– गेंहू से एलर्जी के कारण सीलियक डिजीज से हुई थी ग्रसित, अब पूरी तरह स्वस्थ है
न्यूजवेव@ कोटा
शहर के सैन्य क्षेत्र में रहने वाले कमल सिंह की 5 वर्षीय बेटी को क्लासिकल होम्योपैथी के इलाज से असाध्य बीमारी से छुटकारा मिल गया है। गेंहू से एलर्जी होने के कारण वह सीलियक डिजीज की चपेट में आ गई थी। जिससे शरीर का विकास नहीं होना, लगातार दस्त बने रहने से भयंकर कमजोरी के साथ ही हर 10-15 दिनों में वह बीमार हो जाती थी।
एलौपथी सहित कई जगह इलाज कराने के बावजूद उसे कोई राहत नहीं मिली।
पिता कमल सिंह ने बताया कि बेटी को गेहूं (ग्लूटेन प्रोटीन) से एलर्जी की बीमारी का पता चला जिसे सीलीयक डिजीज कहते हैं। इसका कोई भी इलाज नहीं है ।
इस पर उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सक डॉ. उदयमणि कौशिक से सलाह ली। उन्होंने रोगी के स्वभाव, हावभाव और व्यवहार के विस्तृत अध्ययन के आधार पर क्लासिकल होम्योपैथी से चिकित्सा प्रारंभ की जिससे शुरू के 20 दिन बाद उसकी स्थिति में तेजी से सुधार आने लगा और आठ महीने के बाद उसकी टीटीजी जांच करवाने पर वो बिलकुल सही आई। इस बीच उसका वजन भी बढने लगा। लगातार बने रहने वाले दस्त भी पूरी तरह से ठीक हो गए।
इन बीमारियों में प्रभावी है क्लासिकल होम्योपैथी-
पिछले 20 वर्षों से क्लासिकल होम्योपैथी से लाइलाज बीमारियों का प्रभावी उपचार कर रहे वरिष्ठ चिकित्सक डॉ उदयमणि कौशिक ने बताया कि केवल बीमारी के नाम पर न जाकर यदि रोगी के मन, विचारों और मानसिक लक्षणों का विस्तृत अध्ययन कर, क्लासिकल होम्योपैथी के सिद्धांतों पर आधुनिक सॉफ्टवेयर की सहायता से चिकित्सा की जाए तो सोरायसिस, एक्जीमा, सभी तरह की एलर्जी, माइग्रेन, गठिया, थायराइड,, गंजापन , सफेद दाग, पथरी और डिप्रेशन, याददाश्त में कमी, नींद असंतुलन, शीजोफ्रेनिआ, ओ.सी.डी. जैसी जटिल बीमारियों के साथ ही खांसी, जुकाम, बुखार, उल्टी, पेटदर्द एवं चिकनपॉक्स, स्वाइन फ्लू, डेंगू आदि मौसमी बीमारियों को भी बहुत कम समय में जड़ से ठीक किया जा सकता है।