अ.भा.मेड़तवाल वैश्य समाज ने जन अभियोग निराकरण समिति के माध्यम से मुख्यमंत्री व जल संसाधन मंत्री को दिया ज्ञापन
न्यूजवेव@ कोटा
अखिल भारतीय मेडतवाल (वैश्य) समाज ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को ज्ञापन भेजकर मांग कि रामगंजमंडी तहसील में ताकली नदी पर निर्माणाधीन बांध का नामकरण ‘मां फलौदी बांध’ रखा जाये, जिससे यह बांध पर्यटक स्थल के रूप में देश-विदेश के पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन सके।
समाज के राष्ट्रीय महामंत्री विष्णु प्रसाद करोडिया, मंडावर ने जन अभियोग निराकरण समिति के प्रदेश अध्यक्ष पुखराज पाराशर एवं राज्य स्तरीय समिति के सदस्य राजेश गुप्ता करावन को पत्र लिखकर मांग की कि रामगंजमंडी से 1 किमी दूर खैराबाद कस्बे में श्री फलौदी माताजी महाराज का देश का इकलौता मंदिर होने से यह तीर्थ स्थल है। सिद्धपीठ के रूप में हर वर्ग के लाखों श्रद्धालुओं का वर्षपर्यंत आवागमन होता है। मां फलौदी के नाम पर प्रत्येक 12 वर्ष में यहां द्वादशवर्षीय मेला आयोजित होता है, जिसमें देश-विदेश के 1 लाख श्रद्धालु परिवार सहित यहां रहते हैं। इसे ध्यान में रखते हुुये राज्य सरकार ताकली डेम के नाम को फलौदी माता के नाम पर रखने के प्रस्ताव को अनुमति प्रदान करे।
जन अभियोग निराकरण समिति के प्रदेश अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय को पत्र लिखकर आग्रह किया कि नवनिर्मित ताकली बांध को मां फलौदी के नाम पर रखकर इसे प्रदेश के पर्यटक स्थलों की सूची में शामिल किया जाये।
समिति के प्रदेश सदस्य राजेश गुप्ता करावन ने जिला कलक्टर ओ.पी.बुनकर से वार्ता कर उन्हें इस संबंध में पत्र सौपा। उन्होने कहा कि रामगंजमंडी क्षेत्र कोटा स्टोन व धनिया उत्पादन में देश-विदेश में अलग पहचान रखता है। यह राष्ट्रीय राजमार्ग की 6 व 8 लेन से जुडा हुआ है। ताकली डेम का नाम मां फलौदी डेम रखने से यह पर्यटक स्थल बन जायेगा। जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार के नये अवसर भी मिलेंगे।
महत्वपूर्ण है ताकली बांध परियोजना
कोटा जिले के रामगंजमंडी क्षेत्र में 2007 से ताकली नदी पर बांध सिंचाई परियोजना का निर्माण कार्य जारी है। इस योजना से 31 गांवों की 7800 हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जा सकेगा। बांध से दांयी नहर पूर्ण हो चुकी है। बांयी नहर साढे छह किमी लबंी है। इससे 9 किमी तक पाइपलाइन के माध्यम से 21 गांवों के खेतों में ड्रिप सिंचाई होगी। ताकली बांध की कुल भराव क्षमता 3574 एमएलडी होगी। 1284 हेक्टेयर भूमि में पानी का भराव रहेगा। बांध की पाल 5385 मीटर होगी, जिससे बरसाती पानी भी इसमें रूकेगा।