लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गांधी जयंति पर संसदीय क्षेत्र में निकाली 6 किमी लम्बी पदयात्रा
न्यूजवेव@ कोेटा
महात्मा गांधी की 150वीं जयन्ती के अवसर पर 2 अक्टूबर को केशवरायपाटन में चम्बल नदी के किनारे बने भगवान केशवराय जी के ऐतिहासिक मंदिर से सामाजिक क्रांति और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एकजुटता दिखाई दी।
कोटा- बूंदी संसदीय क्षेत्र में सांसद एवं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में सैंकड़ों की संख्या में नागरिको ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद कर पर्यावरण को संरक्षित करने का सामूहिक संकल्प लिया। पदयात्रा में बड़ी संख्या में बच्चे, बड़े लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के कहा कि अभियान की शुरुआत संसदीय क्षेत्र के केशव नगरी से हुई है ऐसे में अभियान में स्थानीय नागरिक सामूहिक भूमिका निभाकर राष्ट्रीय अभियान में सहयोग करें।
इससे पूर्व उन्होंने भगवान केशवरायजी के दर्शन किये। पदयात्रा में एलन निदेशक नवीन माहेश्वरी सहित कई गणमान्य नागरिक भी शामिल हुए।
बिरला ने कहा कि गांधी जी का जीवन व दर्शन, आदर्शों का प्रतिमान है। गांधी ने सत्य, अहिंसा और शांति पर पआधारित अपने जनआंदोलन से देश को आजादी दिलवाई। पूरा विश्व आज मान रहा है कि महात्मा गांधी के विचारों को अपना कर ही शांति स्थापित की जा सकती है। वे अपने आप में एक ऐसी संस्था थे जिन्होंने भारतीयों के मनोबल को बढ़ाते हुए उनमें स्वतंत्रता प्राप्त करने का जज्बा उत्पन्न किया।
बिरला ने कहा कि उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के साथ समाज में अंतिम छोर पर खड़े वंचित एवं अभावग्रस्त व्यक्ति के कल्याण को समर्पित किया। गांधी जी मानते थे स्वराज सही मायनों में वह शासन है जिसमें गरीब व्यक्ति की आवाज शासन तक पहुंचेऔर शासन अंतिम व्यक्ति के अभाव-अभियोग दूर करने के लिए समर्पित होकर कार्य करे।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज आजादी के 72 वर्ष बाद भी महात्मा के विचार उतने ही प्रासंगिक हैं। आज समाज के समक्ष जो भी चुनौतियां व्याप्त हैं, उन सबका समाधान महात्मा गांधी के विचारों और उपदेशों में उपलब्ध है। जरूरत है तो बस महात्मा गांधी के जीवन और दर्शन को आत्मसात करने की।
बिरला ने कहा कि इतिहास गवाह है जब भी देश के लोग एकजुट होकर पदयात्रा पर निकले हैं तो एक नए सामाजिक बदलाव की शुरूआत हुई है। डांडी मार्च के दौरान देश के लोगों ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में पदयात्रा कर अंग्रेज सरकार को बता दिया था कि अहिंसा के माध्यम से भी बड़े बदलाव लाए जा सकते हैं। उन्होंने नागरिकों को आव्हान किया आज हम भी पदयात्रा के माध्यम से पूरे भारत को संदेश दें कि बापू के बताए रास्ते पर चलते हुए हम भी समाज की बुराइयों को अहिंसक तरीकों से नष्ट कर सकते हैं। इसकी शुरूआत सिंगल यूज प्लस्टिक का उपयोग नहीं करने के संकल्प के साथ करते हैं।
*पर्यावरण संरक्षण का नेतृत्व करेगा भारत*
बिरला ने कहा कि आज सिंगल यूज प्लास्टिक पर्यावरण के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। पूरी दुनिया में इसको लेकर गंभीर चिंता है। जलवायु पर इसके विपरीत प्रभाव के कारण विश्व के सभी मंचों पर इस पर रोक लगाने की मांग उठ रही है। यह खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस दिशा में पहल कर चुके हैं। अब जरूरत है कि हम भी उनके प्रयासों में सहभागी बनें। हम सब के प्रयासों से ही भारत पर्यावरण संरक्षण में विश्व स्तर पर किए जा रहे प्रयासों का नेतृत्व कर सकता है। सिंगल यूज प्लास्टिक नामक इस बुराई को समाप्त करने का एकमात्र तरीका है कि हम इसका उपयोग हीं नहीं करें। बिरला के आव्हान का वहां मौजूद प्रत्येक व्यक्ति ने हाथ उठाकर स्वच्छाग्रही बनने तथा सिंगल यूज प्लस्टिक का उपयोग नहीं करने का समर्थन किया।
*शास्त्री को किया नमन*
बिरला ने इस अवसर पर महात्मा गांधी के साथ पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी उनकी जयंति पर नमन किया। उन्होंने कहा कि शास्त्री का जीवन सादगी और समर्पण की मिसाल है। जय जवान-जय किसान के नारे के माध्यम से उन्होंने देश की रक्षा में जुटे जवानों और खेत-खलिहानों में पसीनों बहाने वाला अन्नदाता किसान का सम्मान स्थापित किया।
6 किलोमीटर तक की पदयात्रा
इसके बाद बिरला के नेतृत्व में 6 किलोमीटर से अधिक लम्बी पदयात्रा प्रारंभ हुई। ‘‘वैष्णव जन…पीर पराई जाने रे‘‘ तथा ‘‘रघुपति राघव राजाराम‘‘ जैसे गांधी जी के प्रिय भजनों को गाते हुए पदयात्री जिस ओर भी बढ़े वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। रास्ते में पदयात्रा में शामिल लोगों ने नगर वासियों से सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने का आग्रह किया।
*पदयात्रा का भव्य स्वागत*
गांधी जी की 150वीं जयंती पर केशोरायपाटन निकाली के पद यात्रा को लेकर नगर वासियों को काफी उत्साह देखने को मिला पदयात्रा क्षेत्र के जिन जिन मार्ग से गुजरी लोगों ने स्वागत द्वार लगाकर पुष्प वर्षा कर यात्रियों का भव्य स्वागत करने के साथ ही उनके संकल्प को पूरा करने में सहभागी बनने का समर्थन दिया।