जेईई-एडवांस्ड 2020: सामान्य वर्ग के 41067 और ओबीसी के 56643 स्टूडेंट्स है
न्यूजवेव@ नईदिल्ली
जेईई-एडवांस्ड,2020 में एक दिलचस्प तथ्य सामने आया है। सामान्य वर्ग के छात्रों की तुलना में OBC उम्मीदवारों की संख्या 40 फीसदी ज्यादा है। 2008 से OBC आरक्षण लागू होने के बाद IIT के इतिहास में पहली बार सामान्य वर्ग के 41,067 और ओबीसी के 56,643 स्टूडेंट्स जेईई-एडवांस्ड एग्जाम देंगे। अर्थात सामान्य वर्ग की तुलना में OBC के 15576 (40 फीसदी) छात्र ज्यादा हैं।
याद दिला दें कि OBC आरक्षित सीटों की संख्या 27 फीसदी (3780) है। इस हिसाब से OBC कैटेगरी से 56,643 छात्र शामिल हो रहे हैं। जेईई मेन के आंकड़े देखें तो यहां सामान्य श्रेणी के 3.9 लाख छात्रों की तुलना में OBC वर्ग के 4.02 लाख उम्मीदवार थे। खास बात यह है कि OBC छात्राओं की संख्या भी बेहद ज्यादा हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) का तर्क है कि सभी एग्जाम में 2019 से OBC वर्ग के उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है। खासकर जेईई व नीट एग्जाम में यह संख्या चौंकाने वाली है। OBC छात्रों के लिए पारिवारिक आय के स्तर में वृद्धि का फैसला भी इसमें मुख्य भूमिका निभा रहा है। 2017 में OBC क्रीमि लेयर के लिए वार्षिक आय की सीमा 6 लाख रुपए से बढ़ाकर 8 लाख रुपए कर दी गई। इसका फायदा भी इस कैटेगरी को मिल रहा है।
ओपन कैटेगरी को पीछे छोड़ने की शुरुआत 2019 में होने लगी थी, क्योंकि-जेईई मेन में सामान्य का स्कॉर 89.7544 तो OBC का 74.3166 पर्सेंटाइल था।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि सीट आरक्षण और कटआफ नीचे होने का लाभ भी मिल रहा है। विशेषज्ञ उदाहरण देते हैं कि जेईई मेन 2020 में सामान्य श्रेणी के छात्रों की कट ऑफ 90.3765355 पर्सेंटाइल थी, जबकि ओबीसी के लिए 72.8887969 पर्सेंटाइल रहा। जेईई एडवांस्ड में भी यही गणित देखने को मिल सकता है।
IIT प्रत्येक केटेगरी के लिए अलग मेरिट सूची जारी करते हैं। उदाहरण के लिए, अगर कोई ऐसा छात्र हैं जो OBC मेरिट सूची में रैंक&1 पर है तो उसकी AIR-25 होती है। उसे सामान्य श्रेणी की खुली सीट लेने का अधिकार भी है।
इस बदलाव की शुरुआत 2017 से होने लगी थी। जेईई-एडवांस्ड,2017 में 64,000 OBC स्टूडेंट्स नॉन क्रीमी लेयर से थे, जबकि 69,000 स्टूडेंट्स जनरल कैटिगरी के थे। विशेषज्ञों का कहना है कि जेईई-मेन क्वालिफाई करने वाले कई छात्र एडवांस्ड में रजिस्ट्रेशन ही नहीं करते। इस वजह से भी इन आंकड़ों में काफी अंतर देखने को मिल रहा है।
इस अंतर पर स्टडी करने की जरूरत : एक्सपर्ट
- आईआईटी रुड़की से बीटेक स्नेपडील, गुरूग्राम के प्रॉडक्ट मैनेजर अंचित गुप्ता इसे दो फैक्ट से समझाते हैं। वे कहते हैं-ओबीसी के छात्रों को अब आरक्षण का गणित समझ आ रहा है। इसलिए वे अपने मौके को भुना रहे हैं। दूसरा-नए IIT व NIT में ज्यादा अंतर नहीं रह गया है। इसलिए 70 से 75 फीसदी अंक वाले छात्र जेईई मेन के बाद ही एनआईटी चले जाते हैं। इसकी वजह है कि मेन में एडवांस्ड के मुकाबले कम ही मेहनत लगती है।
- जेईई एक्सपर्ट सत्यपाल शिवरान कहते हैं-सामान्य की तुलना में इस बार ओबीसी कैटेगरी के छात्रों की संख्या बढ़ोतरी हैरान करने वाली है। वे कहते हैं-जेईई एडवांस्ड में देरी की वजह से कई बड़े इंस्टीट्यूट पहले ही अपनी काउंसलिंग करा चुके हैं। इसलिए सामान्य वर्ग के छात्र वहां शिफ्ट भी हो चुके हैं। इस अंतर पर स्टडी की जरूरत है।
जेईई एडवांस्ड के रजिस्ट्रेशन में बदलाव
Cat. 2020 2019 2018
CRL 41067 54675 63438
OBC 56643 57543 61537
SC 25577 27862 26724
ST 11756 12152 1990
EWS 25788 16604 —
(IIT दिल्ली से प्राप्त आंकड़े। IIT में 2019 में ही EWS कोटा लागू किया गया)
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