Wednesday, 16 April, 2025

आर्यिका 105 विशुद्धमति माताजी ने सर्वाधिक 36 दीक्षाएं दी

जैन महाकुंभ : तीन दिवसीय स्वर्णिम संयम दीक्षा महोत्सव में आस्था का सैलाब

न्यूजवेव @ कोटा

महाव्रतों की अवधारिणी पं.पू.गणिनी आर्यिका 105 श्री विशुद्धमति माताजी का 50वां स्वर्णिम संयम दीक्षा महोत्सव 7 से 9 मार्च को कोटा में मनाया जा रहा है। जैन समाज के इस महाकुम्भ में देशभर से जैन धर्मावलम्बी कोटा आ रहे हैं। उन्होंने अब तक सर्वाधिक 36 दीक्षाएं दी हैं।

श्री विज्ञमति माताजी ने कहा कि बच्चों की परीक्षाएं होने के बावजूद भक्तों की महाव्रत आराधना में हजारों श्रद्धालु परिवार कोटा आ रहे हैं। 1970 में दीक्षित आर्यिका 105 श्री विशुद्धमति माता जी ने 1971 में नारियों के दीक्षा संस्कार की शुरूआत की। जब वे महज 20 वर्ष की थी तब से आज तक नारी दीक्षा जारी हैं। ब्रह्मचर्य व्रत से नारी के सर्वोच्च पद आर्यिका दीक्षा देने का कीर्तिमान उन्होंने स्थापित किया हैं। ग्वालियर की आदर्श गाणिनी चिरसाधिका के विशुद्ध श्रीचरणों से दिगम्बर हो या श्वेताम्बर, जैन हो या जैनेतर सभी आशीर्वाद लेकर समृद्धि की ओर बढ रहे हैं। जैन समाज बडनगर और खाचरोद ने 2013 में जन्मजयन्ती पर्व पर उन्हें ‘त्रिलोक कल्याणी’ की उपाधि से नवाजा था।

कोटा में जैनेश्वरी भगवती दीक्षा संभव

वे 20वी सदी की प्रथम बाल ब्रह्यमचारिणी हैं। सर्वाधिक दीक्षा प्रदात्री होने से उनको ‘वात्सल्य जीवंत मूर्ति’ पुकारा जाता है। सहज स्वभावी, विनयावनत आर्यिका 105 श्री विशुद्धमति माताजी की वाणी से मधुरता और समृद्धि का अमरत्व बरसता है। पीडित, दुखी, संक्लेशी प्राणि को सुख-समृद्धि से परिपूर्ण करना उनका स्वभाव हैं। 2019 में कोटा में जैनेश्वरी भगवती दीक्षा भी है, जहां पूज्य गणिनी आर्यिका श्री विशुद्धमति माता जी ने धर्म ध्वज का मान बढाया हैं। महिला शिक्षा के लिये कोटा में ‘जैन बालिका छात्रावास‘ की नींव रखी हैं।

अब तक 36 दीक्षायें प्रदान की


1. 1961 में श्री विमुक्तमति माताजी 2. 1969 में श्री ज्ञानमती माताजी 3. 1970 में श्री रतनमति माताजी 4. 1970 में आर्यिका श्री शांतिमति माताजी 5. 1970 में श्री संयममति माताजी 6. 1970में श्री विमलमति माताजी 7. 1971 में कुन्थमति माताजी 8. 1972 में श्री विनयमति माताजी 9. 1977 में श्री यशमति माताजी 10. 1980 में श्री आदिमति माताजी 11. 1985 में श्री विजयमति माताजी 12. 1985 में श्री चारित्रमति माताजी 13. 1985 में श्री विभूषणमति माताजी 14. 1986 में श्री शिवमति माताजी 15. 1989में श्री विशिष्टमति माताजी 16. 1991में श्री विरक्तमति माताजी 17. 1993में श्री विनितमती माताजी 18. 1993में श्री विकासमति माताजी 19. 1993 में श्री विभवमति माताजी 20. 1994 में श्री विलक्षणमती माताजी 21. 1994 में श्री विभूषितमति माताजी 22. श्री विश्वस्तमति माताजी 23. 2006 में श्री विमोहमति माताजी 24. 2006में श्री विहर्षमति माताजी 25. 2008 में श्री विज्ञमति माताजी 26. श्री विशौर्यमति माताजी 27. श्री विजितमति माताजी 28. श्री विदितमति माताजी 29.श्री विराटमति माताजी 30. श्री विकर्षमति माताजी 31. श्री विश्वमति माताजी 32. श्री विशेषमति माताजी 33 श्री विवर्धमति माताजी 34. 2011 में श्री विदुषीमति माताजी 35. 2015 में श्री बिन्दुमति माताजी 36. 2015 में श्री विश्रुतमति माताजी ।

(Visited 1,168 times, 1 visits today)

Check Also

चैत्र नवरात्र में श्री फलौदी माताजी महाराज के अलौकिक दर्शन

खैराबाद के मंदिर परिसर में 9 दिवसीय कन्याभोज में दिखा उत्सवी वातावरण न्यूजवेव @ रामगंजमंडी/कोटा …

error: Content is protected !!