महात्मा गांधी के 150वें जयंति वर्ष में आरटीयू में व्याख्यानमाला
न्यूजवेव @ कोटा
राजस्थान टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति सचिवालय में सोमवार को महात्मा गांधी के 150वें जयंति वर्ष में व्याख्यानमाला आयोजित की गई। समारोह में मुख्य अतिथि प्रखर गांधीवादी विचारक एवं वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति प्रो. नरेश दाधीच ने कहा कि हर बात कानून से परिभाषित नहीं हो सकती। कानून हमेशा समय के अनुसार बनते हैं एवं शक्तिशाली लोगों के पक्ष में होते हैं। निम्न वर्ग को न्याय पाने के लिये कानूनी लडाई में वर्षों निकल जाते हैं। इसके लिये महात्मा गांधी ने नैतिकता का संदेश दिया। किसी भी व्यक्ति को अनैतिकता की ओर कदम नहीं बढाने चाहिये।

प्रो. दाधीच ने कहा कि हिंसा, अन्याय व अनैतिकता से समाज में अशांति फैलती है। स्वयं महात्मा गांधी ने कहा था कि आजादी अगर सत्य है तो मैं इसे अहिंसक तरीके से प्राप्त करना चाहूंगा। आज हर व्यक्ति के पास बुद्धि है जिससे हम न्याय व अन्याय का आंकलन करतेे हैं। गांधी कहा करते थे कि कोई भी कार्य करने के लिये शांति हो। शांत चित्त अहिंसा के सिद्धांत पर चलकर हम अपना उद्देश्य प्राप्त कर सकते हैं।
अध्यक्षता करते हुये आरटीयू के कुलपति प्रो. आर वी गुप्ता ने कहा कि आजकल गुरू एवं शिष्य के मध्य दरकते हुये रिश्तों को गांधीवादी तरीकों से मजबूत किया जा सकता है। हमें मानव मूल्यों को समृद्ध बनाये रखने के लिये गांधी चिंतन व दर्शन पर अमल अवश्य करना चाहिये।
आरटीयू में डीन फैकल्टी अफेयर्स प्रो. अनिल माथुर ने स्वागत भाषण में गांधीजी के सिद्धांतों को हर वर्ग के लिये उपयोगी बताया। अंत में कार्यक्रम संयोजक गोपाल विप्र ने आभार जताया। व्याख्यानमाला में आरटीयू के प्रोफेसर्स, फैकल्टी व स्टूडेंट्स मौजूद रहे।
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