Thursday, 13 February, 2025

‘आत्मनिर्भर भारत में बौद्धिक सम्पदा अधिकार’ पर हुई कॉन्फ्रेंस

देश में बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा के लिये प्रभावी कानून
न्यूजवेव @ नई दिल्ली
अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक सम्पदा फोरम (WIPF) द्वारा 8वीं श्रंखला में ‘आत्मनिर्भर भारत में बौद्धिक सम्पदाः नवाचार, संरक्षण व प्रोत्साहन’ थीम पर दो दिवसीय वर्चुअल संगोष्ठी आयोजित की गई। संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुये मुख्य वक्ता पूर्व रेलवे, वाणिज्य व उद्योग मत्री सुरेश प्रभू ने कहा कि वैश्विक दौर में व्यक्ति के बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करना महत्वपूर्ण है। हर मौलिक विचार को संरक्षित रखते हुये उसे पोषित-पल्लवित करें।

Shri Suresh Prabhu

उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को अपने नवाचार को चोरी होने से बचाने के लिये विचारों की सुरक्षा करनी होगी। इससे उस क्षेत्र में नये विचारों का उद्भव होता रहेगा। विचारों की सुरक्षा किसी देश की प्रगति से भी जुडी होती है। भारत नये विचार एवं नवाचार की पवित्र भूमि है। देश में बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा के लिये प्रभावी कानून बनाये गये हैं।
प्रभू ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का मंत्र दिया है। इसको साकार करने के लिये नवाचारों और उनके संरक्षण पर निरंतर कार्य करते रहना है। मौजूदा कोरोना वैश्विक महामारी के दौर में हम प्रत्येक क्षेत्र में नवाचार करें, साथ में नवाचारों की सुरक्षा पर भी उतना ही फोकस करें।
देशभर से 500 प्रतिभागी हुये शामिल 

अंतरराष्ट्रीय बौ़िद्धक सम्पदा फोरम (WIPF) की वैश्विक संगोष्ठी में 500 प्रतिभागियों ने वर्चुअल प्लेटफार्म के माध्यम से भाग लिया। जिसमें 70 प्रमुख वक्ताओं ने बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के विभिन्न पहलुओं पर अपने अनुभव साझा किये। इनमें बौद्धिक सम्पदा विशेषज्ञ प्रवीण आनंद, नरेंद्र सभरवाल, डॉ. अमित कुमार तिवारी, जीआर राघवेंद्र, डॉ. परेश सी.दवे, डॉ. केएस करदम, डॉ.सौरभ खेमानी, अमरजीत सिंह, प्रो. परमेश्वर पी.अय्यर, जतिन त्रिवेदी, डॉ. निधि बुच एवं बिंदु शर्मा ने आईपीआर के नवीनतम पहलुओं को समझाया। आईपी उद्योग विशेषज्ञों ने आयोजक नवीन अग्रवाल एवं जीत अग्रवाल द्वारा वर्चुअल कॉन्फ्रेंस आयोजित करने पर आभार जताया।
आई.पी.मोमेंट के निदेशक डॉ.परेश सी.दवे ने बताया कि इंटेलेक्चुअल प्रोफेशनल्स LLP सम्पूर्ण एशिया में बौद्धिक सम्पदा अधिकार के क्षेत्र में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। इनका उद्देश्य शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों, वकीलों सहित कॉर्पोरेट घरानों से जुडे़ लोगों को आईपीआर के जरिये एक सूत्र में पिराना है। सामाजिक-आर्थिक पिछडेपन से संघषरर्त लोगों को नेटवर्किंग से नई जानकारी देकर दक्षता से रूबरू कराना और मूल खोज को सुरक्षा प्रदान करना है।

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