22 अप्रेल को कोटा में होगा ऐतिहासिक प्रवेश
न्यूजवेव@ कोटा
परम पूज्य आचार्यश्री निर्मल सागरजी महाराज गिरनार गौरव की परम शिष्या 108 गणिनी आर्यिका विशुद्धमती माताजी अपने संघ के साथ पावन शैक्षणिक नगरी कोटा की ओर बढ़ रही है। टोंक से विहार करती हुई वे सवाईमाधोपुर से कोटा की ओर आ रही है।
सोमवार को केशवरायपाटन में पूज्य माताजी का प्रवेश हुआ। सवाईमाधोपुर से विहार में कोटा के जैन समाजबंधु साथ में चल रहे है। दिन प्रतिदिन बडी संख्या में नागरिक माताजी के दर्शन हेतु विहार में पहुंच रहे है। विशुद्धमती माताजी इतने बड़े संघ के साथ कोटा की धरती पर चरण पड़ेगें।
माताजी के कोटा में आगमन से कोटा जैन समाज सहित पूरे शहर में धर्मलाभ से संस्कारमय धार्मिक भावना जागृत होगी। दिन प्रतिदन सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यम से उनके प्रवचन सुनने को मिलेंगे।
10 वर्षों बाद कोटा में विहार
गणिनि आर्यिका विशुद्धमती माताजी के पावन सान्निध्य में वर्ष 2008 में कोटा में चातुर्मास और 9 माताजी का ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव मल्टीपरपज स्कूल में हुआ था।
यह पहला अवसर है जब कोटा में दीक्षा लेने वाले सभी दीक्षार्थी इतने वर्षों तक भ्रमण करते हुए पहली बार आ रहे है। साधु कभी एक जगह नहीं रूकते। उनका लगातार चातुर्मास के अलावा विहार होता है।
शहर में 22 अप्रेल रविवार को स्टेशन जैन मंदिर से मेन रोड़ होते हुए कलेक्ट्री, नयापुरा, व स्टेडियम तक भव्य शोभा यात्रा निकाली जायेगी। यह ऐतिहासिक प्रवेश होगा। इस प्रवेश में सम्पूर्ण जैन समाज, सभी समितियां, सभी मण्डल, गु्रप शामिल होंगे। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक राजमल पाटोदी, जे.के.जैन एवं नरेश जैन द्वारा यह जानकारी दी गई।