसकी तलाश में मुंबई, गुजरात, हरियाणा के गुरूग्राम सहित अन्य कई ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन उसका पता नहीं चला। इस बीच तकनीकी अनुसंधान के जरिए पुलिस ने उसका पीछा जारी रखा। जिससे भीलवाड़ा के नजदीक से सौरभ श्रीवास्तव और उसके साथी झुंझुनू निवासी जयसिंह को गिरफ्तार कर लिया गया।
जयसिंह करता था ठगने में मदद
सौरभ के साथ गिरफ्तार हुआ जयसिंह लोगों को ठगने में उसकी मदद करता था। जयसिंह लोगों से कहता था कि उसके भी बच्चे का एडमिशन सौरभ ने करवाया है। ऐसे में अभिभावक इसके लालच में आकर चंगुल में फंस जाते थे। पुलिस का मानना है कि जयसिंह राजस्थान के अभिभावकों के साथ ठगी करने में सौरभ की मदद करता था। अन्य राज्यों में भी सौरभ ने अपने कई गुर्गे रखे हुए हैं।
जीनत को बनाया था बहन
सौरभ के गिरफ्तार हो जाने की सूचना मिलने पर झालावाड़ जिले के डग से एक परिवार विज्ञान नगर थाने पहुंचा। उन्होंने बताया कि डग निवासी अब्बू सईद के बेटे फजल सुल्तान का एमबीबीएस में एडमिशन कराने के नाम पर सौरभ ने 4 साल पहले ठगी की थी। तब से सौरभ इन लोगों को पैसा वापस लौटा देने की बात कहकर गुमराह कर रहा है। फजल की मां जीनत का कहना है कि सौरभ ने उनसे राखी बंधवाई और बहन बनाकर ठगी की है। जैसे ही उन्होंने सौरभ को देखा तो उनकी आंखें पथरा गई और आंखों से आंसू निकल आए। उन्होंने कहा कि 4 साल से वह सौरभ के पीछे कभी मुंबई तो कभी गुड़गांव के चक्कर लगा रही है लेकिन सौरभ उनका पैसा वापस नहीं लौटा रहा है।
पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में आया है कि मेडिकल एंट्रेंस की परीक्षा देने वाले स्टूडेंट जो सफल नहीं हो पाए हैं, उन्हें सौरभ बल्क एसएमएस और फोन कर अपना शिकार बनाता है। पुलिस को उम्मीद है कि इसके गिरफ्तार होने की सूचना मिलने के बाद कई ऐसे नागरिक सामने आएंगे, जिनके साथ एमबीबीएस में सीट दिलाने के नाम पर ठगी हुई है।
एमसीआई ने बनाई कमेटी
हाल ही में एमसीआई ने देश के सभी मेडिकल संस्थानों को निर्देश दिये कि नीट में चयनित किसी विद्यार्थी द्वारा सेंट्रल पूल कोटा के तहत नामांकन में जारी आवंटन पत्र प्रस्तुत करने पर तत्काल डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ साइंसेज, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से संपर्क करें। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त कोई और एजेंसी प्रवेश देने के लिए अधिकृत नहीं है। विद्यार्थी व अभिभावक ध्यान रखें कि सेंट्रल पूल कोटे में नॉमिनेशन के आधार पर प्रवेश दिलाने के लिये मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा जारी आवंटन पत्र ही मान्य है। अन्य सभी आवंटन पत्र जाली एवं अमान्य है।