Friday, 19 April, 2024

कोटा में पढ़े IAS कनिष्क रामगंजमंडी में नए एसडीएम

जेईई-एडवांस टॉपर के बाद UPSC मुख्य परीक्षा में भी ऑल इंडिया टॉपर रहे कनिष्क कटारिया

न्यूजवेव @ कोटा

कोटा में पढ़ाई करने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारी कनिष्क कटारिया की प्रथम नियुक्ति कोटा जिले के रामगंजमंडी क्षेत्र में उपखंड अधिकारी व उपखंड मजिस्ट्रेट के रूप में हुई । कोचिंग संस्थान रेजोनेंस कोटा से चार वर्ष क्लासरूम कोचिंग लेकर कनिष्क जेईई-एडवांस्ड,2010 में एससी वर्ग में ऑल इंडिया टॉपर बने। उन्होंने आईआईटी, मुंबई से कम्प्यूटर सांइस में बीटेक किया। कनिष्क ने कहा कि यह सौभाग्य है कि जिस धरती से मैं पढकर निकला हूं, उसी जिले में आईएएस के तौर पर प्रथम नियुक्ति मिली है।

कनिष्क ने डेढ़ वर्ष तक सेमसंग के मुख्यालय कोरिया में उच्च पद पर जॉब किया। प्रशासनिक सेवा में रूचि होने से उन्होंने विदेश से जॉब छोड़कर यूपीएससी की तैयारी शुरू की। मुख्य परीक्षा, 2018 में पहले प्रयास में ही कनिष्क कटारिया को सर्वाधिक अंक मिलने से ऑल इंडिया टॉपर (एआईआर-1) बनने का गौरव मिला। कोटा में कोचिंग लेते हुये उन्होंने एनटीएसई, केवीपीवाय, विभिन्न ओलिम्पियाड में भी ऑल इंडिया रैंक अर्जित की।

कनिष्क ने बताया कि उनको कोटा से गहरा लगाव है। मेरी स्कूल की यादें कोटा से बहुत जुडी हैं। कोटा में पढाई करने से ही इस मंजिल तक पहुंचा हूं। पिता श्री सांवरमल वर्मा आईएएस अधिकारी हैं। वर्तमान में वे चुरू के जिला कलक्टर है। कोटा में वे बतौर SDM सेवायें दे चुके हैं। उस समय कनिष्क कोटा के सेंट पॉल स्कूल में पढाई कर रहे थे। कक्षा-9वीं से 12वीं तक चार वर्ष उन्होंने रेजोनेंस से आईआईटी-जेईई की क्लासरूम कोचिंग ली। कनिष्क के ताऊजी आईएएस श्री केसी वर्मा भी कोटा में संभागीय आयुक्त रह चुके हैं।

शिष्य ने पूरा कर दिखाया गुरू का सपना
कनिष्क के मेंटर रेजोनेंस के प्रबंध निदेशक श्री आर.के.वर्मा ने बताया कि कोटा शहर को ऐसे मेधावी विद्यार्थियों पर गर्व है। कनिष्क AIEEE एससी वर्ग में टॉपर व सामान्य रैंक-24 के साथ ही जेईई-एडवांस्ड,2010 में भी एससी वर्ग में ऑल इंडिया टॉपर रहे। इसके सामान्य वर्ग में उन्हें एआईआर-44 मिली थी। इसके बाद यूपीएससी,2018 में उन्होंने सर्वाधिक अंकों के साथ एआईआर-1 पर चयनित होकर अपनी प्रतिभा को साबित कर दिया।
12वीं में पूरे वर्ष कनिष्क को पढाते हुये श्री आर.के.वर्मा ने महसूस किया कि यह स्टूडेंट आईएएस बनने योग्य है। उन्होंने कनिष्क के पिता से आग्रह किया था कि उसे आईएएस बनने के लिये प्रेरित करें। जब उसने सेमसंग से उंचे पैकेज पर जॉब छोड़कर आईएएस बनने का निर्णय किया तो सबसे अधिक खुशी हुई। आईआईटीयन कनिष्क ने UPSC मुख्य परीक्षा में गणित को वैकल्पिक विषय चुना था। वर्मा ने बताया कि जब कनिष्क के पिता जयपुर से दिल्ली इंटरव्यू के लिये जा रहे थे, उन्होंने गाइडेंस के लिये कॉल किया तो मैने कहा था कि यह UPSC में भी टॉप रैंक अर्जित करेगा। उसने पहले प्रयास में ही ऐसा कर दिखाया।
श्री आर.के. वर्मा ने कहा कि मैने रामगंजमंडी से स्कूली पढ़ाई करते हुये तत्कालीन कोटा कलक्टर आलोक से IAS बनने की इच्छा जताई थी। 1994 में आईआईटी मद्रास से बीटेक कर मैं यूपीएससी-प्री में चयनित हुआ लेकिन मुख्य परीक्षा में नहीं हो सका। जिससे आईएएस बनने का सपना अधूरा रह गया था लेकिन आज कोटा की धरती पर पढ़ाये हुये विद्यार्थी जब UPSC टॉपर बनकर इसी जिले में प्रशासनिक अधिकारी बनकर आते हैं तो हमारी खुशियां चार गुना हो जाती है।

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