Sunday, 13 October, 2024

कोटा में तीन दिन में दो कोचिंग स्टूडेंट्स ने किया सुसाइड

अभिभावक, जिला प्रशासन, कोचिंग संस्थान, हॉस्टल संचालक सहित आम नागरिक भी सुसाइड जारी रहने से चिंतित
न्यूजवेव@ कोटा
शिक्षा नगरी कोटा में पिछले तीन दिन में दो कोचिंग विद्यार्थियों ने आत्महत्या कर ली। गुरूवार को महावीर नगर प्रथम के एक हॉस्टल में रहने वाली उत्तरप्रदेश के ओरिया जिले के नगला जोधा गांव की 22 वर्षीया छात्रा निशा यादव ने आत्महत्या कर ली। वह एक कोचिंग संस्थान से नीट की तैयारी कर रही थी। इससे तीन दिन पहले पश्चिम बंगाल के एक कोचिंग छात्र ने शहर में आत्महत्या कर सबको चौंका दिया था। इस वर्ष कुल 29 कोचिंग विद्यार्थी शहर में आत्महत्या कर चुके हैं, जिससे कोचिंग विद्यार्थियों के अभिभावक, जिला प्रशासन सहित आम नागरिक भी बेहद चिंतित है।
जवाहर नगर थाने के हेड कांस्टेबल रणजीत सिंह ने बताया कि मृतक छात्रा निशा लंबे समय से देर रात तक जागकर पढाई करती थी। गुरूवार को जब उसने परिजनो का फोन नहीं उठाया तो उन्होंने हॉस्टल संचालक को सूचित किया। संचालक ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा नहीं खोलने पर उन्होंने रात 1ः45 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोडा तो छात्रा आत्महत्या की स्थिति में मिली। उसके शव को मोर्चरी में रखा गया।
इस घटना की सूचना मिलते ही उसका परिवार बिलखते हुये गुरूवार सुबह कोटा पहंुचा। पिता औसान सिंह ने बताया कि निशा को पिछले वर्ष नीट में 405 अंक मिले थे, उसने कोटा से कोचिंग लेने की जिद की थी। टेस्ट में अच्छे अंक मिल रहे थे। उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
सुसाइड की घटनाओं पर जिला प्रशासन गंभीर
कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत् एवं हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या करने का सिलसिला जारी रहने पर जिला कलक्टर एमपी मीना की अध्यक्षता में गुरुवार को प्रशासनिक अधिकारियों एवं कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों, हॉस्टल संचालकों की बैठक हुई। जिसमें कोचिंग विद्यार्थियों द्वारा की रही आत्महत्याओं को रोकने पर विस्तार से चर्चा की गई।
जिला कलक्टर एमपी मीना ने सभी कोचिंग एवं हॉस्टल संचालकों को निर्देश दिये कि कोचिंग एवं हॉस्टल के लिए गाइडलाइन की शत प्रतिशत अनुपालना की जाये। उन्होंने कहा कोटा का प्रत्येक छात्र हमारी जिम्मेदारी है व छात्र में किसी भी तरह के अवसाद, चिंता जैसे लक्षण मिलते हैं तो कोचिंग संस्थान एवं हॉस्टल संचालक अपने प्रयासों के साथ-साथ अविलंब प्रशासन द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारियों को भी सूचित करे।
पंखों पर हैंगिंग डिवाइस अनिवार्य
उन्होंने कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिये कि सात दिन में सभी छात्रों का व्यक्तिगत आकलन करें एवं उसके आधार पर तैयार रिपोर्ट की कार्य योजना प्रस्तुत करें। उन्होंने हॉस्टल संचालकों से कहा कि प्रत्येक हॉस्टल में पंखों पर हैंगिंग डिवाइस होना अनिवार्य है। ऐसा नहीं होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिला कलक्टर ने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये कि 10-10 हॉस्टल में जाकर कर छात्रों से बात कर तथ्यात्मक रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा अगर कोई छात्र बीमार है, लंबे समय तक क्लास में उपस्थित नहीं होता है, कम खाना खाता है, कम बात करता है, ऐसे में उसके परिवार से व्यक्तिगत संपर्क कर छात्र की स्थिति के बारे में बताया जाए। उन्होंने कहा कोई भी संस्थान गाइडलाइन के नाम पर मात्र खाना पूर्ति न करें। उन्होंने पुलिस के स्टूडेंट सेल प्रभारी चन्द्रशील से उनकी टीम द्वारा हॉस्टल्स एवं छात्रों से संपर्क के लिए आवश्यक निर्देश दिए, साथ ही उन्होंने कोटा शहर में संचालित पीजी हॉस्टल का डाटा तैयार करने के भी निर्देश प्रदान किये। पुलिस अधीक्षक शहर शरद चौधरी ने कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल संचालकों को निर्देश दिए कि कोचिंग एवं हॉस्टल का संचालन गाइडलाइन के अनुसार करें एवं जो आदेश छात्रों की सुरक्षा के लिए दिए जाते हैं उसकी शत प्रतिशत पालना करें अन्यथा इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

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