मॉक ड्रिल: सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के दौरान तत्काल शुरू किए राहत व बचाव कार्य
न्यूजवेव @ कोटा
शहर के एक प्रमुख सरकारी भवन पर हवाई हमले से भवन क्षतिग्रस्त होने, उसमें आग लगने, कुछ लोगों के हताहत होने एवं कई लोगों के घायल होने की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस, क्विक रेस्पॉन्स टीम के साथ संभागीय आयुक्त, जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू किये।
मॉक ड्रिल में सभी घायलों को तुरंत एम्बुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाया गया एवं फायर ब्रिगेड की टीमों ने लेडर लगाकर आग में फंसे लोगों को बाहर निकाला। सिविल डिफेंस की टीम राहत अभियान में जुट गई एवं क्षतिग्रस्त बिल्डिंग के मलबे से लोगों को बाहर निकालने का काम तुरंत शुरू कर दिया। बुधवार सायं 4 बजे सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के दौरान इसका पूर्वाभ्यास किया गया।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार 7 मई को देश के कई सिविल डिफेंस डिस्ट्रीक्ट में मॉक ड्रिल की गई। हवाई हमले की सूचना सिविल डिफेंस कंट्रोल रूम में मिलते ही पूरा प्रशासनिक अमला एक्टिव हो गया एवं अधिकारियों के साथ फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस एवं सिविल डिफेंस की टीमें पांच मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गई और राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए। मॉक ड्रिल के दौरान घायलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया। पहली श्रेणी में आग में झुलसे लोग, दूसरी श्रेणी में अत्यन्त गंभीर तथा तीसरी श्रेणी में सामान्य रूप से घायल लोगों को रखा गया। घायलों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधा प्रदान करने का भी पूर्वाभ्यास किया गया।
संभागीय आयुक्त राजेन्द्र सिंह शेखावत एवं जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने बताया कि सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के तहत हवाई हमला होने पर चेतावनी प्रणाली, कंट्रोल रूम की तत्परता, राहत एवं बचाव से जुड़े विभिन्न विभागों का समन्वय एवं हमले के दौरान बिल्डिंग क्षतिग्रस्त होने एवं आग से बचे लोगों को सुरक्षित निकालने के साथ ही घायलों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारियां परखी गई।
मॉक ड्रिल में आईजी कोटा रेंज रविदत्त गौड़, पुलिस अधीक्षक शहर डॉ. अमृता दुहन, एडीएम प्रशासन मुकेश चौधरी, एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला, सिविल डिफेंस के अधिकारी, दोनों नगर निगमों के आयुक्त, फायर ब्रिगेड ऑफिसर एवं आपदा व राहत से जुड़े पुलिस व प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।