Tuesday, 23 April, 2024

फिजिक्स में 5 गोल्ड मेडल जीतने वाली अदिति जैन चली संयम के मार्ग पर

राष्ट्रीय स्वर्णिम संयम दीक्षा महोत्सव : कोटा यूनिवर्सिटी की टॉपर अदिति ने लिया ब्रह्मचर्य व्रत, गणिनी आर्यिका डॉ.विशुद्धमति माताजी से मांगी दीक्षा, माताजी ने दिया आजीवन संयम का व्रत
न्यूजवेव कोटा
कोटा यूनिवर्सिटी से एसएससी करते हुये जिसने फिजिक्स में पांच गोल्ड मेडल प्राप्त किए, उस यूनिवर्सिटी टॉपर अदिति जैन ने शनिवार को अनायास मंच पर पहुंचकर माइक से घोषणा कर दी कि वह आज से ब्रह्मचर्य व्रत ले रही हैं। उसने गुरू मां गणिनी आर्यिका डॉ.विशुद्धमति माताजी विशुद्धकुल में शामिल करने की प्रार्थना की। समूचा पांडाल युवती अदिति की बात को सुन स्तब्ध रह गया। आध्यात्मिक वातावरण में माना दिव्य उर्जा प्रवाहित होने लगी। युवती के परिजनों को जब मंच पर बुलाया गया तो उनके हृदय से आंसू बह निकले।

स्वर्णिम संयम दीक्षा महोत्सव में पांच श्वेत वस्त्र धारण महिलाएं नृत्य करते हुए मंच के सम्मुख पहुंची और विशुद्धमति माताजी से प्रतिमा व्रत देने की विनती की। विशुद्धमति माताजी के साथ में संघस्थ प्रियंका दीदी ने भी माताजी से दीक्षा का आशीर्वाद देने का आग्रह किया। आस्था के इसी प्रवाह में इनके साथ रंगीन वस्त्रों में 22 वर्षीया युवती अदिति ने माईक थामा तो हर कोई उसे सुनने को आतुर हो उठा।

मैं भी आपके जैसी बनना चाहती हूं…


अदिति जैन ने कहा कि तीन दिन से वह मंच पर पहुंचकर माईक थामने की कोशिश कर रही थी, लेकिन बहुत प्रयासों के बाद आज मुझे अवसर मिला है। उसने आत्मविश्वास के साथ कहा कि गुरू मां मुझे आजीवन ब्रह्मचर्य का व्रत, दो प्रतिमा व्रत, संयम की चूनरी व धवल वस्त्र प्रदान करें। मैं भी आपके जैसी बनना चाहती हूं। मैं भी संयम के मार्ग पर चलना चाहती हूं। उसने कहा कि 10 वर्ष पहले भी माताजी कोटा आई थी। तब से वह उनसे अभिभूत हो गई। रात को फिजिक्स की पढाई करते समय मन में दीक्षा का ख्याल आया तब से नींद गायब हो गई। अब तो मुझे अपनी शरण में ले लो गुरू मां। उसने एक गीत की पंक्तियां गुनगुनाई-‘मेरे सर पर रख दो गुरू मां अपने दोनों हाथ, देना हो तो दीजिए संयम का उपवास, तेरा अहसान होगा, मेरा उपकार होगा।

युवती के मन की पुकार सुन आर्यिका विज्ञमति माताजी ने युवती के परिजन कैलाशचन्द जैन, मोहित जैन, पंकज जैन, जितेन्द्र जैन को मंच पर बुलाया। युवती द्वारा अचानक की गई घोषणा से समूचा जैन समाज अवाक् रह गया, स्नेह में बंधे परिजनों की रूलाई फूट पड़ी। वे नम आंखों से मंच पर आए और गणिनी विशुद्धमति माताजी को श्रीफल भेंट किया और माताजी को भारी मन से श्रद्धानवत होकर अनुमति प्रदान की।

आजीवन संयम व्रत ग्रहण किया

इस कारूणिक माहौल में परिजनों की आंखों में आंसू थे, वहीं पिता कैलाश जैन द्वारा अनुमति दिए जाने पर अदिति खुशी से झूम उठी। इसके बाद विशुद्धमति माताजी ने अदिति को आजीवन चप्पल का त्याग, आजीवन रंगीन वस्त्रों का त्याग, आजीवन संयम व्रत के नियमों को ग्रहण कराया। याद दिला दें कि अदिति जैन ने कोटा में एमएससी की पढाई के दौरान फिजिक्स में पांच गोल्ड मेडल प्राप्त किए हैं। वहीं कोटा यूनिवर्सिटी की टॉपर भी रही। परिवार में चार विवाहित बहिनें हैं। अदिति के पिता कैलाश जैन बाजटा वाले थोक की किराने की दुकान लगाते हैं।

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