MCI ने मेडिकल काउंसलिंग कमेटी गठित कर चेतावनी दी- विद्यार्थी जाली आवंटन पत्र से रहें अलर्ट
न्यूजवेव @ नईदिल्ली
नीट-एमबीबीएस में इस वर्ष क्वालिफाई हुये 7.97 लाख विद्यार्थी मेडिकल कॉलेजों में MBBS की सीट के लालच में अज्ञात जालसाजों की ठगी के शिकार बन रहे हैं। 5 जून को नीट का रिजल्ट घोषित होने के बाद से कंसलटेंसी कंपनियां व दलाल विद्यार्थियों के अभिभावकों को फोन करके MBBS में सीट आवंटित करवाने का कूटनीतिक खेल खेल रहे हैं। इस जालसाजी से बचने के लिये MCI ने मेडिकल काउंसलिंग कमेटी गठित की है। जो सीट आवंटन पर कड़ी नजर रखेगी।
डोनेशन के नाम पर MBBS में जाली एडमिशन दिलाने की जानकारी मिलने पर 29 जुलाई को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ साइंसेज ने नीट-2019 वेबसाइट पर विद्यार्थियों के लिये एक नोटिस जारी किया है। जिसके अनुसार, मेडिकल कॉलेजों में ऑल इंडिया कोटा की अधिकृत 15 प्रतिशत सीटें सिर्फ रैंकिंग के आधार पर आवंटित की जा रही है। शेष 85 प्रतिशत सीटों के लिये राज्यों में स्टेट काउंसलिंग चल रही है। विद्यार्थी एवं उनके अभिभावकों को आगाह किया गया कि सेंट्रल पूल कोटे के तहत नॉमिनेशन के आधार पर जारी कूटरचित एवं जाली आवंटन पत्रों के जाल में नहीं फंसे।
इस वर्ष 98,026 सीटों पर एडमिशन
याद दिला दें कि इस वर्ष देश के 529 गवर्नमेंट व प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 70,878 MBBS तथा 27,148 BDS की सीटों सहित कुल 98,026 सीटों पर एडमिशन की प्रक्रिया चल रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वर्ष 14,10,755 विद्यार्थियों ने नीट परीक्षा दी थी,जिसमें से 7.97 लाख विद्यार्थी काउंसलिंग के लिये क्वालिफाई घोषित कर दिये गये, जबकि सीटें मात्र 98 हजार ही हैं। शेष 7 लाख विद्यार्थियों को फर्जी एडमिशन के जाल में फंसाया जा रहा है।
बिकाऊ हो गई MBBS की डिग्री
प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में MBBS में एडमिशन को लेकर जालसाजों का कारोबार कई गुना बढ़ चुका है। अभिभावकों ने बताया कि बच्चों के केवल नीट में क्वालिफाई होने पर उनके पास दलालों के सैकडों फोन आ चुके हैं। वे MBBS में सीट आवंटित कराने की गारंटी दे रहे हैं। MBBS की डिग्री के लिये 5 वर्ष में 80 लाख से 2 करोड़ तक डोनेशन या केपिटेशन फीस जमा कराने की बात कही जा रही है।
एक्सपर्ट देव शर्मा ने बताया कि अज्ञात जालसाजों ने सेंट्रल पूल कोटे के तहत नॉमिनेशन के आधार पर मेडिकल संस्थानों की MBBS-BDS सीटों पर प्रवेश के लिए कुछ जाली एवं कूटरचित आवंटन पत्र जारी कर विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को ठगने का प्रयास किया है।
पुलिस थाने में दर्ज करें FIR
एमसीआई ने देश के सभी मेडिकल संस्थानों को निर्देश दिये कि नीट में चयनित किसी विद्यार्थी द्वारा सेंट्रल पूल कोटा के तहत नामांकन में जारी आवंटन पत्र प्रस्तुत करने पर तत्काल डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ साइंसेज, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से संपर्क करें। मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार ही प्रवेश देने या नही देने का फैसला करें।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अतिरिक्त कोई और एजेंसी सेंट्रल पूल कोटे के तहत नॉमिनेशन के आधार पर प्रवेश देने के लिए अधिकृत नहीं है। विद्यार्थी व अभिभावक ध्यान रखें कि सेंट्रल पूल कोटे में नॉमिनेशन के आधार पर प्रवेश दिलाने के लिये मेडिकल काउंसलिंग कमेटी द्वारा जारी आवंटन पत्र ही मान्य है। अन्य सभी आवंटन पत्र जाली एवं अमान्य है।
मेडिकल काउंसलिंग कमेटी ने ऐसे मामले सामने आने पर संबंधित पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवायें। जिससे काउसंलिंग प्रक्रिया में कथित ठगी में लिप्त तत्व पकड़े जा सके तथा उन पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जा सके।
तो फिर मुन्नाभाई बनेंगे MBBS
2003 में फिल्म निर्माता राजकुमार हीरानी ने फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस बनाई थी, जिसमें अभिनेता संजय दत्त ने सर्किट की मदद से मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में एडमिशन लेकर अपना दमखम दिखाया था। इस लोकप्रिय फिल्म को 2004 में नेशनल फिल्म अवार्ड दिया गया। इसके बाद फिल्म का दूसरा वर्जन ‘मुन्नाभाई लगे रहो’ रिलीज हुआ। इस समय MBBS में प्रवेश का नाटकीय खेल इसी फिल्म की तर्ज पर चल रहा है।