न्यूजवेव @ कोटा
भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं कोटा उत्तर विधानसभा के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने राज्य सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए आश्चर्य जताया कि लिक्विड ऑक्सीजन का टैंकर जो कोटा पहुंचना था उसे कोटा की बजाए जोधपुर भेज दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज कोटा में मंगलवार प्रातः ऑक्सीजन प्लांट में अचानक ऑक्सीजन सिलंडरों की कमी पड़ गई, जिससे भर्ती कोरोना मरीजो में हड़कंप मच गया और कोविड वार्ड में भर्ती कई गंभीर मरीजांे की जिंदगी दांव पर लग गई।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री किसी एक जिले या संभाग का नहीं होता वरन् अपितु पूरे प्रदेश का होता है। कोरोना महामारी के दौरान जहां एक और चिकित्सक, नर्सिंगकर्मी व सफाईकर्मी अपनी पूरी मेहनत एवं लगन से कार्य कर रहे हैं, वहीं सरकार का भी दायित्व बनता है कि सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन साधन एवं संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दें।
गुंजल ने कहा कि स्थानीय विधायक एवं सरकार में स्थानीय मंत्री को चाहिये कि इन दिनों जयपुर रहने की बजाय कोटा में ही आपातकालीन कैम्प करके रेमडीसिवर इंजेक्शन, ऑक्सीजन आदि संसाधनों की मॉनिटरिंग करें जिससे जरूरत के समय इनकी कोई कमी नही आ सके। इन दिनों कोटा शहर में मेडिकल कॉलेज सहित सभी सरकारी एवं प्राइवेट अस्पतालों के आईसीयू में ऑक्सीजन की भयंकर कमी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सरकार को इसे अविलम्ब दूर करना चाहिये, जिससे पीडित रोगियों की जान बचाई जा सके।
कोटा में कोरोना पीडितों को नहीं मिल पा रही ऑक्सीजन
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