मुख्यमंत्री ने ‘डिजीफेस्ट-2018’ में नवाचारों को प्रोत्साहन के लिए राज्य के तीन स्टार्टअप को 15-15 लाख रूपए के पुरस्कार से नवाजा
न्यूजवेव @ बीकानेर
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने बीकानेर में डिजिफेस्ट-2018 के समापन समारोह में राज्य के तीन सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप को भामाशाह टेक्नोफंड से 15-15 लाख रूपए की राशि के चेक सौंपकर सम्मानित किया। इसमें कोटा से मेडकॉर्ड्स हेल्थकेअर को हाडौती से सर्वश्रेष्ठ स्टार्टअप के रूप में चुना गया। मेडकॉर्ड्स के सीईओ श्रेयांस मेहता ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। दो अन्य स्टार्टअप स्किल कनेक्ट एवं बोधी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस को भी 15-15 लाख रू के अवार्ड दिए गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की युवा पीढ़ी के नवाचारों से हर क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी आम जनता तक पहुंच रही हैं। ‘हम सब डिजिटल’ थीम पर बीकानेर में 25 से 27 जुलाई तक तीन दिवसीय डिजीफेस्ट में विभिन्न राज्यों से 1500 युवा इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स व आंत्रप्रिन्योर ने भाग लिया। देश के छोटे शहरों के इंजीनियरिंग कॉलेजों से बड़ी संख्या में टीमें पहंुची और उन्होंने विभिन्न तकनीकी सत्रों में अपने लाइव प्रोजेक्ट दिखाए।
उन्होंने मेडकॉर्ड्स को हेल्थकेअर में नई तकनीक बताते हुए दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए इसे उपयोगी बताया। इससे मरीजों को मोबाइल के जरिए अच्छे चिकित्सकों से सस्ता व सही इलाज समय पर मिल रहा है।
मेडकॉर्ड्स के सीईओ श्रेयांस मेहता ने बताया कि गत वर्ष कोटा की सरकारी डिस्पेंसरी से मेडकॉर्ड्स की शुरूआत की गई थी। आज राज्य के 1800 से अधिक गांवों में 3.5 लाख से ज्यादा मरीज मेडकॉर्डस से अपने हैल्थ रिकॉर्ड को डिजिटल करवा चुके है। सरकारी अस्पतालों के अतिरिक्त प्राइवेट डॉक्टर्स भी मेडकॉर्ड्स से रोगियों का इलाज करने लगे हैं।
देश-विदेश में भेज सकते हैं अपनी हैल्थ रिपोर्ट
सीटीओ निखिल बाहेती ने बताया कि मेडकॉर्ड्स में डाटा व रिपोर्ट सिक्योरिटी, एक्सेसिंग व शेअरिंग तीन ऐसे पहलू हैं, जिससे हर रोगी को पर्सनल हैल्थ असिस्टेंट के रूप में निःशुल्क फायदा मिल रहा है। इसमें सारा डाटा नवीनतम तकनीक एएएस-256 से सुरक्षित रखा जाता है। क्लाउड सर्विसेस से रिकॉर्ड 100 प्रतिशत उपलब्ध हो सकेगा। हर रोगी को मेडिकल प्रोफाइल एक पेज पर मिलती है, जिसे मोबाइल से वे देश-विदेश के विेशषज्ञ को भेजकर इलाज करवा सकते हैं। यह सुविधा कोटा मेडिकल कॉलेज, भीमगंजमंडी, दादाबाडी, रामपुरा सेटेलाइट, झालावाड मेडिकल कॉलेज सहित कई अन्य डिस्पेंसरी में चालू कर दी गई है।