रविवार को एक सांड ने दुकान का कांच तोड़ा, बच्चों का सडकों पर निकलना हुआ मुश्किल
न्यूजवेव @ कोटा
नये कोटा में पशुपालकों द्वारा बडी संख्या में मुख्य मार्ग के किनारे तबेले बनाकर दूध बेचने का कारोबार दिनोदिन बढ रहा है। जिससे इन दिनों कोचिंग क्षेत्रों में गाय-भैंस व सांडों के झुड मुख्यमार्गांे पर विचरण करते हुये राहगीरों की परेशानी का मुख्य कारण बन गये हैं। खुली सडकों पर लडते सांडों को देखकर पैदल जाने वाली कोचिंग छात्राओं में भय व्याप्त है। ये कई बार आपस में लड़कर वाहनों को क्षतिग्रस्त करते हैं तो कई बार जानलेवा हमले कर बेकसूर बच्चों व लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
ऐसी ही एक घटना रविवार दोपहर महावीर नगर प्रथम स्थित पत्रकार कॉलोनी में हुई, जिसमें एक सांड ने यहां स्थित चम्बल जेरोक्स दुकान में लगे कांच को अपने सींगों से तोड़ दिया। दोपहर में घटना के वक्त दुकान मालिक दुकान में नहीं थे। पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में इन दिनों खुले मवेशियों एवं श्वानों की संख्या काफी बढ़ गई है। ये कब किस पर हमला कर दें, पता नहीं। श्वानों के काटने की घटनाओं के चलते यहां बच्चों का घर से निकलना तक बंद हो गया है। रात को अंधेरे में कोई नागरिक अकेले निकलता है तो श्वानों का झुंड भौंकते हुये उसके पीछे पड़ जाता हैं, कई बार दिन में ही कोचिंग छात्रों को काटने के लिए दौड़ पड़ते हैं।
पशुपालको का तबेले बनाकर सरकारी भूमि पर कब्जा
इस मुद्दे पर जन अधिकार संस्थान, राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष शैलेन्द्र कुमार जैन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जनहित में तुरंत कार्यवाही करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोटा को कैटल फ्री शहर बनाने की घोषणा की गई थी, लेकिन केडीए की देवनारायण पशुपालक योजना में सस्ती दरों में आवासीय भूखंड आवटित करने के बावजूद पशुपालक जिम्मेदार अधिकारियों को अंगूठा दिखाते हुये तबेले बनाकर सरकारी भूमि पर कब्जा किये हुये हैं। जिससे आवासीय बस्तियों में गंदगी व बदबू फैल रही है।
उन्होंने कहा कि नये सत्र में देशभर से सैकडों कोचिंग छात्र व अभिभावक कोटा आ रहे हैं। ऐसे में खुले मार्गो पर मवेशियो व श्वानों के आतंक से कभी भी बड़ी घटना हो सकती है। इस संबंध में उन्होंने पूर्व में भी पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन समस्या और बढ गई है।