Thursday, 12 December, 2024

‘होम्योपैथ वाइल्ड फायर’ सॉफ्टवेयर से गंभीर रोगों का इलाज आासान

12 व 13 मई को कोटा में फ्री मेडिकल कैंप में सोरासिस, गंजापन (बाल झड़ना), सफेद दाग, थायरायड, माइग्रेन, डिप्रेशन व मनोवैज्ञानिक रोगों के लिए नि:शुल्क परामर्श
न्यूजवेव @ कोटा
किसी रोगी के पैरों में दर्द हो और डॉक्टर उसके स्वभाव व आंखों में तैरने वाले सपनों के बारे में जानकारी ले तो यह अटपटा सा लगता है। इतना ही नहीं, इन लक्षणों के आधार पर रोगी को दवा दी जाए और वह स्वस्थ हो जाए तो अचरज होना स्वाभाविक है। क्लासिकल होम्योपैथी के चिकित्सक कुछ इसी तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे आश्चर्यजनक परिणाम सामने आए हैं।
आंखों में 7.5 नंबर का चश्मा हो या थायराइड की समस्या, क्लासिकल होम्योपैथी के सॉफ्टवेयर में रोगी लक्षण फीड करने पर सही व असरकारी दवा का पता लग जाता है।
कोटा में अनुभवी क्लासिकल होम्योपैथी चिकित्सक डॉ.उदयमणि कौशिक 14 वर्षों में 35 हजार से अधिक रोगियों को विभिन्न बीमारियों में क्लासिकल होम्यो तकनीक से स्वस्थ कर चुके हैं। वे बताते हैं कि दुनिया में सर्वश्रेष्ठ ‘होमपैथ वाइल्ड फायर’ नामक महंगे सॉफ्टवेयर के प्रयोग से डॉक्टर 4 दिन का काम मात्र 4 सेकंड में कर सकते हैं।

होम्योपैथी में रोगी के मानसिक लक्षणों के आधार पर 7 हजार दवाओं में से किसी एक प्रभावी दवा पर पहुचना आसान नहीं होता लेकिन कम्यूटर की मदद से 39 तरह की होम्यो रिपट्रीज (दवा चुनने की किताब) में से किसी एक को चुनकर सटीक उपचार कर सकते हैं। सॉफ्टवेयर में होम्यो के 8 तरह के एक्सपर्ट सिस्टम भी हैं, जिनसे सही दवा चुनने में मदद मिलती है। इसमें 1988 से नवीनतम जर्नल सहित एक ऑनलाइन लाइब्रेरी है, जिसमें 3 लाख पेज का डॉक्यूमेंटेशन है।

इंटरनेट पर नि:शुल्क होम्यो इलाज


इंटरनेट पर एक वेबसाइट ‘उत्कर्ष होम्योपैथी डॉट कॉम’ खोलकर अपना विवरण और बीमारी के लक्षण बताइए और नि:शुल्क ऑनलाइन होम्यो परामर्श ले सकते हैं। डॉ.कौशिक 2007 से ‘वर्ल्ड क्लासिकल होम्योपैथी एकेडमी’, जर्मनी के पैनल सदस्य है। जिसमें दुनियाभर से 138 चिकित्सक पैनल सदस्य हैं। डॉ. कौशिक ने इंटरनेट पर अमेरिका के सिएटल, हृयूस्टन सिटी, वाशिंगटन डीसी, कनाडा और दुबई के 85 से अधिक मरीजों के गंभीर रोगों का ऑनलाइन उपचार किया है। इसमें थायराइड, डायबिटीज, लकवा, ल्यूकोडर्मा, नेत्र रोग, एलर्जी, बच्चों के रोग, माइग्रेन, शीजोफ्रेेनिया, गंजापन, सोरायसिस, एग्जिमा, डिप्रेशन और याददाश्त में कमी आदि रोगों में प्रभावी उपचार मिला है।

इसलिए है प्रभावी तरीका

प्रमाणिक क्लासिकल पद्धति में मरीज के विचारों व लक्षणों के आधार पर दवा दी जाती है। रोगी के व्यवहार, मनोभाव और दिनचर्या से मर्ज की जड़ तक पहुंचने में मदद मिलती है। यह पता लगाते हैं कि रोग से मरीज पर और उसकेे मन पर क्या प्रभाव पड़ता है। क्लासिकल चिकित्सकों का दावा है कि यह सबसे तेज गति से रोग पर असरकारी है। इसमें एक बूंद
दवा जीभ (संवेदाग्राही) पर डालते ही तंत्रिका तंत्र के जरिए वह प्रभावी हो जाती है। इसके पेशेन्ट मैनेजमेंट सिस्टम में रोगी के मन, विचार, स्वभाव और नेचर का पूरा रिकार्ड सुरक्षित रखा जाता है।

‘मछली मानव’ का भी इलाज

कश्मीर के पुलगांव में रहने वाले 11 वर्ष के एक बच्चे को ‘इप्थियोसिस’ नामक गंभीर बीमारी हो गई, जिसमें त्वचा पर मछली नुमा स्केल हो जाते हैं। इसलिए ऐसे रोगी को ‘मछली मानव’ कहा जाता है। इस रोगी की त्वचा 70 प्रतिशत प्रभावित थी। जेनेटिक डिसआर्डर होने से एलोपैथी में इसका इलाज नहीं हो सका था। उसने कोटा से क्लासिकल होम्योपैथी इलाज लिया और 8 माह में पूरी तरह स्वस्थ हो गया।

क्लासिकल होम्योपैथी निःशुल्क शिविर 12 व 13 मई को


कोटा। क्लासिकल होम्योपैथी की अत्याधुनिक चिकित्सा पद्धति से लोगों को रूबरू कराने के लिए 12 व 13 मई को उत्कर्ष होम्योपैथिक क्लिनिक एंड रिसर्च सेंटर द्वारा महावीर नगर द्वितीय, कोटा में प्रातः 9 से 1 बजे तक दो दिवसीय विशाल निःशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित किया जा रहा है।
उत्कर्ष होम्योपैथिक क्लिनिक एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डा. उदयमणि कौशिक ने बताया कि चिकित्सा शिविर में रोगी के स्वभाव, विचारों व मानसिक लक्षणों का अध्ययन कर अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर की सहायता से उपचार किया जाएगा।

क्लासिकल होम्योपैथी द्वारा कई लाइलाज बीमारियों जैसे- सोरायसिस, गंजापन, बाल झड़ना, सफेद दाग, थायरायड, माइग्रेन, गठिया, सभी तरह की एलर्जी, पुराना जुकाम, डिप्रेशन और सभी तरह की मनोवैज्ञानिक समस्याओं के साथ ही खांसी, जुकाम, बुखार, उल्टी, दस्त, चेचक, डेंगू आदि जैसी गंभीर बीमारियों को कम समय में जड़ से ठीक किया जा सकता है। इस होम्योपैथी उपचार में कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं।

100 मरीजों को ठीक होने तक निशुल्क परामर्श
डा.कौशिक ने बताया कि शिविर में 100 जरूरतमंद मरीजों का चयन किया जाएगा जिन्हें पूरी तरह से ठीक होने तक संस्थान की ओर से निःशुल्क परामर्श उपलब्ध कराया जाएगा। शिविर में असुविधा से बचने के लिए रोगी मो. 9414260806, 8890687600 पर पहले रजिस्टेªशन करवा सकते है।

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