Thursday, 12 December, 2024

रेजोनेंस-दक्षणा ‘स्कालर-50’ बैच के 11 छात्र केवीपीवाय में चयनित

न्यूजवेव कोटा
किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना (केवीपीवाय-2017) के फाइनल रिजल्ट में बूंदी जिले के जवाहर नवोदय स्कूल, सीतापुरा से 11 विद्यार्थी फैलोशिप के लिए चुने गए हैं। ये सभी विद्यार्थी रेजोनेंस-दक्षणा ‘स्कालर-50’ बैच से हैं।

साधारण परिवारों के ये होनहार विद्यार्थी प्रतिवर्ष जेईई-मेन एवं जेईई-एडवांस्ड के साथ ही केवीपीवाय व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी कीर्तिमान बना रहे हैं।

रेजोनेंस के फैकल्टी एवं कार्डिनेटर एसके सिन्हा ने बताया कि केवीपीवाय के पहले चरण में एप्टीट्यूड टेस्ट में क्वालिफाई करने के बाद एसएक्स-12 बैच (कक्षा-12) के 9 में से 9 बच्चे इंटरव्यू में क्वालिफाई हुए। साथ ही एसए-11 (कक्षा-11) सें 3 में से 2 बच्चे चयनित हुए। स्कूल से कुल 11 विद्यार्थी प्रतिष्ठित केवीपीवाय फैलोशिप के लिए चुने गए है। गत वर्ष इस स्कूल से 8 विद्यार्थी केवीपीवाय में चुने गए थे।

घर से दूर एक गांव के स्कूल परिसर में रहते हुए ये 50 बच्चे स्कूली पढ़ाई के साथ नेशनल प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। सुबह योग-प्राणायाम एवं शाम को खेलकूद इनकी दिनचर्या में शामिल है। शांत शैक्षणिक वातवरण में रेजोनेंस की अनुभवी फैकल्टी 50 विद्यार्थियों को लक्ष्य के प्रति फोकस रखती है। नियमित सही गाइडेंस मिलने से इस बैच के 95 प्रतिशत से अधिक बच्चे प्रतिवर्ष सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा, केवीपीवाय, जेईई-मेन एवं जेईई-एडवांस्ड में सलेक्ट हो रहे हैं।

सिन्हा ने बताया कि एसएक्स-12 बैच में कक्षा-12वीं के छात्र अकरम खान, अर्पण सिंह, अरविंद कुमार, धर्मेंद्र अहीरवार, संजय कुमार, सौरभ वर्मा, सौमया रंजन पात्रा, उमेश परमार, युवराज गर्ग स्कूल में साथ-साथ पढ़ते हुए केवीपीवाय में एक साथ चयनित हुए। इसके अतिरिक्त एसए-11 में अर्पित मेहर एवं विनय कुमार भी फैलोशिप के लिए क्वालिफाई हुए।

ये सभी प्रतिभाशाली बच्चे विभिन्न राज्यों के गांव-कस्बों में रहने वाले छोटे किसान व मजदूर परिवारों से हैं। रेजोनेंस व दक्षणा फाउंडेशन द्वारा प्रतिवर्ष एक लिखित परीक्षा में चयनित होने पर इन्हें 2 वर्ष निशुल्क कोचिंग व स्कूली शिक्षा दी जाती है। वर्षपर्यंत ये 50 बच्चे मिलकर जेईई-मेन, एडवांस्ड एवं केवीपीवाय सहित अन्य ओलिम्पियाड की तैयारी करते हैं।

केवीपीवाय में चयनित कक्षा-12वीं के छात्र उमेश परमार ने बताया कि पिता मानसिंह मप्र के शाजापुर जिल में छोटे से गांव पोथनेर में खेती करते हैं। कक्षा-6 से नवोदय में पढते हुए 2 वर्ष से यहां आने के बाद प्रवेश परीक्षाओं के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा है। उसने कहा कि रेजोनेंस की फैकल्टी से हर सब्जेक्ट में बहुत इम्प्रवमेंट हुआ। बैच में अच्छा स्कोर होने से उसे इस वर्ष जेईई-एडवांस्ड में भी अच्छी रैंक मिलने की उम्मीद है।

5 वर्ष तक मिलेगी फैलोशिप

केवीपीवाय में चयनित विद्यार्थियों को बेसिक साइंस एवं रिसर्च में कॅरिअर बनाने के लिए केद्र सरकार द्वारा 5 वर्ष तक फैलोशिप दी जाती है। इनमें 12वीं के बाद आईआईएसईआर या अन्य उच्व तकनीकी शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने पर बीएससी, बी स्टेट, बी मैथ, बीएस, एमएससी या एमएस के लिए पहले 3 वर्ष तक 5000 रू मासिक पफैलोशिप एवं 20,000 वार्षिक ग्रांट दी जाती है। इसके बाद इंटीग्रेटेड कोर्सेस एमएससी, एमएस आदि के लिए स्कालरशिप 7000 रू. प्रतिमाह एवं 28,000 रू. वार्षिक ग्रांट दी जाती है।

ऐसे बच्चों पर गर्व है
हमें गर्व है कि प्रतिवर्ष जेईई-मेन, एडवांस्ड एवं केवीपीवाय में सर्वाधिक सफलता का कीर्तिमान रचने वाले निर्धन परिवारों के ये बच्चे कड़ी मेहनत करते हुए अपने गांव व राज्य के साथ देश का नाम रोशन कर रहे हैं। दक्षणा फाउंडेशन एवं संस्थान के फैकल्टी प्रतिवर्ष ऐसे बच्चों को शत-प्रतिशत सफलता दिलाने के लिए कटिबद्ध हैं।
– आर.के.वर्मा, प्रबंध निदेशक, रेजोनेंस

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