नई गाइडलाइन:
– नये सत्र 2018-19 में स्टूडेंट्स को तनावमुक्त रखने के लिए रेगुलेटरी बॉडी करेगी मॉनिटरिंग
– गत वर्ष भी बनाई थी गाइडलाइन लेकिन अनुपालना अधूरी रही
न्यूजवेव@ कोटा
शिक्षा नगरी में इस वर्ष 6 माह में 8 कोचिंग विद्यार्थियों द्वारा आत्महत्या किए जाने पर राज्य सरकार ने कठोर कदम उठाए हैं। राज्य के शिक्षा विभाग ने कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें जिला प्रशासन रेगुलेटरी बॉडी के रूप में मॉनिटरिंग करेगा। इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि गत शैक्षणिक सत्र में भी जिला प्रशासन एवं राज्य बाल संरक्षण आयोग द्वारा कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल के लिए गाइडलाइन जारी की गई थी, लेकिन उसकी सही अनुपालना नहीं होने शहर में आत्महत्याओं की संख्या बढ़ती चली गई। 26 जून को टैगोर हाल में तैयारी बैठक में जिला कलक्टर गौरव गोयल ने कहा कि कोटा को ‘तनावमुक्त शहर’ बनाने के लिए सभी कोचिंग संस्थाओं, हॉस्टल एवं नागरिकों को मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोटा में अध्ययनरत विद्यार्थियों को मानसिक सम्बलन एवं सुरक्षा प्रदान करने हेतु विस्तृत दिशानिर्देश जारी किये हैं।
बैठक में एडीएम प्रशासन सुनीता डागा, अतिरिक्त कलक्टर शहर बी.एल.मीणा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक समीर कुमार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के.लवानिया, उप सचिव यूआईटी दीप्ती मीणा सहित कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल्स के प्रतिनिधी मौजूद रहे।
नई गाइड लाइन से छात्रों को मिलेगा न्याय
सरकार के निर्देशानुसार, जिला कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समिति का गठन किया जायेगा जो रेगुलेटरी बॉडी के रूप में दिशानिर्देशों की अनुपालना करायेगी। जिला स्तरीय समिति यह सुनिश्चित करेगी कि कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल द्वारा पूर्व में जारी दिशानिर्देशों की सख्ती से पालना की जा रही है या नहीं। इसकी पडताल के लिए जिला कलक्टर पुलिस और प्रशासन के एक-एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे। उनके मोबाईल नम्बर व ऑफिस के फोन नम्बर विद्यार्थियों तक पहुंचाए जाएंगे।
कोचिंग या हॉस्टल ने उल्लंघन किया तो कानूनी कार्रवाई होगी
वर्तमान विभिन्न कानूनी प्रावधानों के तहत पुलिस विभाग, चिकित्सा विभाग, नगरीय विकास विभाग, नगरीय निकाय द्वारा समस्त कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टलों के मैनेजमेंट को नियंत्रित किया जावेगा। यदि किसी कोचिंग संस्थान अथवा हॉस्टल संचालकों द्वारा गाइडलाइन की अवहेलना की गई तो उनके विरूद्ध संबंधित विभाग के अनुसार कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
जिला प्रशासन से संपर्क आसान होगा
बाहर से आने वाले विद्यार्थी या अभिभावक जिला प्रशासन से सीधा सम्पर्क स्थापित कर सके, इसके लिए एक नवीनतम तकनीक से युक्त समस्या समाधान सिस्टम बनाया जायेगा। इस व्यवस्था के मैनेजमेंट के लिए एक नॉडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे जो शिकायतों/समस्याओं का विवरण जिला स्तरीय समिति को 48 घंटे की अवधि में आवश्यक रूप से प्रस्तुत करेगा। जिला स्तरीय समिति तुरन्त निस्तारण की कार्यवाही करेगी एवं संबंधित कोचिंग संस्थान/छात्रावास संचालक अथवा विभाग को निर्देशित करेगी।
संस्थान छोड़ने व फीस लौटाने की शर्त ब्रोशर में देनी होगी
कोचिंग संस्थान प्रवेश देते समय विद्यार्थियों व अभिभावकों को आसान एक्जिट पॉलिसी व फीस रिफंड के संबंध में स्पष्ट नीति व प्रक्रिया के बारे मेें सूचित करेंगे तथा इसे ब्रोशर में भी अंकित किया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनो कोटा जिला उपभोक्ता में एक विद्यार्थी नेे बीमार होने से कोचिंग संस्थान से फीस लौटाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन फोरम ने यह कहकर उसे इंकार कर दिया था कि कोचिंग संस्थान सेवा प्रदाता नहीं है।
इस पर उसने राज्य उपभोक्ता फोरम से संपर्क किया तो बताया गया कि कोचिंग विद्यार्थी को फीस नहीं लौटाने पर वह राज्य स्तर पर अपील कर सकते हैं, कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों को फीस लौटाने के लिए बाध्य हैं।
प्रत्येक कोचिंग संस्थान में हांेगेे ई-लर्निंग सेंटर
कोचिंग सेंटर में एक ई-लर्निंग सेन्टर स्थापित किया जावे जिसमें जो कम्प्यूटर सिस्टम पर इंटरनेट सुविधा हो। केन्द्र पर ऐसे विद्यार्थी जो क्लास में उपस्थित नहीं हो पाया वह ई-लेक्चर्स को रिकॉर्ड कर सके, ऐसी सुविधा सुनिश्चित की जावे।
कोचिंग संस्थान ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करंे कि यदि कोई भी विद्यार्थी बिना पूर्व सूचना के दो दिन से अधिक अनुपस्थित रहे, तो स्टाफ का एक सदस्य ऐसे विद्यार्थी के आवास/पीजी पर जाकर उसकी जानकारी ले एवं उसके अभिभावक को उपस्थिति/अनुपस्थिति की तत्काल सूचना दे।
वेलनेस सेंटर बनाए जाएंगे
सभी कोचिंग संस्थानों में प्रशिक्षित मनोविशेषज्ञों की सुविधा प्रदान कर वेलनेस सेन्टर स्थापित किये जायेंगे। पुलिस सहायता व मार्गदर्शन कियोस्क कोचिंग एरिया में बनाये जायेंगे। शहर में नियमित साफ-सफाई सुनिश्चित कराने हेतु एक विशिष्ट कार्ययोजना तैयार की जायेगी तथा इसके लिए नगर निगम द्वारा राजस्थान प्रशासनिक सेवा स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया जायेगा।
शहर में बिना अनुमति के लाउड स्पीकर के उपयोग को जिला प्रशासन द्वारा पुलिस के सहयोग से नियंत्रित किया जायेगा। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए परिवहन एवं उद्योग विभाग तथा प्रदूषण नियंत्रण मण्डल अपने-अपने कर्य क्षेत्रों में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
कोचिंग से सलेक्शन की गारंटी नहीं
कोचिंग संस्थान आईआईटी व मेडिकल के अलावा कॅरिअर के अन्य विकल्प के बारे में जानकारी देंगे ताकि विद्यार्थी अपने भविष्य के प्रति तनावग्रस्त नहीं हों और वे नया विकल्प चुन सकें। कोचिंग संस्थानों द्वारा किसी भी प्रकार के विज्ञापन में यह आवश्यक रूप से सम्मिलित किया जायेगा कि उनका संस्थान चिकित्सा एवं इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की कोई गारंटी नहीं देता है।
ओरिएंटेशन सत्र एवं वर्कशॉप होंगी
नए विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम आयोजित किये जायेंगे। शिक्षण कार्य प्रारंभ करने से पूर्व विद्यार्थियों को कोटा शहर में शैक्षणिक वातावरण, सांस्कृतिक रहन-सहन व सामाजिक ढांचे के बारे में प्रारंभिक जानकारी दिये जाने के लिए विद्यार्थियों के विभिन्न बैच बनाकर कार्यशाला आयोजित की जायेगी। अभिभावकों को व्यस्त अध्ययन के संबंध में जानकारी देकर कोचिंग संस्थान व छात्रावासों, पेईंग गेस्ट सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी जायेगी।
काउंसलिंग की जानकारी हर माह प्रशासन को देनी होगी
सभी कोचिंग संस्थान प्रतिमाह निर्धारित फोरमेट में जिला प्रशासन को काउंसलिंग की जानकारी उपलब्ध करायेंगे। कोचिंग संस्थान परिसर में नो लोस नो प्रोफिट के आधार पर केन्टीन संचालित की जायेगी।
प्रत्येक थाने में होगी हेल्प डेस्क
किसी भी स्थिति में विद्यार्थी हतोत्साहित नहीं हो इसके लिए फीड बैक सिस्टम तैयार किया जायेगा। विद्यार्थियों की सुरक्षा हेतु पीजी व छात्रावासों में यूनिफार्म फॉरमेट लागू किया जायेगा। मासिक किराया, रिफन्ड नीति व दी जाने वाली सुविधाएं अंकित करनी होंगी। सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था 24 घंटे की जायेगी। कोचिंग संस्थान विद्यार्थियों के नवीनतम आवास, पता व मोबाईल नम्बर अपडेट रखेंगे। पुलिस थानों में छात्र-छात्राओं हेतु पृथक से हेल्पडेस्क बनाई जायेगी।