न्यूजवेव@ कोटा
शहर के पाटनपोल स्थित नामदेव धर्मशाला में जनहितैषी आयुर्वेदिक चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू, डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, डायबिटीज, पथरी, सफेद दाग (ल्यूकोडर्मा) आदि से ग्रसित रोगियों का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है।
यहां वै़द्य रामेश्वर नाथ नागर एक्यूप्रेशर व होम्योपैथी के जरिये मरीजों को औषधियां दे रहे हैं। सन् 2002 से संचालित जनहितैषी आयुर्वेदिक समिति 55 वर्ष पूर्व पंजीकृत है। समिति का धर्मार्थ चिकित्सालय घोडे़ वाले चौराहा पर भी चल रहा है। 20 वर्ष पूर्व डिविजनल अकाउंट्स अफसर के पद से रिटायर 85 वर्षीय नागर ब्राह्ाण संस्था में दो बार अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक चिकित्सालय में स्वाइन फ्लू, डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, डायबिटीज, पथरी, सफेद दाग (ल्यूकोडर्मा) आदि बीमारियों के 54,091 रोगियों को पिछले तीन वर्षों में जनसहयोग से 1 लाख रूपये से अधिक राशि की औषधियां वितरित की जा चुकी है।
दानदाताओं को आयकर छूट
उन्होने बताया कि अस्पताल में सुबह-शाम 20 से अधिक गरीब रोगी रोज आते हैं तो निजी अस्पतालों में महंगा उपचार करवाने में सक्षम नहीं हैं। आयुर्वेदिक इलाज लेने से कोई साइड इफेक्ट नहीं होते हैं तथा उन्हें स्थायी लाभ मिलता है। रोगी से कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, वे स्वैच्छा से दानपेटी में राशि भेंट कर जाते हैं। इस संस्था में अनुदान देने वाले नागरिकों को 2011 से सरकार द्वारा आयकर में छूट दी जा रही है। अध्यक्ष रामानंद शुक्ला ने बताया कि समिति के दोनों आयुर्वेदिक चिकित्सालय में स्व. मदनमोहन शारदा के पश्चात वैद्य गोविंद शर्मा निःशक्त महिला कैलाश बाई सहित कई बुजर्ग समाजसेवी निशुल्क सेवाएं दे रहे हैं।